*Young hands for a greener tomorrow: MC Chandigarh organizes citywide paper bag workshop series to commemorate World Paper Bag Day*

राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम  के तहत सिविल अस्पताल सेक्टर- 6 में लगाया गया कैंप

कैंप में 10 बच्चो को दिए गए विशेष जूत्ते, 2 बच्चो को लगाए गए प्लास्टर

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पंचकूला, 3 जून उपायुक्त मोनिका गुप्ता के मार्गदर्शन में आज राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत सिविल अस्पताल सेक्टर- 6 में जिला शीघ्र हस्तक्षेप केंद्र में सिविल सर्जन डॉक्टर मुक्ता कुमार व उप सिविल सर्जन  डॉक्टर शिवानी की अध्यक्षकता में कैंप लगाया गया। इस कार्यक्रम में 20 बच्चो ने अपने माता पिता के साथ भाग लिया। कैंप में 10 बच्चो को विशेष जूत्ते दिए गए, 2 बच्चो को प्लास्टर लगे और अन्य बच्चों का फॉलोअप किया गया।
 उप सिविल सर्जन  डॉक्टर शिवानी ने बताया कि जून का महीना क्लबफुट जागरूकता तथा मैनेजमेंट महीना के तौर पर मनाया जाता है  और यहाँ प्रतिदिन क्लब फुट के मरीजो का ईलाज मुफ्त में किया जाता है। क्लब फुट या जन्म से टेढ़े पैर व नवजात बच्चो में पैरो की हड्डीयों में पाई जाने वाली सबसे आम विकृति है। जिसके अंतर्गत एक या फिर दोनों पैर पूरी तरह से प्रभावित हो सकते  है। इसके कारणों के बारे में पूरी तरह पता नहीं लग सका है लेकिन अधिक संभावना है कि यह एक आनुवंशिक विकार है। लेकिन इससे यह जरूरी नहीं की परिवार में एक बच्चा पैरों के टेढ़ेपन से ग्रसित है तो जरूरी नहीं की दूसरा बच्चा भी इसी बीमारी से  ग्रसित होगा। क्लब फुट का ईलाज पूरी तरह से संभव है यदि समय से इलाज शुरु करवाया जाये तो इसके परिणाम बहुत शीघ्र आना शुरु हो जाते है। इसका इलाज तीन चरणों में  होता जाता है-
1. प्लास्टर- इसमें एक से दो माह का समय लगता है।
2. टीनोटोमी/ शल्य क्रिया- यह एक प्रकार का सर्जिकल उपचार है।
3. विशेष जूत्ते- इन्हें  पांच साल तक पहना जाता है प्लास्टर के बाद ग्रसित बच्चो को यह जूत्ते पहनाना अनिवार्य है।

इस मौके पर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी, क्योर इंडिया के अधिकारियों के साथ-साथ बच्चे व उनके माता पिता भी मौजूद रहे।

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