पोषण माह अभियान में भागीदारी कर सुपोषित भारत निर्माण में करें सहयोग : उपायुक्त अनीश यादव
उपायुक्त अनीश यादव ने बताया कि जिला में सुपोषित भारत की थीम के साथ पोषण माह अभियान चलाया गया है, जिसके अंतर्गत विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से महिलाओं व बच्चों को पौष्टिक आहार के महत्व के बारे में जागरूक किया जा रहा है। जिलावासी अभियान में भागीदारी कर कुपोषण मुक्त भारत निर्माण में सहयोग करें।
उन्होंने कहा कि पौष्टिक आहार और उचित पोषण के प्रति जागरूकता के लिए इस अभियान में सबकी भागीदारी अपेक्षित है। स्वस्थ शरीर के लिए पौष्टिक आहार का बड़ा महत्व है, विशेषकर महिलाओं, किशोरियों व बच्चों की पोषण जरूरतों को संतुलित आहार से ही पूरा किया जा सकता है। अल्पोषण के कारण बच्चों में वृद्धि व विकास पूर्णत: नहीं हो पाता है। उन्होंने कहा कि नागरिक अभियान में सामुदायिक भागीदारी कर पौष्टिक आहार के महत्व को समझें। सरकार द्वारा कुपोषण मुक्त भारत के लिए पोषण माह के रूप में विशेष अभियान चलाया है, ताकि हर नागरिक पोषण आहार को लेकर जागरूक हो, जिससे सुपोषित भारत निर्माण हो सके।
उपायुक्त ने बताया कि पोषण माह अभियान में चारों सप्ताह अलग-अलग थीम पर आहार में विविधता और पौष्टिकता को बढाने के लिए बाजरा, दालें, बारहमासी और मौसमी स्थानीय सब्जियों, फलों आदि के उपयोग करने के बारे में नागरिकों को जागरूक किया जाएगा। पोषण माह के तहत पंचायत घरों व आंगनवाड़ी केंद्रों में पोषण माह वाटिका भी स्थापित की जा रही हैं। पोषण अभियान के गतिविधियों को सफलतापूर्वक आयोजित करने के लिए महिला एवं बाल विकास के साथ-साथ अन्य विभागों को भी इस कार्यक्रम में सहयोगी बनाया गया है। उन्होंने संबंधित विभागों को निर्देश दिए कि वे अभियान में सक्रिय भागीदारी निभाकर पोषण गतिविधियों को सफलतापूर्वक आयोजित करवाने में सहयोग करें।
गतिविधियां आयोजित कर दी जा रही संतुलित आहार की जानकारी :
अभियान के तहत विभिन्न गतिविधियां आयोजित कर बच्चों, गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं के लिए भोजन के सही तरीके से पकाने व खाने के बारे में जानकारी दी जा रही है। इसके साथ ही प्रथम सप्ताह में आंगनवाड़ी केन्द्रों, विद्यालयों, पंचायतों एवं अन्य सार्वजनिक भूमि आदि में उपलब्ध स्थानों पर पोषण वाटिका के रूप में पौधरोपण किया जा रहा है। दूसरे सप्ताह में गर्भवती महिलाओं, बच्चों और किशोरियों जैसे विभिन्न समूहों के लिए आयुष और याग कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। तीसरे सप्ताह में आईईसी सामग्री के साथ आंगनवाड़ी लाभार्थियों को पोषण किट वितरित की जाएगी। इसी प्रकार चौथा सप्ताह में एसएएम की पहचान और उनके लिए पौष्टिक भोजन के वितरण के लिए अभियान चलाया जाएगा। चौथे सप्ताह के दौरान एसएम बच्चों की पहचान करने से पहले आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, आशा और एएनएम द्वारा बच्चों (5 वर्ष तक की आयु तक) के लिए लंबाई / ऊंचाई और वजन मापन अभियान के लिए घर-घर जाकर सर्वेक्षण किया जाएगा।