फोर्टिस मोहाली के डाक्टरों ने एफएफआर टेक्नोलॉजी के प्रयोग से दिल के मरीज का किया इलाज
दिल में कई जगह ब्लाकेज वाले मरीज की आर्टर्री में सिर्फ एक स्टेंट डालकर सफल इलाज किया
जम्मू, 20 नवंबर: फोर्टिस अस्पताल मोहाली के दिल के रोगों के माहिर डाक्टरों की टीम ने कई जगह ब्लाकेज वाले दिल के मरीज का इलाज करके उसको नई जिंदगी दी है। डाक्टरों ने अति-आधुनिक टेक्नोलॉजी फ्रक्शनल फ्लो रिजर्व (एफएफआर) का प्रयोग करते हुए यह इलाज किया।
फोर्टिस अस्पताल मोहाली के दिल के रोगों के विभाग के डायरैक्टर व कैथ लैब के डायरेक्टर डा. आर.के.जसवाल की अगुवाई में डाक्टरों की टीम ने जम्मू के एक 66 वर्षीय मरीज शाम सुंदर का सफल इलाज किया है, जिसकी दिल की नाडिय़ों में कई जगह ब्लाकेज थी तथा उसको छाती में दर्द की तकलीफ थी।
फ्रक्शनल फ्लो रिजर्व टेक्नोलॉजी ब्लाकेज वाले दिल के मरीज के अंदरूनी हिस्से की जांच के लिए प्रयोग की जाती है, जहां यह पता लगाया जा सकता है कि मरीज को बाइपास सर्जरी की जरूरत है, या स्टेंट तथा या सिर्फ दवाई की जरूरत है। एफएफआर के प्रयोग से जांच करके आर्टरीज में बिना जरूरत स्टेंट डालने से भी बचा जा सकता है।
डा. जसवाल ने बताया कि मरीज शाम सुंदर ने जम्मू में जांच करवाई थी, जिससे यह बात सामने आई कि उसकी तीन आर्टरीज ब्लाक हैं। एंजीयोग्राफी करने के बाद मरीज को बाइपास सर्जरी या तीन आर्टरीज में स्टेंट डालने की सलाह दी गई। जम्मू में इलाज से तस्सली न होने पर मरीज ने फोर्टिस अस्पताल मोहाली में डा. जसवाल तक पहुंच की।
जांच दौरान मरीज में छाती में दर्द, थकावट, सांस उखडऩे तथा दिल की धडक़न तेज होने के लक्ष्ण देखे गए। डा. जसवाल की टीम ने एफएफआर टेक्नोलॉजी के प्रयोग से मरीज की एक ही आर्र्टरी में एक स्टेंट डाला। मरीज की तंदरूस्ती को देखते हुए उसको आप्रेशन से अगले ही दिन ही अस्पताल में से छुट्टी दी गई। मरीज अब बिल्कुल ठीक हो चुका है तथा रोजमर्रा की तरह जिंदगी व्यतीत कर रहा है।
डा. जसवाल ने बताया कि फोर्टिस अस्पताल मोहाली के पास दिल के मरीजों की जांच के लिए अति-आधुनिक टेक्नोलॉजी तथा सुविधा मौजूद है, जिनमें एफएफआर के अलावा इंटरावेस्कूलर अल्ट्रा साउंड आप्टीकल कोहेरैंस टोमोग्राफी भी शामिल है तथा यह सेवाएं 24 घंटे उपलब्ध है।
मरीज शाम सुंदर ने फोर्टिस अस्पताल मोहाली की प्रशंसा करते हुए कहा कि डा. जसवाल ने बिल्कुल सही इलाज किया है, क्योंकि जम्मू में उनको तीन स्टेंट डालने की सलाह दी गई थी, पर फोर्टिस अस्पताल में सिर्फ एक स्टेंट डालकर सही इलाज किया गया। उन्होंने डा. जसवाल तथा फोर्टिस मोहाली का धन्यवाद भी किया।