फल उत्कृष्टता केंद्र मांगेआना में आधुनिक फल उत्पादन प्रोद्योगिकी प्रदर्शन फील्ड-डे कार्यक्रम आयोजित
फल उत्कृष्टता केंद्र मांगेआना में आधुनिक फल उत्पादन प्रोद्योगिकी प्रदर्शन एवं केंद्र भ्रमण के लिए चार दिवसीय फील्ड-डे कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। कार्यक्रम के दूसरे दिन जिला सिरसा, फतेहाबाद, हिसार एवं भिवानी से लगभग 115 प्रगतिशील किसानों ने भाग लिया। कार्यक्रम की अध्यक्षता संयुक्त निदेशक उद्यान एवं उद्यान प्रशिक्षण संस्थान करनाल के प्रधानाचार्य डा. जोगिंद्र सिंह ने की। इस दौरान किसानों को विभिन्न फलों के आधुनिक फल उत्पादन तकनीक के प्रदर्शन के लिए केंद्र का भ्रमण भी करवाया गया।
कार्यक्रम में डा. जोगिंद्र सिंह ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि प्रदेश के कृषि योग्य भूमि का लगभग 8 प्रतिशत क्षेत्र बागवानी के अंतर्गत आता है। उद्यान विभाग के प्रयासों एवं किसानों के परिश्रम के फलस्वरूप प्रदेश में बागवानी क्षेत्र लगातार बढ रहा है। उन्होंने किसानों से आह्वान किया कि वे फल उत्कृष्टता केंद्र पर किए जा रहे विभिन्न तकनीकी प्रदर्शन से प्रशिक्षण लेकर अपने खेतों में भी नई तकनीक को अपनाए और अधिक लाभ कमाएं। साथ ही किसान अपना उत्पाद स्वयं बेचना सीखे ताकि आय में और अधिक बढोतरी कर सके।
उप-निदेशक उद्यान फल उत्कृष्टता केंद्र डा. आत्म प्रकाश ने केंद्र पर चल रही विभिन्न गतिविधियों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि केंद्र द्वारा पिछले लगभग 11 वर्षों से नींबू वर्गीय फलों, अनार, जैतून, खजूर की आधुनिक फल उत्पादन तकनीक के बारे में किसानों को महत्वपूर्ण जानकारियां उपलब्ध करवाई जा रही है। केंद्र के प्रयासों एवं अच्छी तकनीक के कारण सरकार ने किसानों के लिए अनार व खजूर फसल के क्षेत्र को प्रदेश में बढाने के लिए अनुदान का प्रावधान किया है। उन्होंने बताया कि अगले दो दिनों में 21 व 22 फरवरी 2021 को अनार, खजूर, जैतून व आड़ू आदि फसलों के बारे में किसानों को गहनता से जानकारी दी जाएगी।
डा. अमर सिंह पूनिया ने किसानों नींबू जाति के बागों के रख-रखाव के संबंध में तथा डा. श्रवण कुमार ने किसानों को विभाग द्वारा उनके लिए चलाई जा रही विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के बारें में विस्तार से जानकारी दी। साथ ही फल उत्कृष्टता केंद्र पर किसानों को उपलब्ध करवाई जा रही विभिन्न प्रजातियों पौध के बारे में भी बताया गया। इस अवसर पर डा. रमेश कुमार ने किसानों को नींबू जाति व अन्य फलों में टपका सिंचाई के माध्यम से विभिन्न घुलनशील खादों के प्रयोग के बारें में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि हम इस विधि से किस प्रकार कम खर्च में अधिक एव अच्छी गुणवत्ता की पैदावार ले सकते है।