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विश्व श्रवण दिवस पर 3 मार्च को विशेष ई एन टी जांच शिविर

ओल्ड एज होम सेक्टर 15 में सुबह 10 से दोपहर 1 बजे तक आयोजित

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पंचकूला 1 मार्च- विश्व श्रवण दिवस हर साल 3 मार्च को मनाया जाता है। इस दिन का उद्देश्य सुनने की क्षमता की देखभाल को बढ़ावा देना और बहरेपन से बचाव के लिए लोगों को जागरूक करना है।

राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान से डा पूजा सिंह ने बताया कि यह दिन विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा शुरू किया गया था और हर साल एक अलग थीम के साथ मनाया जाता है। इसका मुख्य लक्ष्य लोगों को यह बताना है कि सही देखभाल से सुनने की समस्याओं को रोका जा सकता है और यदि समय रहते इलाज कराया जाए, तो श्रवण क्षमता को बनाए रखा जा सकता है।

सुनने की क्षमता हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। अच्छी श्रवण शक्ति हमें बातचीत करने, दूसरों को समझने और अपने आसपास के वातावरण से जुड़ने में मदद करती है। लेकिन आजकल बहुत से लोग शोर-प्रदूषण, तेज़ आवाज़ में संगीत सुनने, गलत आदतों और बढ़ती उम्र के कारण सुनने की समस्याओं का सामना कर रहे हैं। बुजुर्गों में उम्र बढ़ने के साथ सुनने की शक्ति कम होने लगती है, जिसे एज-रिलेटेड हियरिंग लॉस (Presbycusis) कहते हैं। बच्चों में भी जन्मजात सुनने की समस्या हो सकती है, जिससे उनके बोलने और सीखने की क्षमता पर असर पड़ सकता है।
सुनने की समस्याओं से बचने के लिए हमें कुछ ज़रूरी सावधानियां बरतनी चाहिए। बहुत तेज़ आवाज़ में संगीत सुनने से बचें और ईयरफोन या हेडफोन का जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल न करें। हमेशा 60-60 नियम अपनाएं, यानी 60% वॉल्यूम पर 60 मिनट से ज्यादा न सुनें। कान की सफाई करते समय सावधानी बरतें और कान में कभी भी कोई नुकीली चीज न डालें, क्योंकि इससे कान के अंदर चोट लग सकती है। अगर कान में दर्द, सुनाई देने में कमी या कोई और समस्या हो, तो तुरंत डॉक्टर से जांच कराएं।

इस खास अवसर पर राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान पंचकूला का शालाक्य विभाग एक विशेष ईएनटी जांच शिविर का आयोजन कर रहा है।

यह शिविर 3 मार्च 2025 को सेक्टर 15, पंचकूला स्थित ओल्ड एज होम में सुबह 10 बजे से दोपहर 1 बजे तक आयोजित किया जाएगा। शिविर में नाक, कान और गले (ENT) की जांच की जाएगी और जरूरतमंदों को मुफ्त दवाएं भी दी जाएंगी। यह शिविर खासतौर पर बुजुर्गों के लिए फायदेमंद होगा, जिससे उन्हें कान, नाक और गले से जुड़ी समस्याओं के बारे में जागरूक किया जाएगा और सही इलाज दिया जाएगा।

संस्थान इसके माध्यम से जनता से अनुरोध करता हैं कि इस निशुल्क जांच शिविर का लाभ उठाएं और अपने सुनने की क्षमता को सुरक्षित रखने के लिए जरूरी कदम उठाएं। सही देखभाल से हम अपने कानों की सेहत को लंबे समय तक बनाए रख सकते हैं और एक खुशहाल जीवन जी सकते हैं। अधिक जानकारी के लिए राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान (आयुष मंत्रालय, भारत सरकार), सेक्टर 5-डी, एमडीसी, पंचकुला से संपर्क किया जा सकता है।

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