फसल अवशेष प्रबंधन : व्यक्तिगत श्रेणी के कृषि यंत्रों पर 50 प्रतिशत तथा कस्टम हायरिंग सैंटर पर मिलेगा 80 प्रतिशत अनुदान : उपायुक्त अनीश यादव
कृषि एवं किसान कल्याण विभाग द्वारा वर्ष 2021-22 के लिए फसल अवशेष प्रबंधन स्कीम के तहत विभिन्न कृषि यंत्रों / मशीनों पर 50 से 80 प्रतिशत तक अनुदान दिया जा रहा है। योजना का लाभ लेने के लिए इच्छुक नागरिक सात सितंबर तक विभाग के पोर्टल डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू डॉट एग्रीहरियाणासीआरएम डॉट कॉम (www.agriharyanacrm.com) पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।
उपायुक्त ने बताया कि विभाग द्वारा व्यक्तिगत श्रेणी के कृषि यंत्रों / मशीनों पर 50 प्रतिशत तथा कस्टम हायरिंग सेंटर के लिए 80 प्रतिशत तक अनुदान दिया जा रहा है। जिला में विभिन्न कृषि यंत्रों/मशीन जैसे स्ट्रा बेलर (हे-रेक के साथ) (50 सामान्य, 20 अनुसूचित जाति), सुपर एसएमएस (10 सामान्य, 2 अनुसूचित जाति) हैप्पी सीडर (10 सामान्य 2 अनुसूचित जाति), पैडी स्ट्रा चौपर/मल्चर (20 सामान्य, 6 अनुसूचित जाति), रोटरी स्लेशर (50 समान्य, 20 अनुसूचित जाति), रिविर्सिबल एमबी प्लाऊ (10 सामान्य, 2 अनुसूचित जाति), सुपर सीडर (50 सामान्य, 40 अनुसूचित जाति), जीरो टिल सीड ड्रिल (70 सामान्य, 60 अनुसूचित जाति), क्रोप रीपर/टैक्टर चालित/रीपर कम बाइंडर (50 सामान्य, 20 अनुसूचित जाति) श्रेणी के लिए अलॉट किए गए। सभी श्रेणी में 70 प्रतिशत लक्ष्य छोटे एवं सामान किसानों के लिए आरक्षित है। इसके लिए जिले में कुल 867.5 लाख का प्रावधान किया गया है। उन्होंने बताया कि जिले में कुल 100 सीएचसी सामान्य के लिए तथा 60 सीएचसी अनुसूचित जाति के लिए अलॉट किए गए है जिसके लिए 840 लाख का प्रावधान किया गया है।
सहायक कृषि अभियंता गोपी राम संागवान ने बताया कि व्यक्तिगत श्रेणी के लिए केवल वहीं व्यक्ति पात्र होंगे जिन्होंने विभाग की किसी भी स्कीम के तहत इस कृषि यंत्र/मशीन पर पिछले दो वर्षोंं के दौरान अनुदान न लिया हो तथा मेरी फसल मेरा ब्यौरा पर पंजीकरण अनिवार्य है। इसके अतिरिक्त ट्रैक्टर चालित कृषि यंत्र/मशीन के लिए ट्रैक्टर की वैध आरसी होना अनिवार्य है। उन्होंने बताया कि कुल लक्ष्य में से 70 प्रतिशत सीमांत व छोटे किसानों के लिए आरक्षित है। सीएचसी के लिए केवल किसानों की सहकारी समिति एफपीओ रजिस्टर्ड किसान सोसायटी तथा पंचायतें आवेदन कर सकते है।
उन्होंने बताया कि अनुदान केवल नौ प्रकार के फसल अवशेष प्रबंधन के कृषि यंत्र/मशीनों स्ट्रा बेलर (हे-रेक), सुपर एसएमएस, हैप्पी सीडर, रिविर्सिबल एमबी प्लाऊ, सुपर सीडर, पैडी स्ट्रा चौपर, रोटरी स्लेशर, जीरो टिल सीड ड्रिल, क्रोप रीपर/टैक्टर चालित रीपर कम बाइंडर मशीनें ही उपलब्ध है। सीएचसी के लिए अधिकतम 15 लाख तक प्रोजेक्ट कीमत हो सकती है तथा नौ प्रकार मशीनों मे से कम से कम अलग-अलग तीन मशीनें तथा अधिकतम अलग-अलग पांच मशीन ही ली जा सकती है। सीएचसी0 को कल्स्टर के आधार पर स्थापित किया जाएगा तथा लाल व पीला जॉन के गांवों को प्राथमिकता दी जाएगी जहां एएफएल ज्यादा है।
उन्होंने बताया कि अनुसूचित जाति की सीएचसी के लिए सोसायटी के प्रधान एवं ज्यादातर सदस्यों अनुसूचित जाति में से संबंधित होने चाहिए तथा उनके जाति प्रमाण पत्र साथ संलग्न करने होंगे। केवल वहीं पुरानी सीएचसी अप्लाई कर सकते है जिनके पास फसल अवशेष प्रबंधन की मशीनें नहीं है। उन्होंने बताया कि जिला स्तरीय कार्यकारी कमेटी द्वारा व्यक्तिगत श्रेणी के लिए आवेदन पत्र लक्ष्य से ज्यादा होने पर ऑनलाइन ड्रा के माध्यम से चयन किया जाएगा। सीएचसी के लाभार्थी का चयन के लिए डीएलईसी जांच उपरांत द्वारा किया जाएगा। किसान अपने आवेदन ऑनलाइन विभागीय पोर्टल डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू डॉट एग्रीहरियाणासीआरएम डॉट कॉम (www.agriharyanacrm.com) पर सात सिंतबर 2021 किया जा सकता है।
उन्होंने जिला के किसानों से आह्वïान किया कि वे आवेदन करने से पहले विभागीय पोर्टल पर उपलब्ध स्कीमें की नियम व शर्तें आदि ध्यान से पढ़ ले तथा उसी अनुसार अप्लाई करें।