वेबिनार में भाग लेते हुए राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के पदाधिकारी ।
पंचकूला 15 मई- आज पूरी दुनिया कोविड-19 महामारी की चपेट में है और हमारा देश भी इससे अलग नहीं है। वर्तमान परिदृश्य ने अमीर, गरीब, बूढ़े और बच्चों सहित समाज के सभी वर्गों को प्रभावित किया है। किशोर न्याय अधिनियम और उसकी कार्यप्रणाली पर कोविड-19 के प्रभाव का उपयोग करने के लिए हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यकारी अध्यक्ष एवं न्यायमूर्ति राजीव शर्मा के मार्गदर्शन में ’’किशोर न्याय अधिनियम और इसकी कार्यप्रणाली पर कोविड-19 के प्रभाव की खोजबीन’’ पर एक वेबिनार प्रस्तुत की।
इस वेबिनार के संरक्षक व जिला एवं सत्र न्यायाधीश-सह-सदस्य सचिव एवं राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण पंचकूला प्रमोद गोयल ने वेबिनार का शुभारम्भ किया गया।
उन्होंने कहा कि बच्चों को राष्ट्र की एक सबसे बड़ी सम्पत्ति माना जाता है और उनका पालन पोषण और सरपरस्ती राष्ट्र की जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि यह राज्य का कर्तव्य है कि वह बच्चों के अधिकारों और हितों की रक्षा के लिए कार्यक्रमों, नीतियों, अधिनियमित कानूनों को विधिवत् लागू करें।
उन्होंने यह भी कहा कि वेबिनार बच्चों के विभिन्न समूहों के साथ काम करते समय सभी हितधारकों को उनकी भूमिका और कर्तव्यों को समझने में मददगार होगा। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया गया कि हमें अधिनियम के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए उठाए जाने वाले कदमों के मूल्यांकन और निगरानी के लिए प्रणाली और व्यवस्था के अन्तराल को दूर करने की आवश्यकता है।
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता एडवोकेट/मास्टर टेªनर, अरविन्द खुरानिया जिन्होंने इस विषय पर प्रतिभागियों से विस्तृत चर्चा की और वेबिनार के दौरान और बाद में पूछे गए सभी प्रश्नों के उत्तर दिए। उक्त वेबिनार के अन्तिम चरण में प्रतिभागियों द्वारा पूछे गए प्रश्नों व संदेहों के उत्तर भी खुरानिया ने दिये।
मुख्य न्यायिक मजिस्टेªट-कम-सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कुरूक्षेत्र एवं वेबिनार की संयोजक डाॅ0 कविता कम्बोज ने कहा कि अगर हम बाल अनुकूल वातावरण के तहत हमें बच्चों के पुनर्वास और सुधार के लिए बेहतर अवसर और सुविधाएं प्रदान करने की आवश्यकता है।
इस वेबिनार में हरियाणा के सभी मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारीगण-सह-सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के साथ-साथ हरियाणा के जिला विधिक सेवा प्राधिकरणों के नामित पैनल अधिवक्तागण, किशोर न्याय बोर्ड, हरियाणा के सभी सदस्यगण, बाल कल्याण समिति, हरियाणा के सदस्य, हरियाणा के बाल देखभाल संस्थानों के प्रभारीगण और हरियाणा के जिला संरक्षण अधिकारियों ने भाग लिया।
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