बरसाती पानी संरक्षण व पेयजल बचाव मुहिम में अपनी ऊर्जा लगाए युवा : उपायुक्त रमेश चंद्र बिढ़ान
उपायुक्त रमेश चंद्र बिढ़ान ने बताया कि पर्यावरण को बचाना तथा भू-जलस्तर में सुधार लाना आज समय की जरुरत है जिससे हमारी आने वाली पीढ़ी को जल के लिए किसी संकट का सामना न करना पड़े। प्रदेश सरकार द्वारा भूजल स्तर में सुधार व हर घर नल के माध्यम से जल पहुंचाने की मुहिम में कई कारगर व ठोस कदम उठाए गए हैं। बरसाती पानी का संरक्षण के साथ-साथ आमजन को स्वच्छ पेयजल का महत्व भी समझना होगा। विशेषकर हमारी युवा पीढ़ी को इस मुहिम में आगे आ कर अपनी ऊर्जा लगानी चाहिए और दूसरों को भी पानी का सदुपयोग व पानी को व्यर्थ न बहाने का संदेश देना चाहिए।
उन्होंने बताया कि जल शक्ति अभियान के दौरान 5 बिंदुओं पर मुख्य रूप से ध्यान दिया जा रहा है, जिनमें पानी का सरंक्षण और बरसात के पानी का संचय, परंपरागत जल संसाधनों व तालाबों का जीर्णोंद्वार, पानी रीचार्ज के लिए बोरवेल का दोबारा उपयोग करना, वाटर शैड को विकसित करना और सघन पौधारोपण शामिल है।
जल शक्ति अभियान के तहत सिंचाई विभाग में लगाए गए छह वर्षा जल संचयन संयंत्र : उपायुक्त बिढ़ान
उपायुक्त रमेश चंद्र बिढ़ान ने कहा कि जिला में पर्यावरण को बचाने तथा बरसाती पानी के संरक्षण के लिए सरकारी व गैर सरकारी संस्था द्वारा सराहनीय कार्य किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि सिंचाई विभाग द्वारा हिसार रोड़ स्थित नहर कॉलोनी कार्यालयों में छह वर्षा जल संचयन संयंत्र लगाए गए हैं, प्रत्येक संयंत्र पर लगभग 2 लाख 90 हजार रुपये की लागत आई है। जिससे न केवल कार्यालय में बरसाती पानी से होने वाले जल भराव से मुक्ति मिली है बल्कि वर्षा जल संचयन संयंत्रों के माध्यम से स्वच्छ जल को धरती मां की गोद में पहुंचाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि प्रत्येक संयंत्र की गहराई लगभग 66 फुट बनाई गई है और लगभग 8 इंच मोटी प्लास्टिक की पाइप द्वारा पानी जमीन के अंदर जाता है। पाइप की जमीन वाली सतह पर तीन तरह की बजरी की परत बिछाई बिछाई गई है ताकि साफ पानी ही जमीन में जा सके, पहली परत में मोटी बजरी, दूसरी परत में बारीक बजरी तथा तीसरी परत में क्रेशर बजरी बिछाई गई है। प्रत्येक परत की मोटाई 20 इंच है। यह प्रणाली बहुत ही कारगर सिद्ध हो रही है, इसमें भू-जल संरक्षण के साथ-साथ भूजल स्तर भी बढ़ता है।
जल अनमोल है, इसका संरक्षण प्रत्येक व्यक्ति की नैतिक जिम्मेवारी : उपायुक्त बिढ़ान
उपायुक्त रमेश चंद्र बिढ़ान ने कहा कि पानी की एक-एक बूंद अनमोल है, इसका संरक्षण करना हम सबकी नैतिक जिम्मेवारी है। उन्होंने आमजन अपील करते हुए कहा है कि कभी भी नल को खुला न छोड़ें, जब पानी की आवश्यकता न हो तो नल को बंद अवश्य कर दें। यह हम सभी का दायित्व बनता है कि पानी की नलों को खुला न छोड़े, आवश्कता अनुसार ही पानी का उपयोग करें। यदि नल खराब है, पानी टपकता है तो उसे ठीक करवाएं। जल सरंक्षण करना सबकी सामूहिक जिम्मेवारी है। उन्होंने कहा कि पानी को व्यर्थ न बहनें दें और दूसरों को भी इसके संरक्षण के लिए प्रेरित करें। भूजल स्तर बढ़ाने के लिए वाटर रिचार्जर लगाएं व सिचाई के लिए सूक्ष्म सिचाई प्रणाली (ड्रिप तकनीक) का प्रयोग करें। इन छोटे-छोटे उपायों को अपना कर हम जल संरक्षण की दिशा में आगे बढ़ सकते हैं।
वर्षा जल संचयन संयंत्रों के बनने से जल भराव से मिली मुक्ति : धर्मपाल
कार्यकारी अभियंता सिंचाई विभाग धर्मपाल ने बताया कि जल शक्ति अभियान के तहत सिंचाई एवं जल संरक्षण विभाग के कार्यालयों में बरसाती पानी के सदुपयोग के लिए छह वर्षा जल संचयन संयंत्र बनाए गए हैं। इन संयंत्रों के माध्यम से कार्यालय परिसर में पहले जहां जल भराव हो जाता था और जमा पानी को निकालने के लिए अतिरिक्त खर्च करके पंपों के माध्यम से पानी की निकासी की जाती थी वहीं अब बरसाती पानी इन संयंत्रों के माध्यम से स्वच्छ होकर सीधे जमीन के भीतर चला जाता है। उन्होंने बताया कि इस पुणित कार्य में विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों का सराहनीय योगदान रहा है।