मत्स्य पालन आमदनी बढाने का बेहतर जरिया, सरकार की योजनाओं का लाभ उठाएं किसान : उपायुक्त अनीश यादव
-प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत मत्स्य पालन के लिए 40 से 60 प्रतिशत तक दिया जा रहा अनुदान
-प्रगतिशील किसान चुनौतियों को अवसर में बदल मत्स्य पालन से कमा रहे भारी मुनाफा, दूसरों के लिए भी बन रहे प्रेरणा स्रोत
-उपायुक्त अनीश यादव ने गांव मिठड़ी में झींगा पालन प्लांट का किया निरीक्षण, किसानों से की मत्स्य पालन से जुड़कर सरकार की योजनाओं का लाभ उठाने की अपील
उपायुक्त अनीश यादव ने कहा कि गिरते भू जल स्तर, खारा पानी व लवणीय भूमि से जुड़ी दूसरी अन्य चुनौतियों के मद्देनजर किसानों को चाहिए कि वे अपनी परंपरागत खेती में बदलाव कर फसल विविधीकरण को अपनाएं, जिससे वे अपनी आमदनी को बढा सकें। झींगा पालन से किसान अपनी आय में बढ़ोतरी कर सकते हैं। बहुत से प्रगतिशील किसानों ने मत्स्य पालन से न केवल अपनी आय को बढाया है, बल्कि दूसरों के लिए रोजगार के अवसर पैदा किए हैं। मत्स्य पालन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से केंद्र सरकार अनुदान उपलब्ध करवा रही है। प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत 40 से 60 प्रतिशत तक का अनुदान मत्स्य पालन के लिए दिया जा रहा है।
उपायुक्त ने बुधवार को जिला के गांव मिठड़ी में प्रगतिशील किसान द्वारा लगाए गए झींगा पालन प्लांट का अवलोकन किया और मत्स्य पालन से जुड़ी तकनीक व अन्य जानकारियों बारे मत्स्य पालन कर रहे किसानों से बातचीत की। इस अवसर पर उन्होंने जिला के किसानों से मत्स्य पालन से जुड़कर सरकार की योजनाओं का अधिक से अधिक लाभ उठाने की अपील भी की। इस दौरान उपायुक्त के साथ जिला मत्स्य अधिकारी जगदीश चंद्र व अन्य अधिकारी भी उपस्थित रहे। इस अवसर पर गांव पन्नीवाला रुलदू पूर्व सरपंच मंजीत सिंह, गुरपाल सिंह, किसान गुरमीत सिंह, मनप्रीत सिंह, सुखपाल सिंह, दर्शन सिंह, इकबाल सिंह, मनप्रीत सिंह, सुखविंद्र सिंह आदि किसान उपस्थित थे।
उन्होंने कहा कि नीली क्रांति को बढ़ावा देने व रोजगार सृजन के उद्देश्य से केंद्र व प्रदेश सरकार द्वारा अनेक कल्याणकारी योजनाएं क्रियांवित की गई। प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना सरकार की महत्वाकांक्षी योजना है, इसलिए किसान इस योजना का लाभ उठाकर अपनी आय में वृद्धि करें। उन्होंने कहा कि जहां पर जल व भूमि संबंधी कई चुनौतियां, जोकि दूसरी फसलों के लिए उपयुक्त नहीं है, वहां सफेद झींगा एवं मत्स्य पालन करने की अपार संभावनाएं है। बहुत से प्रगतिशील किसानों ने इन चुनौतियों को अवसर में बदलकर मत्स्य पालन से अपनी आमदनी को बढा रहे है। उन्होंने गांव मिठड़ी के गुरप्रीत सिंह की सराहना करते हुए कहा कि उन्होंने खारा पानी की भूमि में झींगा पालन किया और आज वह साल भर में लाखों रुपये की आमदनी ले रहा है। दूसरे किसानों को भी उनसे प्रेरणा लेते हुए मत्स्य पालन से जुड़कर सरकार की योजनाओं का लाभ उठाना चाहिए। सिरसा में