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शिक्षा की बहार, ज्ञान का संचार, राज्य बाल कल्याण परिषद आपके द्वार-प्रवीण अत्री

शिक्षा के माध्यम से बच्चों के जीवन में उजाला करना परिषद का उद्देश्य-प्रवीण अत्री


गरीब तबके के बच्चों के उत्थान के लिए कार्य योजनाएं तैयार कर रही परिषद-अनिल मलिक


हरियाणा राज्य बाल कल्याण परिषद के मानद महासचिव ने स्कूल प्रतिनिधियों के साथ मीटिंग कर बनाई परियोजना की रूपरेखा

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पंचकूला नवंबर 23: कोई भी बच्चा ऐसा नहीं होता जो स्कूल जाना या शिक्षा ग्रहण करना नहीं चाहता। बस संसाधनों के अभाव में कुछ ख्वाहिशें और कुछ सुनहरे सपने मन में दबे रह जाते हैं। बच्चों की उन्हें ख्वाहिशों और सपनों को पूरा करने के लिए हरियाणा राज्य बाल कल्याण परिषद उनके जीवन में नई परियोजना के माध्यम से नए उजाले की एक किरण लेकर आई हैं।


हरियाणा राज्य बाल कल्याण परिषद, राज्य भर के गरीब, असहाय, आश्रित बच्चों के उज्जवल भविष्य निर्माण एवं नि:शुल्क शिक्षा की व्यवस्था करने हेतु तत्पर है।  उक्त अभिव्यक्ति सेक्टर 15 स्थित शिशु गृह में पंचकूला जिले के प्रिंसिपल्स के साथ मीटिंग के दौरान नई परियोजना ” शिक्षा की बहार, ज्ञान का संचार, राज्य बाल कल्याण परिषद आपके द्वार ” घोषणा करते हुए मानद महासचिव प्रवीण अत्री ने कही।
 उन्होंने कहा कि परियोजना को राज्य भर के बच्चों के लिए शुरू करते हुए वे  गौरवान्वित महसूस कर रहे है।  आने वाले समय में हम और आप मिलकर बच्चों के जीवन को एक नई दिशा प्रदान करने का कार्य करेंगे। शिक्षा के माध्यम से ही बच्चे अपने सपनों को पूरा कर सकते हैं और शिक्षा ही समाज और देश को आगे बढ़ाने का माध्यम है। इसको लेकर परिषद पूरी प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है। अगर बच्चे शिक्षित होंगे तो वह अपने कर्तव्यों का बेहतर निर्वहन तो करेंगे ही अपने अधिकारों की समझ भी उनमें बढ़ने लगेगी। कल वे स्वाबलंबी होंगे तथा राष्ट्र निर्माण में अपनी भूमिका बेहतर तरीके से निभाएंगे।
 बैठक के दौरान मौजूद मंडलीय बाल कल्याण अधिकारी एवं राज्य नोडल अधिकारी, अनिल मलिक ने कहा कि राज्य बाल कल्याण परिषद जिला शाखाओं के माध्यम से गरीब से गरीब तबके के बच्चों के उत्थान के लिए कार्य योजनाएं तैयार कर रही है। राज्य भर के स्कूल तत्परता से अपने सहयोग का हाथ परिषद के साथ बढ़ाने के लिए तत्पर हैं। अब समय आ गया है कि हम स्वयं बच्चों के बेहतर कल्याण हेतु उन तक पहुंच कायम करके विभिन्न परियोजनाओं का लाभ प्रदान करें।

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 प्रवीण अत्री ने बताया की चिन्हित/ चयनित बच्चों की शिक्षा निरव्यवधान बारहवीं या अधिकतम आयु 18 वर्ष पूरी होने तक स्कूल और राज्य बाल कल्याण परिषद तथा सभी संबंधित जिला बाल कल्याण परिषद शाखाओं के माध्यम से जारी रखने का कार्य करेंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश के बच्चों के चेहरों पर मुस्कान लाना है परिषद का उद्देश्य है और इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए परिषद इस तरह की परियोजनाओं के माध्यम से लगातार बाल कल्याण के कार्य कर रही है। 


 बैठक में जिला पंचकूला के स्कूलों के प्रिंसिपल, नोडल अधिकारी होम्स मिलन पंडित, जिला बाल कल्याण अधिकारी भगत सिंह व निजी सहायक विपिन कुमार विशेष तौर से उपस्थित रहे।