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बाल विवाह एक दंडनीय अपराध-उपायुक्त

18 वर्ष से कम उम्र की लड़की और 21 वर्ष से कम उम्र के लड़के का विवाह करना गैर जमानती अपराध

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पंचकूला, 02 अगस्त:   उपायुक्त डाॅ. यश गर्ग ने बताया कि बाल विवाह निषेध अधिनियम 2006 के अनुसार बाल विवाह एक दंडनीय अपराध है। इस अधिनियम के अंतर्गत 18 वर्ष से कम उम्र की लड़की और 21 वर्ष से कम उम्र के लड़के का विवाह करना गैर जमानती अपराध है। ऐसा कोई भी व्यक्ति जो बाल विवाह करवाता है और उसको बढ़ावा देता है या उसकी सहायता करता है तो उसे 2 साल तक की  कैद और एक लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है।
      उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग के द्वारा यूट्यूब पर बाल विवाह निषेध अधिनियम 2006 के धाराओं को सरल भाषा में समझाने के लिए वीडियो डाली गई है, जिनके लिंक भी जारी किए गए हैं।
    जिला संरक्षण एवं बाल विवाह निषेध अधिकारी सोनिया अग्रवाल ने बताया कि उपायुक्त के निर्देशानुसार जिला शिक्षा अधिकारी, जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी , जिला विकास एवं पंचायत अधिकारी, महिला एवं बाल विकास परियोजना अधिकारी व जिला बाल संरक्षण अधिकारी को इन वीडियोज के बारे में अधिक से अधिक जागरूकता फैलाने के निर्देश दिए गए  है। उन्होंने बताया कि कुछ स्कूल एवं चाइल्ड केयर इंस्टीट्यूशंस में भी बाल विवाह रोकने के लिए वीडियो दिखाई जा रही है ।
डीपीओ सीमा रोहिला ने बताया कि आशा वर्कर और आंगनवाॅडी वर्करों द्वारा भी बाल विवाह कानूनन अपराध है, के  बारे में लोगों को जागरूक किया जा रहा है ताकि बाल विवाह पर पूर्ण अंकुश लगाया जा सके।

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