*Mayor unveils spectacular laser show of National Flag in Sector 17 – a patriotic tribute under “Har Ghar Tiranga”*

राजकीय स्नात्कोत्तर महाविद्यालय सेक्टर -1 में आजादी का अमृत महोत्सव- ‘एक समृद्ध और आत्मनिर्भर भारत’ विषय पर एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन

-भारत का इतिहास संघर्षों का इतिहास है-बलदेव भाई शर्मा

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पंचकूला, 21 फरवरी- राजकीय स्नात्कोत्तर महाविद्यालय सेक्टर -1  में उच्चतर शिक्षा विभाग के सहयोग से आजादी का अमृत महोत्सव-‘‘एक समृद्ध और आत्मनिर्भर भारत’’ विषय पर एक दिवसीय बहुविषयक राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया।


संगोष्ठी के उद्घाटन सत्र में कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय के कुलपति बलदेव भाई शर्मा बतौर मुख्य अतिथि उपस्थिति थे जबकि कार्यक्रम की अध्यक्षता महाविद्यालय की प्राचार्या डॉ. अर्चना मिश्रा ने की।


इस अवसर पर बलदेव भाई शर्मा ने कहा कि भारत ने कभी भी गुलामी स्वीकार नहीं की लेकिन आज हमें गलत जानकारी दी जा रही है कि भारत सैकड़ों वर्ष गुलाम रहा जबकि भारत का इतिहास संघर्षों का इतिहास है। देश के नौजवानों और आने वाली पीढ़ियों को हमारे संघर्षों के बारे में पूरी जानकारी होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत के स्वर्णिम भविष्य के लिए स्वतंत्रता सेनानियों ने अपना सर्वस्व अर्पित कर दिया, आज हम सभी के पास उनके सपनों को पूरा करने का अवसर है।


आजादी के अमृत महोत्सव की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि देश आजाद हो गया है  इतना ही पर्याप्त नहीं है। देश को अपने पुरातन वैभव तक एक बार पुनरू पहुँचाना हम सब का सामूहिक उत्तरदायित्व है। संपूर्ण विश्व को सुख और शांति का मार्ग बतलाना है। हमें उन लक्ष्यों को हासिल करने में योगदान देना होगा जिनके लिए हमारे पूर्वजों की कई पीढ़ियाँ बलिदान हो गईं।


प्राचार्या डॉ. अर्चना मिश्रा ने कहा कि आजादी का अमृत महोत्सव नए विचारों का अमृत कलश है। यह महोत्सव देश के महान क्रांतिकारियों, स्वतंत्रता सेनानियों, देशभक्तों की स्वाधीनता का ऐसा अमृत है जो हम सभी को देश के प्रति समर्पित रहने की प्रेरणा दे रहा है । यह महोत्सव निश्चित ही हमारे मनों में नए विचारों, नए संकल्पो की क्रांति की अलख जगाने में सक्षम होगा।
अशोक मलिक ने कहा कि आजादी हमें  केवल भाषणों से नहीं मिली है। आजादी के लिए हमारी कई पीढ़ियाँ कुर्बान हो गईं।  उन्होंने कहा कि देश का गौरव तभी जाग्रत रहता है जब हम अपने बलिदान की परम्पराओं को अगली पीढ़ी तक पहुँचाते हैं। उन्हें संस्कारित करते हैं और राष्ट्र के विकास के लिए सतत् रूप से प्रेरित करते हैं।


संगोष्ठी के संयोजक पत्रकारिता विभाग के प्रो. अद्धितीय खुराना ने बताया की राष्ट्रीय संगोष्ठी में उद्घाटन सत्र के अलावा तीन तकनीकी सत्रों का आयोजन किया गया। उन्होंने बताया कि पहले तकनीकी सत्र की अध्यक्षता वरिष्ठ पत्रकार अशोक मलिक और तीसरे सत्र की अध्यक्षता पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग के प्रो. नवीन कुमार ने की। तकनीकी सत्रों में विभिन्न विश्वविद्यालय और महाविद्यालयों से संगोष्ठी में प्रतिभाग कर रहे शोधार्थियों और प्राध्यापकों में अपने शोध पत्र प्रस्तुत किए। समापन सत्र में प्राचार्या डॉ. अर्चना मिश्रा ने शोध पत्र वाचन करने वाले प्रतिभागियों को प्रमाण-पत्र देकर उनका उत्साहवर्धन किया।

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संगोष्ठी के आयोजन में समन्यवक डॉ विनीता गुप्ता सह समन्वयक नीलम कुमारी, मनीषा आनंद का विशेष सहयोग रहा। संगोष्ठी का संचालन पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग के प्राध्यापक अनिल कुमार पाण्डेय ने किया तथा डॉ विनीता गुप्ता ने आभार प्रकट किया।  
इस अवसर पर संगोष्ठी के प्रतिभागियों समेत डॉ. जितेन्दर, डॉ. हरिराम कौशिक, डॉ चित्रा तंवर, डॉ. मीनाक्षी, कुसुमरानी, जगतार सिंह, श्रेयसी, दीपक पराशर और पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग के विद्यार्थी विशेष रूप से उपस्थित रहे।