राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान में योग दिवस आ।आरोह आयोजित
शारीरिक और मानसिक लाभों के लिए योग जीवनशैली का अनिवार्य हिस्सा: ज्ञानचंद गुप्ता
राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान (आयुष मंत्रालय, भारत सरकार) में 11वें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का सफलतापूर्वक आयोजन किया। इस वर्ष की थीम, “एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य के लिए योग” को सभी कार्यक्रम गतिविधियों में सहजता से शामिल किया गया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्री ज्ञानचंद गुप्ता (पूर्व विधानसभा अध्यक्ष, हरियाणा सरकार) रहे, विशिष्ट अतिथियों में डॉ. दिनेश शर्मा (रजिस्ट्रार, डायरेक्टरेट ऑफ आयुष, हरियाणा), श्री स्वामी प्रसाद मिश्रा (प्रधानाचार्य, संस्कृत गुरुकुल), डॉ. प्रदीप अग्निहोत्री (उपाध्यक्ष, इंडियन योगा एसोसिएशन), श्रीमती कृष्णा गोयल (भारतीय योग संस्थान), एवं श्री सुरेश कुमार वर्मा (पार्षद) की गरिमामयी उपस्थिति रही।
कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन एवं धन्वंतरि वंदना से हुई। इसके उपरांत माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के संदेश एवं योग गीत का सीधा प्रसारण किया गया। इस अवसर पर 1000 से अधिक प्रतिभागियों ने सामूहिक रूप से सामान्य योग प्रोटोकॉल के अंतर्गत योगासन, प्राणायाम तथा ध्यान का अभ्यास किया।
मुख्य अतिथि श्री ज्ञानचंद गुप्ता ने अपने संबोधन में योग के शारीरिक और मानसिक लाभों पर प्रकाश डालते हुए योग को जीवनशैली का अनिवार्य हिस्सा बनाने की अपील की। संस्थान के डीन प्रोफेसर गुलाब पमनानी ने योग को सरलतम विधि से अपनाकर स्वस्थ जीवन जीने का संदेश दिया।
इस अवसर पर भारतीय योग संस्थान, भारतीय योग संगठन, चंडीगढ़, तथा गुरुकुल मनसा देवी, पंचकूला के योग साधकों ने भी सहभागिता की। संस्थान के डीन (अकादमिक एवं प्रशासन) प्रो. गुलाब पमनानी, डीन प्रभारी प्रो. सतीश गंधर्व, आई.वाई.डी. समन्वयक डॉ. गौरव गर्ग, सभी संकाय सदस्य, अधिकारीगण, कर्मचारी, एवं विद्यार्थियों ने सक्रिय रूप से भाग लिया।
कार्यक्रम का मंच संचालन डॉ. अनूप एम एवं डॉ. मीमांसा द्वारा सफलतापूर्वक किया गया। कार्यक्रम के अंत में ऑनलाइन क्विज प्रतियोगिता के विजेताओं को पुरस्कार वितरित किए गए। प्रतिभागियों को नि:शुल्क टी-शर्ट, योगा मैट एवं रिफ्रेशमेंट भी प्रदान किए गए।
पूरे कार्यक्रम का संस्थान के आधिकारिक फेसबुक पेज पर भी सीधा प्रसारण किया गया, जिससे व्यापक डिजिटल भागीदारी और पहुंच संभव हुई।
इस आयोजन का उद्देश्य समाज में योग के प्रति जागरूकता फैलाना एवं प्रत्येक व्यक्ति को योग अपनाकर “स्वस्थ भारत” के निर्माण में भागीदार बनाना रहा।