उत्पादन किया जा रहा सफेद झींगा को खरीदने के लिए तेलंगाना व पश्चिमी बंगाल से आए खरीदारों से भी उपायुक्त ने झिंगा की खरीद व उसके उपरांत अपनाई जाने वाली प्रोसैसिंग सहित सभी प्रक्रियाओं की पूर्ण जानकारी ली। उपायुक्त ने कहा कि प्रशासन का प्रयास है कि मत्स्य पालन से जुड़ी तकनीकी सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाएंगी, ताकि मत्स्य पालकों को और अधिक मुनाफा हो सके। इसके लिए यहां पर फूड प्रोसैसिंग यूनिट स्थापित की जाए, ताकि फूड प्रोसेसिंग के लिए किसानों को दूसरे राज्य में न जाना पड़े। फूड प्रोसैसिंग यूनिट के स्थापित होने से मत्स्य पालकों के धन व समय दोनों की बचत होगी।
प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना मत्स्य पालकों के लिए हो रही फायदेमंद सिद्ध :
जिला मत्स्य अधिकारी जगदीश चंद्र ने बताया कि खारा पानी व लवणीय भूमि में मत्स्य पालन की अपार संभावनाएं हैं। योजना के तहत सरकार द्वारा सामान्य श्रेणी के लिए इकाई लागत का अधिकतम 40 प्रतिशत अनुदान व अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति/महिला श्रेणी के लिए इकाई लागत का 60 प्रतिशत अनुदान का प्रावधान है। वर्तमान समय में मत्स्य पालन विभाग की प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना जो कि मत्स्य पालकों के लिए बहुत ही फायदेमंद सिद्ध हो रही है। मत्स्य पालन के इच्छुक किसान जमीन पर तालाब बनाने, खारे पानी में मछली पालन, झींगा पालन करने तथा मछली बेचने के लिए वाहन (मोटर साइलिक, साइकिल व थ्री-व्हीलर) खरीदने के लिए अनुदान हेतू मत्स्य विभाग में आवेदन कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि मत्स्य बीज व मत्स्य पालन के संबंध में अधिक जानकारी के लिए इच्छुक व्यक्ति वाणिज्य भवन में चौथी मंजिल में स्थित जिला मत्स्य अधिकारी कार्यालय में सम्पर्क कर सकते है। उन्होंने बताया कि जिला क लगभग 400 एकड़ क्षेत्र में सफेद झींगा पालन किया जा रहा है। इनमें गांव चोरमार खेड़ा में 35 एकड़, गुडियाखेड़ा में 32 एकड़, मिठड़ी में 16 एकड़ सहित गांव भंगू, झोरड़वाली, फूलो, ओढां, दड़बा कलां, माणक दीवान, आशा खेड़ा, कर्मशाना, गांव चौटाला आदि गांवों में खारे पानी में सफेद झिंगा पालन किया जा रहा है।
गुरप्रीत सिंह झींगा पालन से ले रहे लाखों की आमदनी :
जिला के गांव मिठड़ी के गुरप्रीत सिंह झींगा पालन करते हैं। मत्स्य पालन से वे सालाना लाखों रुपये की कमाई कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि बंजर पड़ी पंचायती भूमि को पट्ïटे पर लेकर झींगा पालन व्यवसाय शुरू किया। इसके लिए प्रशासन की ओर से सरकार की प्रधानमंत्री मत्स्य योजना के तहत उन्हें अनुदान मिला, जिससे उसे काफी मदद मिली। उन्होंने बताया कि वे प्रति एकड़ 11 लाख रुपये तक का झींगा का उत्पादन करते हैं। यह अन्य खेती की तुलना में यह आमदनी के आधार पर बहुत लाभदायक है। उन्होंने दूसरे किसानों से भी अपील करते हुए कहा कि वे झींगा पालन अपनाकर अपनी आमदनी को बढाएं।