*27 दिसम्बर को जिला के बिजली उपभोक्ताओं की शिकायतों की जाएगी सुनवाई*

*ब्लॉक मोरनी की आंगनवाड़ी वर्करों के लिए जागरूकता शिविर का किया गया आयोजन*

*शिविर में बच्चों की सुरक्षा के कानूनी मापदंड व विभाग की अन्य स्कीम को किया सांझा*

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पंचकूला, 14 मार्च- महिला एवं बाल विकास विभाग की जिला कार्यक्रम अधिकारी सविता नेहरा के मार्गदर्शन मे जिला बाल संरक्षण इकाई में कार्यरत कानून एवं परिवीक्षा अधिकारी निधि मलिक ने पंचकुला जिले के ब्लॉक मोरनी की आंगनवाड़ी वर्करों के लिए एक जागरूकता शिविर का आयोजन किया।

  उन्होंने आंगनवाड़ी वर्करों को संबोधित करते हुए कहा कि बच्चों में मोबाइल की इस्तेमाल से साइबर क्राइम का खतरा बढता जा रहा है। लगातार स्क्रीन टाइम, स्मार्टफोन और इलेक्ट्रॉनिक गैजेट के अधिक इस्तेमाल से दिमाग का वह हिस्सा कमजोर हो जाता है, जो बच्चों के विकास के लिए ठीक है। आने वाली पीढ़ी को स्वस्थ दिमाग और बेहतर भविष्य देने के लिए इन सावधानियों पर ध्यान देना जरूरी है। आजकल बच्चे मोबाइल का गलत इस्तेमाल भी करते है और गलत वीडियो बनाते है जोकि कानून के विरुद्ध है। उन्होंने कहा कि बच्चों पर आपराधिक मामले भी दर्ज हो रहे है । उन्होंने बच्चों को मोबाइल से दूर रहने व अभिवावको को सतर्क रहने के लिए कहा।

 उन्होंने बताया कि बच्चा गोद लेने के लिए राज्य सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त दत्तक एजेंसियों के माध्यम से ही गोद लें। इसके लिए किसी बिचौलिये दलाल की कोई भूमिका नहीं है। गोद लेने के लिए सीधे किसी व्यक्ति, गैरकानूनी संस्था, मेटरनिटी होम, अस्पताल व नर्सिंग होम में संपर्क ना करें। बच्चों की देखभाल व संरक्षण के लिए केयरिंग cara.nic.in वेबसाइट पर दिए गए निर्देशों की पालना करें। इस साइट पर डाटा अपलोड करवा कर ही बच्चे को गोद लेने की प्रक्रिया को पूर्ण किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि बच्चा गोद लेने अथवा देने के लिए महिला एवं बाल विकास विभाग की जिला बाल संरक्षण इकाई से संपर्क किया जा सकता है अथवा ऑनलाइन आवेदन भी किया जा सकता है। कानूनन एवं परिवीक्षा अधिकारी ने आंगनवाड़ी वर्करों को विभाग द्वारा चलाई जाने वाली स्पॉन्सरशिप व फॉस्टरकेयर स्कीम के बारे में भी अवगत कराया। इस अवसर पर मोरनी ब्लॉक की सुपरवाइजर सुनील के साथ सभी आंगनवाड़ी वर्कर उपस्थित रही।

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