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मेरा पानी-मेरी विरासत योजना से किसानों का फसल विविधीकरण की ओर बढ़ रहा रूझान

सिरसा, 14 जुलाई।

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प्रदेश सरकार द्वारा फसल विविधीकरण को बढ़ावा देने, भूजल स्तर में सुधार जल संरक्षण के लिए गंभीरता से कदम उठाते हुए किसान हित में कई कारगर योजनाएं क्रियांवित की गई हैं। फसल विविधीकरण की दिशा में किसान भी रुचि ले रहे हैं और जल बचाव मुहिम में अपना योगदान दे रहे हैं। मेरा पानी-मेरी विरासत योजना के तहत किसान धान की अपेक्षा कम पानी वाली फसलों को महत्व दे रहे हैं और अधिक पैदावार के साथ अधिक मुनाफा भी कमा रहे हैं। इन्ही किसानों में गांव खारियां के किसान सज्जन कुमार व गांव बाहिया के किसान हरी सिंह फसल विविधीकरण को अपना जल संरक्षण में योगदान दे रहे हैं और दूसरे किसानों को भी प्रेरित कर रहे हैं।


गांव खारियां के किसान सज्जन कुमार का कहना है कि उसने फसल विविधीकरण अपना कर जल की बचत के साथ-साथ अपनी आय में भी बढोतरी की है। किसान सज्जन कुमार ने 17 एकड़ में किन्नु का बाग तथा चार एकड़ में ग्वार की फसल कास्त की। किसान सज्जन कुमार का कहना है कि उसने कृषि विभाग द्वारा प्रोत्साहित करने पर धान की बजाय फसल विविधीकरण को अपना और कृषि विशेषज्ञों की सलाह अनुसार खेती की, जिससे उसने पहले से अधिक पैदावार ली और आय में भी बढ़ोतरी हुई।


गांव बाहिया के प्रगतिशील किसान हरी सिंह ने धान की फसल की बजाय दो एकड़ में नींबू का बाग, डेढ एकड़ में आर्गेनिक गेहूं की बिजाई करके न केवल जल बचाते हुए भूजल स्तर में सुधार में अपना योगदान दिया बल्कि अपनी आमदनी भी बढ़ाई। इसके साथ-साथ किसान हरी सिंह दूसरे किसानों को भी फसल विविधीकरण अपनाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं और जल संरक्षण मुहिम में योगदान देने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं।

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किसान सज्जन कुमार व हरी सिंह का कहना है कि जल संरक्षण सभी की सामूहिक जिम्मेवारी है, अगर आज हम जल संरक्षण करेंगे तो अपनी आने वाली पीढ़ी को यह अमूल्य उपहार दे सकेंगे। उन्होंने कहा कि जल को बचाना व संरक्षित करना हर व्यक्ति की जिम्मेवारी है, क्योंकि आज किया गया जल बचाव ही कल के खुशहाल जीवन का आधार बनेगा। इसी सोच के साथ इन किसानों ने पानी के महत्व को समझते हुए अपनी भूमि पर धान की फसल की जगह दूसरी फसलों की बिजाई कर रहे हैं। यदि किसान धान की फसल छोड़कर अन्य वैकल्पिक फसल की बिजाई करें तो इससे गिरते भू-जल स्तर को भी बचाया जा सकेगा और किसानों की आर्थिक स्थिति भी सुदृढ होगी।

– सरकारी योजनाओं का लाभ उठा कर किसान कर सकते हैं आय मे बढोतरी : उपायुक्त अनीश यादव


– धान की जगह वैकल्पिक फसल की कास्त पर मिलेगा योजना का लाभ : उपायुक्त

उपायुक्त अनीश यादव ने बताया कि मेरा पानी-मेरी विरासत योजना के तहत सरकार द्वारा किसानों को वैकल्पिक फसलों की बिजाई करने पर प्रोत्साहन स्वरुप सात हजार रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से प्रोत्साहन राशि भी दी जाती है। कृषि विभाग द्वारा अधिक फसल उत्पादन व किसानों की आय में बढोतरी के लिए अनेक कल्याणकारी योजनाएं क्रियांवित की जा रही है। किसान किसी भी प्रकार की समस्या आने पर कृषि वैज्ञानिकों से राय ले सकते हैं।


उन्होंने बताया कि योजना के अनुसार जो किसान धान फसल की बजाए वैकल्पिक फसल जैसे मक्का, कपास, अरहर, मूंग, ग्वार, तिल, मूंगफली, मोठ, उडद, सोयाबीन व चारा तथा प्याज की फसल की कास्त करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। इस योजना में बाजरा की फसल बिजाई पर कोई प्रोत्साहन राशि नहीं दी जाएगी। उन्होंने बताया कि जिस किसान ने पिछले वर्ष खरीफ 2020 में धान बोया था लेकिन इस वर्ष खरीफ में किला खाली छोड़ता है तो वह भी इस स्कीम के लाभ का हकदार माना जाएगा। यदि किसी किसान ने पिछले वर्ष फसल विविधीकरण के अंर्तगत खरीफ 2020 में प्रोत्साहन राशि ली है और खरीफ 2021 में भी वह फसल विविधीकरण करता है तो वह भी लाभ का पात्र माना जाएगा। योजना का लाभ लेने के लिए किसान 15 जुलाई तक पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करवाएं।