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बालकों के साथ शिक्षकों को भी होना होगा लैंगिक अपराध के विरुद्ध जागरूक – निधि मलिक

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पंचकूला, 5 मार्च- लैंगिक अपराध अधिनियम के तहत अपराध घटित होने पर इसकी सूचना तुरंत स्थानीय पुलिस या विशेष किशोर पुलिस इकाई को दी जाना चाहिए। साथ ही पीड़ित का चिकित्सीय परीक्षण भी तत्काल करवाया जाना चाहिए। अधिनियम के तहत लैंगिक हमला, लैंगिक उत्पीड़न, अश्लील साहित्य या फिल्म दिखाना व पोर्नोग्राफी जैसे अपराध शामिल किए गए हैं।
   यह बात जिला बाल सरंक्षण यूनिट पंचकुला की कानून एवं परिविक्षा अधिकारी निधि मलिक ने गवर्नमेंट गर्ल्स स्कूल सेक्टर-15 में आयोजित कार्यशाला में कही। कार्यक्रम की शुरूआत प्रभारी प्राचार्या बलजिंदर कौर ने की। निधि मलिक  ने कहा कि बच्चों को यौन उत्पीड़न और शोषण से बचाने व कानूनी प्रावधानों को मजबूती प्रदान करने के लिए अपराधों से बालकों का सरंक्षण अधिनियम तैयार किया गया है।
    उन्होंने बताया कि इस प्रकार की घटनाएं विद्यालय, छात्रावास, अस्पताल, हमारे आस पड़ोस या घर परिवार कहीं भी घटित हो सकती हैं। बच्चों को किसी तरह की मानसिक एवं शारीरिक प्रताड़ना भी अपराध में शामिल है। इसलिए सभी को इस अधिनियम का ज्ञान होना आवश्यक है। उन्होंने लैंगिक अपराधों से बालकों के संरक्षण के लिए समाज में जागरूकता लाने एवं किशोर पुलिस ईकाई के कार्यों एवं उद्देश्यों एवं कार्य प्रणाली के बारे में भी विस्तार से जानकारी दी । उन्होंने बताया की हर लैंगिक अपराध की अनिवार्य रिपोर्टिंग करना जरूरी है अन्यथा पता होने पर रिपोर्ट न करने पर सजा का प्रावधान है।
जागरूकता शिविर में बताया गया कि 18 वर्ष से कम आयु के निराश्रित, अनाथ और बेसहारा बच्चों की जानकारी प्राप्त होने पर बाल कल्याण समिति व जिला बाल संरक्षण इकाई पंचकुला को दूरभाष नंबर 0172-2582220 पर सूचना देनी चाहिए या चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर 1098  और 112  संपर्क करना चाहिए।  इस अवसर पर स्कूल के सभी शिक्षक मौजूद रहे।

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