वन स्टॉप सेंटर (सखी) : 256 पीडि़त महिलाओं को उपलब्ध करवाई सुविधाएं : उपायुक्त प्रदीप कुमार
उपायुक्त प्रदीप कुमार ने कहा है कि वन स्टॉप सेंटर (सखी) के माध्यम से घरेलू हिंसा तथा विभिन्न मामलों में पीडि़त महिलाओं को सुरक्षा के साथ-साथ कानूनी सहायता व सुविधाएं उपलब्ध करवाई जा रही है। स्थानीय लघु सचिवालय स्थित आवासीय कॉलोनी बी-10 में बनाए गए वन स्टॉप सेंटर में वर्ष 2019 से लेकर अबतक विभिन्न मामलों में पीडि़त 256 महिलाओं को न केवल कानूनी सहायता व मार्गदर्शन किया गया बल्कि अस्थाई आश्रय व भोजन आदि सुविधाएं नि:शुल्क उपलब्ध करवाई गई है।
उपायुक्त ने बताया कि पीडि़त महिलाएं वन स्टॉप सेंटर की सुविधा लेने के लिए हेल्पलाइन नंबर 181 पर उत्पीडऩ के बारे में सूचना देकर सुविधाएं प्राप्त की जा सकती हैं। उन्होंने बताया कि योजना के तहत किसी भी प्रकार की हिंसा से पीडि़त महिलाओं को कानूनी सहायता, पुलिस सहायता, 5 दिन का अस्थाई आश्रय देना व खाना आदि सुविधाएं निशुल्क उपलब्ध करवाई जाती है। उन्होंने बताया कि योजना के तहत घरेलू हिंसा, मारपीट, दुष्कर्म, लैंगिक उत्पीडऩ, भावनात्मक उत्पीडऩ, बाल विवाह, महिला तस्करी, दहेज उत्पीडऩ, एसिड अटैक, साइबर क्राइम, लावारिस महिलाएं आदि को शामिल किया गया है। उन्होंने कहा कि वन स्टॉप सेंटर पीडि़त महिलाओं के लिए एक स्पोर्ट सिस्टम की तरह काम करता है और पीडि़त महिलाओं को आर्थिक, सामाजिक व मानसिक तौर पर सशक्त करने के लिए उनका मार्गदर्शन किया जाता है।
महिला एवं बाल विकास विभाग की जिला कार्यक्रम अधिकारी डा. दर्शना सिंह ने बताया कि वन स्टॉप सेंटर में पीडि़त महिलाओं को पुलिस मेडिकल कानूनी व मानसिक सहायता उपलब्ध करवाई जाती है। उनका कानूनी मार्गदर्शन करने के साथ-साथ काउंसलिंग करने का कार्य भी किया जाता है। वन स्टॉप सेंटर का उद्देश्य महिलाओं पर हो रही हिंसा से संरक्षण करना है जिससे महिलाएं खुद को सुरक्षित महसूस करते हुए कानूनी सहायता प्राप्त कर सकती हैं। उन्होंने बताया कि महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा महिलाओं को समय-समय पर गांव स्तर पर जागरुकता कार्यक्रमो ंके माध्यम से वन स्टॉप सेंटर में दी जा रही सुविधाओं के बारे में जानकारी दी जाती है।