शिक्षा और संस्कार के बिना कोई भी समाज तरक्की नहीं कर सकता -योगेश कुमार
सामाजिक क्रांति के अग्रदूत रहे बाबा साहेब
ग्रामीण क्षेत्रों में भी शिक्षण संस्थान खोलने के किए जाय प्रयास – इंद्रजीत
पंचकूला 14 अप्रैल – हैफेड के सचिव योगेश कुमार ने कहा कि बाबा साहेब सामाजिक क्रांति के अग्रदूत रहे है। उन्होंने सभी को समानता का अधिकार देने के साथ साथ समाज में आर्थिक खुशहाली लाने का प्रयास किया। बाबा साहेब महान समाज सुधारक, प्रख्यात विद्वान थे जिन्होंने जीवन भर समाज की भलाई के लिए कार्य किया।
श्री योगेश कुमार पंचकूला में बाबा साहेब डा.भीमराव अंबेडकर की 133वी जयंती और महत्मा ज्योतिबा फुले की जयंती पर आयोजित समारोह को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि शिक्षा संस्कारों के बिना कोई भी समाज, परिवार और देश तरक्की कर नहीं सकता। इसलिए हमे बच्चो को अच्छी शिक्षा और संस्कार ग्रहण करने चाहिए। भारत रत्न डा. अम्बेडकर ने समाज को शिक्षित करने की अलख जगाई। उन्होंने शिक्षित होकर संगठित रहने और अपने अधिकारों के लिए संघर्ष करने का संदेश दिया। हमे उनके बताए हुए इन तीन संदेशों पर चलकर अपना और समाज का भविष्य बनाने पर बाल देना चाहिए। आज समाज के लोगों को बाबा साहेब के आदर्शों को अपने जीवन में धारण करने की आवश्यकता है।
आबकारी एवम कराधान विभाग के संयुक्त आयुक्त डा. इंद्रजीत रंगा ने कहा कि सामाजिक संस्थाओं को विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में भी शिक्षण संस्थान खोलने के प्रयास करने चाहिए और प्रतिभावान बच्चो को प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए तैयार करना चाहिए। यदि ग्रामीण आंचल के बच्चों को भी अच्छी शिक्षा और प्रतियोगी परीक्षाओं को ग्रहण करने के अवसर मिलेंगे तो वे भी समाज के अग्रणीय बन सकते है।
उन्होंने कहा कि डा. भीमराव अम्बेडकर ने किसी एक समाज या व्यक्ति के लिए कार्य किया बल्कि पूरे समाज के हकों की लडाई लडी और देश को अनूठा संविधान दिया जिसकी बदौलत भारत आज दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र कहलाता है। संविधान में 18 वर्ष की आयु के सभी युवाओं को वोट डालने का अधिकार दिया।
बाबा साहेब ने गरीब, मजदूर, किसान, व्यापारियों की भलाई के लिए कार्य नहीं किया अपितु देश की आधी आबादी महिलाओं का सबसे बड़ा भलाई का कार्य किया। उन्हे भली भांति पता था की यदि महिलाएं शिक्षित और समर्थ होंगी तो वह देश पूर्ण रूप से तरक्की की और अग्रसर होगा। इसलिए उन्होंने हिंदू कोड बिल महिलाओं के अधिकारों को लेकर केंद्रीय मंत्री पद से त्याग पत्र दे दिया था।
उन्होंने कहा कि शिक्षा एक बेहतर हथियार है जो किसी भी युद्ध में पीठ नही दिखाने देता और शिक्षित व्यक्ति जीवन में कभी भी पीछे मुड़ता तथा सदैव आगे ही बढ़ता रहता है। उन्होंने आह्वान किया कि समर्थ व्यक्तियों को समाज के किसी न किसी गरीब के एक बच्चे को अवश्य शिक्षित करना चाहिए। इस प्रकार कोई भी युवा शिक्षा से वंचित नहीं रहेगा और बाबा साहेब का एक मिशन भी पूरा होगा।
उन्होंने कहा कि जिस दिन समाज में बाबा साहेब का शिक्षित होने का सपना पूरा हो जाएगा तो संगठित होकर अपने अधिकारों को भी अवश्य ही पा लेंगे।
समारोह में दलजीत सिंह एच सी एस, डा विनेश कुमार एच सी एस, जे एस जांगड़ा, डा रामनिवास भारती, बी डी भांखड़,, सुरेंद्र जाटव, आर पी साहनी, प्रधान सुरेश मोरका, कृष्ण लाल बराड़, पूर्व प्रधान राजकपूर अहलावत, डी पी पुनिया, आर पी साहनी, जयबीर रंगा, सहित अनेक गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।