राजकीय महाविद्यालय कालका की प्राचार्या प्रोमिला मलिक के कुशल नेतृत्व में प्रथम अंतर्राष्ट्रीय ध्यान दिवस मनाया गया।

*पोषण पखवाड़ा के अंतर्गत शिशु एवं छोटे बच्चों के आहार संबंधी अभ्यास की दी गई ट्रेनिंग*

*शिशु और छोटे बच्चे का आहार शिशु के अस्तित्व में सुधार और स्वस्थ विकास को बढ़ावा देने का एक महत्वपूर्ण क्षेत्र – डाॅ. शिवानी*

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पंचकूला, 12 मार्च – पोषण पखवाड़ा के अंतर्गत महिला एवं बाल विकास विभाग पंचकूला जिला कार्यक्रम अधिकारी डॉ. सविता नेहरा की अध्यक्षता में उप सिविल सर्जन डॉ. शिवानी हुडा के द्वारा शिशु एवं छोटे बच्चों के आहार संबंधी अभ्यास की ट्रेनिंग व अनिमिया के बारे में जानकारी दी गई। डॉक्टर शिवानी ने महिला की गर्भवस्था से लेकर बच्चे के बड़ा होने तक किस प्रकार का आहार दिया जाना चाहिए, इस बारे में विस्तार से बताया गया। 

     उन्होंने बताया कि शिशु और छोटे बच्चे का आहार शिशु के अस्तित्व में सुधार और स्वस्थ विकास को बढ़ावा देने का एक महत्वपूर्ण क्षेत्र है। जहां तक संभव हो, पूरक आहार मां का दूध पिलाने के बाद खिलाना चाहिए। सफाई को ध्यान में रखते हुए बच्चे को हाथ की अपेक्षा चम्मच से खिलना अधिक उपयुक्त है। उन्होंने बताया कि शुरुआत में पूरक आहार की थोड़ी मात्रा खिलानी चाहिए और धीरे धीरे इसकी मात्रा बढ़ानी चाहिए। जब बच्चा करीब 6 महीने का हो जाए तब बच्चे को 2 से 4 बार तक खिलना चाहिए।

डाॅ. शिवानी ने अनीमिया के कारण, लक्षण और उसे रोकने के उपायों के बारे में विस्तृत रूप से जानकारी दी। उनके सुबह का पोषण से भरा नाश्ता, हरी, पत्ते दार सब्जियां, खट्टे, फल, जिनसे हमें विटामिन भी भरपूर मात्रा में मिलता है। ट्रेनिंग में डॉ. आरती द्वारा मोटे अनाज के बारे में विस्तार से सभी को अवगत कराया गया। मोटे अनाज में पाए जाने वाले तत्व जैसे जौ, बाजरा लौह-लवण से भरपूर होता है। इसलिए शरीर में यह खून की कमी को दूर करने में सहायता करता है।

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