*Prime land freed from encroachments in Manimajra by MC Chandigarh*

बच्चों में शिक्षा के साथ-साथ चरित्र का निर्माण होना बेहद जरूरी : सांसद सुनीता दुग्गल

– सांसद ने गांव गंगा के श्री लूणा राम सरस्वती विद्या मंदिर में बाबा साहेब डा. भीमराव अंबेडकर हॉल का किया शिलान्यास


सिरसा, 14 जनवरी।

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सिरसा लोकसभा क्षेत्र की सांसद सुनीता दुग्गल ने कहा कि हमारे बच्चों में शिक्षा के साथ-साथ चरित्र का निर्माण होना बेहद जरूरी है, बच्चों को हमारी संस्कृति व सभ्यता के बारे में भी में अवगत करवाएं जिससे उनमें देश प्रेम की भावना जागृत हो और वे सभ्य नागरिक बनकर राष्ट्र निर्माण में सहयोग करें।


वे शुक्रवार को जिला के गांव गंगा के श्री लूणाराम सरस्वती विद्या मंदिर में बाबा साहेब डा. भीमराव अंबेडकर हॉल का शिलान्यास करने उपरांत उपस्थित जनों को संबोधित कर रही थी। इस मौके पर पूर्व चेयरमैन जगदीश चोपड़ा, पूर्व विधायक बलकौर सिंह, खंड संचालक मुंशी राम, ओम धमीजा, विद्या भारती संस्थान के कार्यकारी सदस्य अमृतपाल, विनोद सिलहण, जगदीश माहर, सुभाष रोहलण आदि मौजूद थे।

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सांसद ने कहा कि हमारा देश त्योहारों का देश है और हर त्योहार हमें अपने संस्कार व संस्कृति के बारे में ज्ञान देता है। शिक्षक व अभिभावक बच्चों को शिक्षा के साथ-साथ संस्कारी बनाएं ताकि वे भविष्य में देश के नव निर्माण में अपना पूर्ण योगदान दे सकें। मकर संक्रांति की शुभकामनाएं देते हुए सांसद ने कहा कि इस पावन पर्व पर हम सबको सामाजिक बुराइयों से लडऩे व उन्हें जड़ मूल से समाप्त करने का संकल्प लेना होगा, तभी हम सशक्त राष्ट्र का निर्माण कर पाएंगे। सांसद ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास सोच के साथ कार्य कर रहे हैं, जिसके तहत भारत के गांव-गांव तक विकास कार्य करवाए जा रहे हैं ताकि ग्रामीण क्षेत्रों में भी शहर की तर्ज पर आमजन को सुविधाओं का लाभ मिल सके, क्योंकि गांव के विकास में ही देश का विकास होता है। इस अवसर पर सांसद ने गांव गंगा के सफाई कर्मचारी रवि, इकबाल, राजू, सुखदेव व राजा को सम्मानित भी किया।


पूर्व चेयरमैन जगदीश चोपड़ा ने कहा कि 1952 में विद्या भारती की स्थापना की गई थी। वो वृक्ष अब बहुत बड़ा हो गया है, अब राज्य के प्रत्येक जिले में विद्या भारती का स्थान है। जहां पर कोई नहीं पहुंच पाया वहां पर विद्या भारती पहुंची है, आज 13 हजार विद्यालय कार्य कर रहे हैं और संस्कार केंद्र देशभर में खुले हुए हैं जिनमें 50 हजार विद्यार्थी प्रतिवर्ष शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं।