मानसून में बढ़े मौसमी संक्रमण, पारस हेल्थ पंचकूला की सतर्कता भरी अपील

मानसून में बढ़े मौसमी संक्रमण, पारस हेल्थ पंचकूला की सतर्कता भरी अपील

इस मौसम में वायरल संक्रमण तेजी से फैलता है, सही समय पर इलाज और थोड़ी सी सावधानी से हम बड़ी बीमारियों से बच सकते हैं : डा. सुमित जैन

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पंचकूला, 11 जुलाई: मानसून सीज़न के साथ बढ़ती नमी और गंदगी के चलते पारस हेल्थ पंचकूला में वायरल संक्रमण, पेट दर्द, सांस की तकलीफ और कान के फंगल इन्फेक्शन के मामलों में तेज़ी से वृद्धि देखी जा रही है। डॉ. सुमित जैन, एसोसिएट डायरेक्टर, इंटरनल मेडिसिन, का कहना है कि पिछले कुछ हफ्तों में इस तरह के मरीजों की संख्या 30 से 40 प्रतिशत तक बढ़ी है। उन्होंने कहा कि विशेष रूप से बुजुर्गों, बच्चों और शुगर, कैंसर जैसी बीमारियों से पीड़ित लोगों में जोखिम अधिक होता है।

उन्होंने चेतावनी दी कि लापरवाही बरतने से यह संक्रमण गंभीर रूप ले सकते हैं जैसे सेप्सिस, शॉक, या लीवर-किडनी फेल्योर। उन्होंने ज़रूरत न होने पर एंटीबायोटिक न लेने की सलाह दी और बताया कि अधिकतर वायरल संक्रमण का इलाज आराम और देखभाल से संभव है।

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ईएनटी विशेषज्ञ डॉ. राघव मेहण ने बताया कि कान के फंगल संक्रमण (ओटोमायकोसिस), नाक की एलर्जी और गले की समस्या के मामले भी 20% तक बढ़े हैं। उन्होंने कहा कि अब तक किसी मरीज को गंभीर ईएनटी संक्रमण की वजह से भर्ती करने की ज़रूरत नहीं पड़ी है। डॉ. मेहण ने लोगों को सलाह दी कि कानों को सूखा रखें, साफ-सफाई का ध्यान दें, हाथ बार-बार धोएं, भीड़ में मास्क पहनें और किसी भी लक्षण को हल्के में न लें।

पारस हेल्थ ने लोगों को पानी जनित बीमारियों और मच्छरों से भी सतर्क रहने को कहा। पीने का पानी उबालने या फिल्टर करने की सलाह दी गई है। खुले बर्तनों, गमलों या बालकनी में जमा पानी मच्छरों के प्रजनन स्थल बन सकते हैं जिससे डेंगू और मलेरिया फैलने का खतरा होता है। अस्पताल ने अपील की है कि तीन दिन से अधिक बुखार, थकान, बदन दर्द या पेट की तकलीफ हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें और स्वयं दवाएं लेने से बचें। सावधानी और समय पर इलाज से ही हम इस मानसूनी खतरे से सुरक्षित रह सकते हैं।

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