प्रगतिशील किसान संगठनों ने कृषि बिलों को किया समर्थन, उपायुक्त को सौंपा ज्ञापन
केंद्र सरकार द्वारा कृषि क्षेत्र में किसानों के हितार्थ लाए गए तीन कृषि बिलों के समर्थन में शनिवार को जिला के किसान उत्पादक संघ, प्रगतिशील किसान संगठन व सहकारी किसान संगठन ने संयुक्त रूप से उपायुक्त रमेश चंद्र बिढाण को ज्ञापन सौंपा। किसान संगठनों ने उक्त बिलों के समर्थन में ज्ञापन सौंप उपायुक्त के माध्यम से केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर का आभार व्यक्त किया है। ज्ञापन सौंपने के दौरान सोहन कैरावाली, सोनू रंधावा, लखा राम रानियां, बलदेव सिंह मम्मड़ खेड़ा सहित अनेक किसान साथ थे।
तीनों सगठनों की ओर से कर्ण बेनीवाल ने उपायुक्त को बिलों के समर्थन में ज्ञापन दिया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने ये जो तीन बिल कृषि क्षेत्र में किसानों की उन्नति के लिए लाए गए हैं, हम इसका समर्थन करते हैं और इस ज्ञापन के माध्यम से केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर का आभार व्यक्त करते हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा किसानों की आर्थिक आजादी के लिए उठाया गया यह सही कदम है। अब किसान कहीं पर भी अपनी फसल बेचने के लिए आजाद है। इससे किसान को न केवल अपनी फसलों का भाव तय करने की छूट मिली है, बल्कि इससे किसानों के खुशहाली के रास्ते खुलेंगे और किसान आर्थिक रूप से सुदृढ होगा।
उन्होंने कहा कि किसानों को बिलों के विरोध के लिए भ्रमित किया जा रहा है। यदि किसान इन बिलों को एक बार पढ ले तो वह इसका समर्थन करेगा। किसानों को यह कहकर भी भ्रमाया जा रहा है कि इन बिलों से एमएसपी व मंडी व्यवस्था खत्म हो जाएगी, लेकिन सरकार द्वारा एक अक्तूबर से फसलों की खरीद प्रक्रिया शुरू होते ही यह भ्रम भी दूर हो जाएगा। उन्होंने कहा कि तीनों संगठन बिलों को शीघ्र कानून का रूप दिए जाने को लेकर अपने समर्थन से सहमति की मुहर लगाते हैं।
किसान विनोद कुमार ने कहा कि इन तीनों बिलोंं में किसानों को अपनी फसल बिक्री के लिए छूट दी गई है। उन्होंने कहा कि सही मायने में किसान को अब आर्थिक आजादी मिली है। किसान अपनी ऊपज किसी भी राज्य में ले जाकर बेचने की आजादी होगी। उन्होंने कहा कि किसान अब अपनी फसल मंडी तक ले जाने की बाध्यता नहीं होगी। उन्होंने कहा कि जो किसान किसी के भ्रम में आकर इन बिलों का विरोध कर रहा है, उसे एक बार इन बिलों के बारे में जरूर पढ लेना चाहिए। इन बिलों के बारे में जानने से किसान की सभी भ्रांतियां अपने आप दूर हो जाएंगी।
इसी प्रकार किसान सोहन लाल ने भी कहा कि केंद्र सरकार ने इन बिलों को लाकर किसानों को सही मायने में आर्थिक आजादी दी है। उन्होंने कहा कि जो किसान दूसरे लोगों के बहकावे में आकर इन बिलों का विरोध कर रहे हैं। वो किसान थोड़ा आत्म मंथन करते हुए इन बिलों के बारे में एक बार अवश्य जान तो लें। उन्होंने कहा कि पहले किसान जिन आर्थिक बंदिशों में बंदा था, इन बिलों से वो आजाद हुआ है। किसान विनोद जांगड़ा ने कहा कि ये बिल किसानों के हित में है। ये बिल किसानों की आर्थिक उन्न्नति के द्वार खोलने वाले हैं। किसान अब अपनी फसल चाहे मंडी में बेचे या बाहर कहीं पर भी इसके लिए उसे पूरी छूट मिलेगी। इन बिलों से किसान आर्थिक रूप से आजाद होगा और वो अपने उत्पादों को अपनी मर्जी के हिसाब से बेच सकेगा।