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वर्तमान तकनीक का युग, विद्यार्थियों को शिक्षा के साथ दें तकनीकी ज्ञान : उपायुक्त प्रदीप कुमार

सिरसा, 25 मार्च।


              उपायुक्त प्रदीप कुमार ने कहा कि किसी भी समाज व देश के विकास में शिक्षा का अहम योगदान होता है। वर्तमान युग तकनीक का युग है, इसलिए विद्यार्थियों में शैक्षणिक ज्ञान के साथ-साथ तार्किक एवं रचनात्मक सोच विकसित करने की दिशा में काम किया जाए।

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              उपायुक्त बुधवार को स्थानीय विवेकानंद (बाल मंदिर) सीनियर सेकेंडरी स्कूल के प्रांगण में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 विषय पर भारतीय शिक्षण मंडल, नीति आयोग और शिक्षा विभाग के सयुंक्त तत्वावधान में आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला में बतौर मुख्यअतिथि संबोधित कर रहे थे। कार्यशाला में सीडीएलयू के कुल सचिव राकेश वधवा, जिला शिक्षा अधिकारी संत कुमार, एमपी महाविद्यालय डबवाली की प्राचार्या पूनम वधवा प्राचार्या ने भी शिरकत की और राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के क्रियांवयन पर चर्चा की।


              उपायुक्त प्रदीप कुमार ने कहा कि वर्तमान समय प्रतिस्पर्धा का दौर है, इसलिए विद्यार्थियों को तकनीकी रूप से भी सक्षम बनाना होगा। उन्होंने कहा कि सीखने की कोई सीमा नहीं होती, इसलिए अध्यापक भी अपने आपको तकनीकी ज्ञान के साथ-साथ नई शिक्षा नीति अनुरूप तैयार करें। यदि विद्यार्थी तकनीकी तौर पर सक्षम होंगे तो वे केवल पुस्तकों पर ही निर्भर न होकर अपने अनुभवों, क्रियाओं, परिवेश और आसपास के वातावरण से भी सीख व समझकर आगे बढं़ेगे। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति में शुरूआत से ही विद्यार्थियों के तकनीक व कौशल विकास पर विशेष ध्यान दिया जाएगा, जिससे रोजगारपरक शिक्षा को बढावा मिलेगा।  


              डा. राकेश वधवा ने कहा कि नई शिक्षा नीति के अनुसार अब छठी कक्षा से ही शिक्षार्थियों को प्रोफेशनल और स्किल की शिक्षा दी जाएगी तथा स्थानीय स्तर पर इंटर्नशिप भी कराई जाएगी ताकि उनके कौशल विकास में और निखार आ सके। इसके साथ-साथ व्यावसायिक शिक्षा और कौशल विकास पर जोर दिया जाएगा। जिला शिक्षा अधिकारी संत कुमार ने कहा कि यह शिक्षा नीति सभी विद्यार्थियों के लिए गुणवतापूर्वक शिक्षा व्यवस्था उपलब्ध करवाने में सहायक होगी।

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              डा. पूनम वधवा ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति में 12वीं के फार्मेट को पूरी तरह खत्म कर दिया गया है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत देश में अब स्कूली पाठ्यक्रम 5+ 3+ 3+ 4 के हिसाब से होगा। इसका मतलब है कि प्राइमरी से दूसरी कक्षा तक एक हिस्सा, फिर तीसरी से पांचवीं तक दूसरा हिस्सा, छठी से आठवीं तक तीसरा हिस्सा और नौंवी से 12 तक आखिरी हिस्सा होगा।


              कार्यशाला में जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी आत्म प्रकाश मेहरा, जिला परियोजना समंवयक बूटा राम, समस्त खंड शिक्षा अधिकारी, जिला विज्ञान विशेषज्ञ डा. मुकेश कुमार, भौतिक विज्ञान प्रवक्ता डॉ धर्मेंद्र डूड्डी, प्रवक्ता जीव विज्ञान गौरव वधवा व द्रोंण प्रसाद कोईराला सहित सरकारी व गैर सरकारी स्कूलों के प्राचार्य भी उपस्थित थे।