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मधुमक्खी पालन व्यवसाय के उत्थान के लिए प्रदेश में नया मिशन लागू : उपायुक्त अजय सिंह तोमर

– उपायुक्त ने किया किसानों को योजना का लाभ उठाने के लिए प्रेरित


सिरसा, 22 फरवरी।

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उपायुक्त अजय सिंह तोमर ने कहा कि पारंपरिक खेती के साथ ही बदलते परिवेश में किसान अब मधुमक्खी पालन को भी बढ़ावा देते हुए आर्थिक रूप से साधन संपन्न हो सकते हैं। उन्होंने किसानों को मधुमक्खी पालन व्यवसाय को अपनाकर अपनी आय को बढाने की अपील की।


उपायुक्त ने कहा कि राज्य सरकार ने मधुमक्खी पालकों व शहद के व्यवसाय के उत्थान के लिए प्रदेश में नया मिशन लागू किया है, जिसका नागरिक ज्यादा से ज्यादा लाभ उठाएं। उन्होंने बताया कि हरियाणा सरकार मधुमक्खी पालकों व शहद के व्यवसाय के उत्थान के लिए कटिबद्ध है। सरकार द्वारा राष्ट्रीय मधुमक्खी पालन व हनी मिशन (एनबीएचएम) के अंतर्गत मधुमक्खी पालन, संवर्धन प्रोजेक्ट्स पर अनुदान राशि उपलब्ध करवाई जा रही है।

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अनुदान राशि देकर किया जा रहा है प्रोत्साहित :


उन्होंने बताया कि मधुमक्खी पालन उपकरणों की निर्माण इकाई मद में 20 लाख रुपये के प्रोजेक्ट पर अधिकतम 8 लाख रुपये प्रति परियोजना की अनुदान राशि उपलब्ध करवाई जा रही है। इसी प्रकार से प्रति परियोजना पर पालकों को पंजीकरण एवं बीमा की सुविधा दी गई है। उन्होंने बताया कि कस्टम हायरिंग केंद्र मद में 75 लाख रुपये के प्रोजेक्ट पर अधिकतम 25 लाख रुपये प्रति परियोजना, प्रशिक्षण 200 घंटे के लिए (25 प्रतिभागी प्रति बैच) मद में कौशल विकास के मापदंडों के अनुसार 800 रुपये प्रतिदिन/प्रतिभागी, शहद और उत्पादों का संग्रह, व्यापार, ब्रांडिंग, विपणन आदि केंद्र मद में 30 लाख रुपये के प्रोजेक्ट पर अधिकतम 30 लाख रुपये प्रति परियोजना, शहद और अन्य प्रसंस्करण इकाइयां/प्लांट मद में 500 लाख रुपये के प्रोजेक्ट पर अधिकतम 300 लाख रुपये प्रति परियोजना, शहद और अन्य मधुमक्खी, शीत भंडारण आदि मद में 80 लाख रुपये के प्रोजेक्ट पर अधिकतम 40 लाख रुपये प्रति परियोजना तथा टेस्टिंग लैब मद में 100 लाख रुपये के प्रोजेक्ट पर अधिकतम 50 लाख रुपये प्रति परियोजना की अनुदान राशि उपलब्ध करवाई जा रही है। उन्होंने बताया कि मधुमक्खी पालक बी ब्रीडर्स, मधुमक्खी कॉलोनियों, मधुमक्खी के बक्से (सुपर सहित), मधुमक्खी पान उपकरण व प्रशिक्षण के लिए एमआईडीएच योजना के अंदर लाभ ले सकते हैं। उपरोक्त योजना का लाभ लेने व अधिक जानकारी के लिए किसान/मधुमक्खी पालक अपने संबंधित जिला उद्यान अधिकारी एकीकृत मधुमक्खी पालन विकास केंद्र से संपर्क कर सकते हैं।