यूपी बजट 2019: चुनाव से पहले योगी सरकार का सबसे बड़ा बजट
लखनऊ – योगी सरकार ने आज अपना तीसरा बजट विधानमंडल में पेश कर दिया। साल 2019-20 के इस बजट पर बुधवार को वित्त मंत्री राजेश अग्रवाल ने हस्ताक्षर किया। प्रदेश सरकार ने इस बार 4 लाख 79 हज़ार 701 करोड़ रुपये का बजट पेश किया है।
यह बजट पिछले साल की तुलना में 12 फीसदी अधिक है। इससे पहले कैबिनेट बैठक में बजट पर प्रस्ताव पास हो गया है। यूपी के सदन में पहली बार 11 बजे बजट पेश किया गया। आज प्रश्नकाल को समाप्त किया गया है।
बजट में पर्यटन विभाग के लिए उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ में अवस्थापना सुविधाओं के लिए 125 करोड़ रुपए की व्यवस्था प्रस्तावित किए हैं। अयोध्या में प्रमुख पर्यटन स्थलों के समेकित विकास के लिए 101 करोड़ रुपए की व्यवस्था की गई है। गढ़मुक्तेश्वर के पर्यटक स्थलों की समेकित विकास के लिए 27 करोड़ की व्यवस्थ की गई है।
पर्यटन नीति 2018 के क्रियान्वयन के लिए 70 करोड़ रुपए और प्रो-पुआर टूरिस्ट के लिए 50 करोड़ की व्यवस्था की गई है। वाराणसी में लहर तारा तालाब कबीर स्थल एवं गुरु रविदास की जन्म स्थली सीर गोवर्धनपुर का सुदृढ़ीकरण किया जाना प्रस्तावित किया गया है। प्रयागराज में ऋषि भरद्वाज आश्रम का विकास किया जाना और लखनऊ में बिजली पासी किले का विकास किया जाना प्रस्तावित।
वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में सबसे पहले कुम्भ का जिक्र किया। अवस्थापना के लिए पूर्वांचल एक्सप्रेस को शामिल किया गया, पूर्वांचल एक्सप्रेस के लिए 1194 करोड़, बुंदेलखंड एक्प्रेस के लिए 1000 करोड़, गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस वे लिए 1000 करोड़, डिफेंस कॉरिडोर के लिए 500 करोड़, आगरा लखनऊ एक्प्रेस वे 6 लेन के लिए 100 करोड़, स्मार्ट सिटी योजना के तहत 758 करोड़ की व्यवस्था की गई है। जबकि स्वच्छ ग्रामीण मिशन के तहत 58 हजार 770 ग्राम पंचायत को शौच मुक्त कर दिया है।
बजट में संस्कृति विभाग का भी ध्यान रखा गया है। मथुरा वृंदावन के मध्य ऑडिटोरियम के निर्माण के लिए 8 करोड़ 38 लाख रुपये की व्यवस्था की गई है। सार्वजनिक रामलीला स्थलों में चारदीवारी निर्माण के लिए 50 करोड़ की व्यवस्था की गई है जबकि वृंदावन शोध संस्थान के सुदृढ़ीकरण के लिए एक करोड़ दिए गए हैं।
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