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प्रतियोगिताओं में भाग लेने से बच्चों के बौद्धिक विकास व मनोबल को मिलता है बढ़ावा : उपायुक्त रमेश चंद्र बिढ़ान

सिरसा, 2 अगस्त।


                उपायुक्त रमेश चंद्र बिढ़ान ने कहा कि शिक्षा के साथ-साथ विभिन्न कलात्मक अन्य प्रतियोगिताओं में भाग लेने से बच्चों का न केवल बौद्धिक विकास होता है बल्कि उनमें नए जोश व मनोबल को भी बढ़ावा मिलता है। प्रतियोगिताएं बच्चे को निरंतर भविष्य में आगे बढऩे के लिए प्रेरित करती है और अपने जीवन में कुछ नया कर दिखाने का जज्बा पैदा करती है। उन्होंने कहा कि सभी शिक्षण संस्थानों को समय-समय पर शिक्षा के साथ-साथ अन्य गतिविधियों से संबंधित प्रतियोगिताओं का आयोजन करवाना चाहिए। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के दौरान बच्चे शिक्षा से वंचित न रहे इसके लिए ऑनलाइन प्रतियोगिता करवाना बहुत ही सार्थक रहा है और बच्चों के लिए भी यह बिल्कुल नया अनुभव रहा है। उन्होंने अभिभावकों से आह्वïान किया कि वे अपने बच्चों की देखभाल बेहतर ढंग से करें और उन्हें बेहतर नागरिक बनने के लिए प्रेरित करें।

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                उपायुक्त रमेश चंद्र बिढ़ान रविवार को स्थानीय बाल भवन में जिला बाल कल्याण परिषद द्वारा लॉकडाउन के दौरान करवाई गई विभिन्न ऑनलाइन प्रतियोगिताओं के विजेता बच्चों व उनके अभिभावकों को संबोधित कर रहे थे। इस मौके पर उपायुक्त रमेश चंद्र बिढ़ान ने लॉकडाउन के दौरान आयोजित ऑनलाइन प्रतियोगिता के विजेता प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र व नगद राशि देकर सम्मानित किया। इस अवसर पर जिला बाल कल्याण अधिकारी पूनम नागपाल सहित बच्चों के अभिभावक उपस्थित थे।

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                उपायुक्त बिढ़ान ने कहा कि बच्चों में नया कुछ सीखने की बहुत ज्यादा क्षमता होती है। अगर बच्चों को सही मार्गदर्शन व प्रोत्साहन मिले तो वे अपनी प्रतिभा को निखार कर हर मंच पर बेहतर प्रदर्शन कर सकते हैं जिससे देश व प्रदेश के नाम के साथ-साथ उनके अभिभावकों का भी नाम रोशन होता है। उन्होंने अभिभावकों से आह्वïान किया कि वे बच्चों की इच्छा अनुसार शिक्षा के साथ अन्य विकल्प चुनने के लिए स्वतंत्र रखें और किसी भी तरह का बच्चों पर दबाव न बनाएं। अभिभावक बच्चों से संवाद करें और उनकी अगर कोई समस्या है तो उसे विनम्रता से समाधान करें। उपायुक्त ने कहा कि अभिभावक बच्चों को अपने बुजुर्गों व बड़ों का सम्मान करने के लिए प्रेरित करें। इसके लिए समय-समय पर बच्चों को संस्कारी पुस्तकें पढऩे के लिए कहें। इसके अलावा बच्चों की शिक्षा व पोष्टिïक आहार का भी विशेष ध्यान रखें। कोरोना महाकाल के चलते अभिभावक यह भी ध्यान दें कि बिना वजह घर से बाहर न निकलें और सामाजिक दूरी बना कर रखते हुए मास्क आदि का प्रयोग अवश्य करें।


                जिला बाल कल्याण अधिकारी पूनम नागपाल ने बताया कि जिला बाल कल्याण परिषद् द्वारा 3 वर्ष से 14 वर्ष तक बच्चों की ऑनलाइन प्रतियोगिताएं गायन, नृत्य, निबंध लेखन, कविता, कहानी, मिमिक्री, खराब सामान से कलात्मक कृति बनाना, पेपर क्राफट तथा फैन्सी ड्रैस प्रतियोगिताएं करवाई गई थी। उन्होंने बताया कि लॉकडाउन के दौरान परिषद द्वारा 8 मई से 15 मई तक बच्चों की ऑनलाइन प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया था ताकि बच्चे घर बैठे अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर सकें।


ये बच्चे हुए सम्मानित


               उपायुक्त रमेश चंद्र बिढ़ान ने पुरस्कार वितरण समारोह में जिन विजेता बच्चों को सम्मानित किया उनमें नव्या, कृतिका, पलक कंबोज, दिव्यांशी, वेदांशी नागपाल, यक्षिका, नमन, सतवीर, अक्षिता अरोड़ा, प्रांजल, अक्षिता अरोड़ा, शिवांश शर्मा, शिवांशी, प्रगति, दिव्यां जैन, हरमन, लवनीश, ईशा, सूरत बब्बर, गौरी गुप्ता, साश्वत, सिया, जयश्री, पाावनी, कमलप्रीत, आरव गुप्ता, नवनीत, अक्षिता, तेजस, सात्विक, शकुंतला, पृथ्वी, प्रांजल को प्रमाण पत्र व नगद राशि से सम्मानित किया और उनके उज्जवल भविष्य की कामना की।