*Prime land freed from encroachments in Manimajra by MC Chandigarh*

“महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा” विषय पर दो दिवसीय सम्मेलन की शुरुआत

पंचकुला, 9 जनवरी – हरियाणा पुलिस द्वारा पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो व इंडियन पुलिस फाउंडेशन इंस्टीट्यूट (आईपीएफआई) के सहयोग से आज पंचकुला के सेक्टर -1 स्थित पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस में “महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा” विषय पर दो दिवसीय सम्मेलन की शुरुआत की गई।


सम्मेलन के प्रथम दिन, पुलिस और सिविल अधिकारियों, शिक्षाविदों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, न्यायपालिका और कानून अधिकारियों, शोधकर्ताओं, गैर सरकारी संगठन के सदस्यों, महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों के पांच विशेष कार्य समूहों द्वारा मंत्रणा की गई ताकि महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर विचार-विमर्श कर भविष्य की रणनीतियों को अपनाने के लिए कार्ययोजना तैयार की जा सके।


पुलिस महानिदेशक हरियाणा, श्री मनोज यादव और आईपीएफआई के अध्यक्ष श्री एन0 रामचंद्रन ने समूहों को संबोधित किया।


अपने उद्घाटन भाषण में, पुलिस महानिदेशक श्री मनोज यादव ने महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा को हरियाणा पुलिस की सर्वोच्च प्राथमिकता बताते हुए कहा कि इस दिशा में राज्य सरकार द्वारा कई पहल की गई हैं। हरियाणा को महिलाओं के लिए एक सुरक्षित स्थान बनाने के लिए राज्य में 30 से अधिक महिला पुलिस थाने स्थापित किए गए हैं। इसके अतिरिक्त, दुर्गा शक्ति ऐप, महिला हेल्पलाइन, पुलिस स्टेशनों पर महिला हेल्प डेस्क की भी शुरुआत की गई है।


डीजीपी ने अनुसंधान और क्षमता निर्माण के माध्यम से पुलिसिंग में सुधार के लिए आईपीएफआई के योगदान की भी सराहना की। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि यह सम्मेलन महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा के लिए पूरे देश में पुलिस द्वारा किए जा रहे प्रयासों में एक मील का पत्थर साबित होगा।


इस अवसर पर बोलते हुए आईपीएफआई, अध्यक्ष श्री एन0 रामचंद्रन ने पंचकूला में इस महत्वपूर्ण विषय पर सम्मेलन आयोजित करने के लिए डीजीपी, हरियाणा और उनकी समस्त टीम को धन्यवाद व्यक्त किया। उन्होने कहा कि कई राज्यों में पुलिस ने महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा के लिए अनेक योजनाएं शुरू की हैं और यह प्रसन्नता का विषय है कि हरियाणा भी उनमें से एक है। उन्होंने संपूर्ण आपराधिक न्याय प्रणाली के सुधार की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि महिलाओं और बच्चों के खिलाफ हिंसा पर जमीनी हकीकत का एक देशव्यापी मानचित्रण किया जाना चाहिए। इसके अतिरिक्त, पेशेवर जांच के लिए पुलिस अधिकारियों में स्पेशल प्रोफेशनल सकिल भी विकसित की जानी चाहिए।


सम्मेलन में सार्वजनिक और निजी स्थान पर महिलाओं का उत्पीड़न, ऑनलाइन यौन उत्पीड़न और हिंसा, साइबर स्टाकिंग, मानव तस्करी, नैतिक मूल्यों की शिक्षा के बारे में जागरूकता जैसे अन्य अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर भी विचार-विमर्श किया गया।


सम्मेलन में श्रीमती विमला मेहरा, आईपीएस (सेवानिवृत्त), सीपी पंचकूला, श्री सौरभ सिंह, आईजी करनाल रेंज, श्रीमती भारती अरोड़ा, आईजी चारू बाली, एसपी क्राइस्ट अगेंस्ट वुमन, श्रीमती मनीषा चाौधरी, विभिन्न जिलों के एसपी, गैर सरकारी संगठनों के प्रतिनिधि, शैक्षिक विद्वानों, छात्रों और नागरिक हितधारकों ने भी भागेदारी की।

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