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लिंगानुपात में नंबर वन पोजीशन को बनाए रखने व इस दिशा में और सुधार बेहतर कार्य करने के लिए अधिक जिम्मेवारी से निभाना होगा दायित्व: उपायुक्त प्रदीप कुमार

सिरसा, 13 मार्च।

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                  उपायुक्त प्रदीप कुमार ने कहा दृढ इच्छा व संकल्प हो तो कोई भी काम नामुंकिन नहीं होता बर्शतें ही उस कार्य को मेहनत, ईमानदारी व जिम्मेवारी के साथ किया जाए तो निश्चित रुप से लक्ष्य की प्राप्ति अवश्य होती है। जिला सिरसा में स्वास्थ्य विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग, पुलिस विभाग, पंचायत प्रतिनिधियों व अन्य समाजसेवियों के अथक प्रयास व सामूहिक योगदान के कारण ही जिला सिरसा के लिंगानुपात में लगातार सुधार हुआ, जिसके फलस्वरूप जिला ने लिंगानुपात में प्रदेशभर में चौथी बार प्रथम स्थान हासिल किया है, जो हम सबके लिए गर्व का विषय है। इससे पहले भी जिला लिंगानुपात के मामले में वर्ष 2015, 2016 व 2018 में भी अव्वल रहा है। जिला के लिए गर्व की बात है कि जिला में लिंगानुपात मामले में एक हजार लड़कों के पीछे 949 लड़कियां है, जो प्रदेश में सर्वाधिक है और इस लक्ष्य को 950 से अधिक करने के लिए और बेहतर प्रयास किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2015 में बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान की शुरुआत हरियाणा की ऐतिहासिक धरती पानीपत से की थी। इस संकल्प को आगे बढ़ाते हुए प्रदेश सरकार द्वारा बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान को लेकर इस दिशा में अनेक ठोस निर्णय लिए जिसके परिणाम स्वरूप लिंगानुपात में प्रदेशभर में सुधार हुआ है। इसके साथ-साथ इस दिशा में जिला प्रशासन द्वारा आपसी तालमेल व योजनाबद्ध तरीके से कार्य किया जिसके कारण लिंगानुपात सुधार में लगातार सफलता मिली है। लिंगानुपात में नंबर वन का मुकाम बनाए रखने के लिए हम सबको एकजुटता व और अधिक जिम्मेवारी से अपने दायित्व का निर्वहन करना होगा।


                  उपायुक्त ने बताया कि सिरसा जिला का लिंगानुपात प्रदेश में नंबर वन पर पहुंचना भी प्रशासन की प्रभावी गतिविधियों व आम जनमानस की जागरूकता का ही परिणाम है। आज सिरसा लिंगानुपात में प्रदेश के दूसरे जिलों के लिए प्रेरणा स्रोत बनकर उभरा है। स्वास्थ्य विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग, पुलिस विभाग तथा समाजसेवी संस्थाओं की मेहनत के कारण ही आज प्रदेश में हजार लड़कों के मुकाबले सबसे अधिक बेटियों ने सिरसा में जन्म ले रही हैं।


                  पुलिस अधीक्षक भूपेंद्र सिंह ने बताया कि बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ मुहिम में जिला प्रशासन के साथ-साथ पुलिस प्रशासन द्वारा सकारात्मक दृष्टिïकोण के साथ कार्य किया जा रहा है। कन्या भ्रूण हत्या सामाजिक कुरीति को मिटाने के लिए न केवल संदिग्ध व्यक्तियों पर कड़ी निगरानी रखी गई बल्कि छापेमारी व कानूनी कार्रवाई की गई, जिसके परिणाम स्वरूप सिरसा जिला में लिंगानुपात में बेहद सुधार हुआ। उन्होंने कहा कि लिंगानुपात में समानता के लिए समाज के हर वर्ग को अपना अमूल्य योगदान देना होगा और जिला व पुलिस प्रशासन का पूर्ण सहयोग करना होगा तभी हम इस सामाजिक बुराई को जड़मूल से समाप्त करने में सफल होंगे। उन्होंने आह्वïान किया कि कोई भी व्यक्ति लिंग जांच में सम्मिलित पाया जाता है तो उसकी शिकायत जिला व पुलिस प्रशासन को अवश्य दें, सूचना देने वाले का नाम पूर्ण रूप से गुप्त रखा जाएगा।


                  सिविल सर्जन डा. कृष्ण कुमार ने बताया कि बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान के तहत स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा पूरी गंभीरता से कार्य किया गया, जिसके फल स्वरूप आज जिला सिरसा लिंगानुपात में प्रदेशभर में टॉप पर पहुंच गया है। उन्होंने बताया कि भविष्य में भी स्वास्थ्य विभाग द्वारा अन्य संबंधित विभागों से तालमेल स्थापित कर लिंगानुपात में और सुधार के लिए प्रयास किया जाएगा। कन्या भू्रण हत्या पर पूर्णत: अंकुश के लिए योजनाबद्ध तरीके से कार्य किया जा रहा है और जिला में वर्ष 2014 से अबतक पीएनडीटी एक्ट के तहत 40 रेड की जा चुकी है तथा 39 मामलों में एफआईआर दर्ज करवाई गई, जिससे न केवल जिला में लिंगानुपात में बेहतर सुधार हुआ बल्कि कन्या भ्रूण हत्या करने वालों के हौसले पस्त हुए और दूसरों को भी इससे सबक मिला है।


                  जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग डा. दर्शना सिंह ने लिंगानुपात में चौथी बार जिला सिरसा प्रथम आने की उपलब्धि पर खुशी जाहिर करते हुए बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान में संबंधित विभागों, पंचायत प्रतिनिधियों, समाजसेवी संस्थाओं सहित आमजन के सहयोग के लिए सभी का आभार व्यक्त किया। प्रदेश सरकार द्वारा बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान के तहत लिंगानुपात में सुधार व बेटियों की शिक्षा के लिए क्रियांवित की गई कारगर नीतियों व जागरुकता कार्यक्रमों की बदौलत जिला के लिंगानुपात में सुधार हुआ है। उन्होंने  बताया कि लिंगानुपात में सुधार की इस उपलब्धि से न केवल पूरी टीम का मनोबल बढ़ा है बल्कि लिंगानुपात में निरंतर सुधार के लिए और अधिक जिम्मेवारी से कार्य करने की प्रेरणा भी मिली है। महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा संबंधित विभागों से तालमेल स्थापित कर उन गांवों पर फोकस किया जाएगा जिन गांवों में लिंगानुपात में सुधार की जरूरत है। इसके लिए आमजन को नुक्कड़ नाटकों व विभिन्न जागरूकता कार्यक्रमों के माध्यम से जागरूक किया जाएगा ताकि इन गांवों में भी लिंगानुपात में सुधार हो सके।

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                  गौरतलब है कि अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर सिरसा जिला को राज्य स्तर पर लिंगानुपात में प्रथम स्थान प्राप्त करने पर राज्य स्तरीय सम्मान मिला है। इसके लिए मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने चंडीगढ में आयोजित राज्य स्तरीय अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस कार्यक्रम में उपायुक्त प्रदीप कुमार व जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग डा. दर्शना सिंह को शॉल, प्रशस्ति पत्र व पांच लाख रुपये की राशि का चैक भेंट कर पुरस्कृत किया। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने उपायुक्त के माध्यम से सिरसा जिलावासियों को इस सम्मान प्राप्ति के लिए बधाई व शुभाकामनाएं देते हुए आगे भी इसी तरह कार्य करने के लिए प्रोत्साहित किया।