Paras Health Panchkula Advocates Timely Intervention for Rare Cancers This Sarcoma Awareness Month

मदर्स एब्सोल्यूट अफेक्शन (एमएए) कार्यक्रम के तहत एक दिवसीय संवेदीकरण प्रशिक्षण का हुआ आयोजन

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, हरियाणा के निदेशक डॉ. वीरेंद्र यादव ने प्रशिक्षण सत्र का किया उद्घाटन

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पंचकूला, 30 जुलाई,   राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन ने बाल स्वास्थ्य के अंतर्गत मदर्स एब्सोल्यूट अफेक्शन (एमएए) कार्यक्रम के तहत एक दिवसीय संवेदीकरण प्रशिक्षण का आयोजन किया। यह प्रशिक्षण 1-7 अगस्त, 2025 तक चलने वाले विश्व स्तनपान सप्ताह के प्रारंभ होने से पहले आयोजित किया गया था। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, हरियाणा के निदेशक डॉ. वीरेंद्र यादव ने प्रशिक्षण सत्र का उद्घाटन किया। प्रशिक्षण सत्र में उप निदेशकों, कार्यक्रम अधिकारियों, जिला टीकाकरण अधिकारियों/शहरी नोडल अधिकारियों (यूएनओ) ने भाग लिया।  स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार (जीओआई) के डॉ. मंजीर अली और पीजीआईएमईआर, चंडीगढ़ के डॉ. जोगेंद्र यादव प्रमुख वक्ताओं में शामिल थे।


डॉ. वीरेंद्र यादव ने प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कहा, एमओएचएफडब्ल्यू, भारत सरकार द्वारा शुरू किया गया एमएए कार्यक्रम, जागरूकता, प्रशिक्षण और संस्थागत समर्थन के माध्यम से पूरे भारत में स्तनपान को बढ़ावा देने और शिशु एवं छोटे बच्चों के आहार संबंधी प्रथाओं में सुधार लाने के लिए एक राष्ट्रीय पहल है। स्तनपान मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य सुनिश्चित करने का एक शक्तिशाली साधन है। स्तनपान कराने वाली माताओं का समर्थन एक स्वस्थ भविष्य की नींव रखता है। 1-7 अगस्त तक मनाए जाने वाले विश्व स्तनपान सप्ताह के अवसर पर, मदर्स एब्सोल्यूट अफेक्शन (एमएए) कार्यक्रम स्वास्थ्य सेवा केंद्रों पर एक दिवसीय संवेदीकरण प्रशिक्षण आयोजित करेगा ताकि स्तनपान के बारे में जागरूकता बढ़ाई जा सके और स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं में क्षमता निर्माण किया जा सके। इस पहल का उद्देश्य स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं, माताओं और समुदायों को स्तनपान के महत्व के बारे में शिक्षित करना और ऐसा सहायक वातावरण तैयार करना है जो माताओं को आत्मविश्वास से स्तनपान कराने के लिए सशक्त बनाए। डॉ. यादव ने आगे कहा, एमएए कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य माँ और बच्चे दोनों के लिए स्तनपान के स्वास्थ्य लाभों के बारे में जागरूकता बढ़ाना है। स्वास्थ्य पेशेवरों को स्तनपान प्रबंधन और प्रभावी परामर्श पर प्रशिक्षित करना। अस्पतालों, कार्यस्थलों और समुदायों में स्तनपान के अनुकूल प्रथाओं को बढ़ावा देना। ये संवेदीकरण कार्यशालाएँ स्तनपान समर्थन और परामर्श कौशल पर तकनीकी सत्र आयोजित करने और आम चुनौतियों का समाधान करने के लिए स्तनपान कराने वाली माताओं के साथ इंटरैक्टिव चर्चा करने में सक्षम होंगी।


डॉ. यादव ने आगे कहा, स्तनपान को बढ़ावा देने के लिए सूचना शिक्षा संचार (आईईसी) सामग्री का वितरण सुनिश्चित करना। ओपीडी और लेबर रूम में एलईडी डिस्प्ले पर शैक्षिक वीडियो चलाए जाएंगे। लेबर रूम और बीमार नवजात शिशु देखभाल इकाइयों (एसएनसीयू) में सार्वजनिक घोषणाएँ की जाएंगी।

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