*Prime land freed from encroachments in Manimajra by MC Chandigarh*

बाल विवाह मुक्त भारत अभियान के अंतर्गत किया गया लोगों को जागरूक

बाल विवाह दंडनीय अपराध-सबरवाल

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पंचकूला, 22 जनवरी- उपायुक्त मोनिका गुप्ता ने बताया कि बाल विवाह निषेध अधिनियम 2006 के अनुसार बाल विवाह एक दंडनीय अपराध है। इस अधिनियम के अंतर्गत 18 वर्ष से कम उम्र की लड़की और 21 वर्ष से कम उम्र के लड़के का विवाह करना गैर जमानती अपराध है। ऐसा कोई भी व्यक्ति जो बाल विवाह करवाता है और उसको बढ़ावा देता है या उसकी सहायता करता है तो उसे 2 साल तक की कड़ी कैद और एक लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है।

उपायुक्त ने जिलावासियों से बाल विवाह जैसी कुप्रथाओं को समाज से उखाड फैंकने की अपील की।

जिला संरक्षण एवं बाल विवाह निष्ेाध अधिकारी सोनिया सबरवाल ने आज बाल विवाह मुक्त भारत अभियान के अंतर्गत महिला एवं बाल विकास, स्वास्थय विभाग के सदस्यों, आशा वर्कस, एएनएम, सीएचओ को बाल विवाह अधिनियम 2006 के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होने बताया कि बाल विवाह निषेध  अधिनियम के तहत लडकी की उम्र 18 वर्ष से कम और लड़के की उम्र 21 वर्ष से कम में शादी करवाना गैर कानूनी है। इसके तहत बाल विवाह करने वाले या बाल विवाह को बढ़ावा देने वाले को 2 साल की सजा व एक लाख रुपये का जुर्माना किया जा सकता है।

उन्होंने बताया कि आशा वर्कर, आंगनवाॅडी व जिला के अन्य वर्करों को बाल विवाह कानूनन अपराध है, इसके बारे में ग्रामीणों आंचल के लोगों को इक्ट्ठा करके जागरूक करने और बाल विवाह एक अपराध है, इसके तहत सजा व जुर्माना भी हो सकता है के बारे में जागरूकता शिविर लगाकर लोगों को बाल विवाह के बारे में जागरूक करने का आहवाहन किया।

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