प्राकृतिक और जैविक खेती हमारी भारतीय संस्कृति का अभिन्न अंग : उपायुक्त पार्थ गुप्ता
– जैविक खेती कर रहे किसान डा. मुकेश कंबोज ने उपायुक्त पार्थ गुप्ता से मुलाकात कर सांझा किए अपने अनुभव
उपायुक्त पार्थ गुप्ता ने कहा कि प्राकृतिक और जैविक खेती हमारी भारतीय संस्कृति का अभिन्न अंग है। हमारे पूर्वज प्रारंभ से ही जैविक खेती करते आए हैं। जैविक खेती से उत्पन्न अनाज और सब्जी के सेवन से हम स्वस्थ रह सकते हैं। राज्य सरकार स्वयं अपनी विभिन्न योजनाओं के जरिए जैविक खेती को बढ़ावा देने का हर संभव प्रयास कर रही है और विभिन्न योजनाओं के माध्यम से इसे और बढ़ावा दे रही है। उपायुक्त ने कहा कि अगर जैविक किसान सिरसा में साप्ताहिक बाजार लगाने के इच्छुक है तो प्रशासन द्वारा हर संभव मदद की जाएगी।
गत दिनों जिला के गांव गांव झोरडऩाली के प्रगतिशील किसान डा. मुकेश कंबोज ने उपायुक्त पार्थ गुप्ता से उनके कार्यालय में मुलाकात की और उनके द्वारा की जा रही जैविक खेती, अनुभवों के बारे में चर्चा की। डा. कंबोज ने बताया कि उन्होंने 25 एकड़ खेत में से 5 एकड़ में सितंबर 2020 से प्राकृतिक जैविक खेती की शुरुआत की थी। घग्गर नदी के किनारे खेत की मिट्टी अत्यंत चिकनी होने की वजह से किसान केवल धान-गेहूं की फसल की बिजाई करते हैं जिससे लगातार पानी का स्तर गिरता जा रहा है।
पिछले 2 वर्षों से डॉ मुकेश कंबोज के खेत में करीब 25 प्रकार की सब्जियों की खेती की जा रही है, जिन का स्वाद व रंग रूप रासायनिक उत्पादों से बिल्कुल अलग है, जिन्हें नागरिक बेहद पसंद कर रहे हैं। इसके अलावा बेलों वाली सब्जियां, खरबूजा, तरबूज की नर्सरी की तैयारी भी चल रही है। डा. मुकेश कंबोज कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार के संस्थान मैनेज- हैदराबाद द्वारा जैविक प्राकृतिक खेती के प्रमाणित सलाहकार भी हैं। समय-समय पर डा. कंबोज बागवान किसानों को हानिकारक बीमारियों, कीटों से बचाव के उपाय व बागों को जहर मुक्त बनाने के लिए जानकारी देते हैं।
किसानों को उनकी उपज का पूरा फायदा मिल सके इसके लिए डा. कंबोज सिरसा ब्लॉक के अन्य 35 जैविक किसानों के साथ मिलकर ‘जीनियस जैविक किसान उत्पादक संगठनÓ की स्थापना कर रहे हैं ताकि पी जी एस (इंडिया) सर्टिफाइड जैविक उत्पादन करने वाले किसान इक_े मिलकर अपने जैविक प्राकृतिक उत्पादों को सीधा उपभोक्ताओं को बेच सकें, जिससे वह अपने जैविक उत्पादन का सही लाभ ले सकेंगे।