पशुपालकों की आय व श्वेत क्रांति को बढ़ावा देने के उद्देश्य से कारगर योजनाएं क्रियांवित : उपायुक्त प्रदीप कुमार
– पशुधन बीमा योजना के तहत 29 हजार 879 पशुओं का किया जा चुका है बीमा : उपायुक्त
– पशुधन क्रेडिट कार्ड योजना के तहत 1441 पशुओं के स्वास्थ्य प्रमाण पत्र व बीमा पॉलिसी करवाई बैंकों में जमा
उपायुक्त प्रदीप कुमार ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा पशुपालकों की आय व श्वेत क्रांति को बढ़ावा देने के उद्देश्य से कई कारगर योजनाएं क्रियांवित की गई है, जोकि पशुपालकों के लिए वरदान साबित हो रही है। पशुपालन एवं डेयरी विभाग द्वारा जहां पशुपालकों को विभिन्न योजनाओं के तहत पशुधन को बढ़ावा देने के लिए अनुदान दिया जाता है वहीं उनके जोखिम को कम करने के लिए पशुओं के बीमे की सुविधा भी उपलब्ध करवाई जाती है।
उपायुक्त ने बताया कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय पशुधन बीमा योजना के तहत चालू वित्त वर्ष में जिला में 29 हजार 879 पशुओं का बीमा किया जा चुका है, जिसमें सामान्य जाति के व्यक्तियों के 23 हजार 957 पशुओं तथा अनुसूचित जाति के पशुपालकों के 5 हजार 896 पशुओं का बीमा किया गया है। साथ ही बीपीएल परिवार के 26 पशुओं का बीमा किया गया है। उन्होंने बताया कि योजना का लाभ देने में जिला सिरसा प्रदेश में अग्रणीय है। योजना के तहत पशुपालकों की तीन कैटेगरी क्रमश एपीएल, बीपीएल व एससी बनाई गई है। उन्होंने बताया कि बीमा प्रीमियम की राशि में से एपीएल व बीपीएल से 100 रुपये प्रति पशु लिया जाता है व शेष प्रीमियम राशि सरकार द्वारा वहन की जाती है तथा एससी कैटेगरी के लिए बीमा प्रीमियम के लिए पूर्ण राशि सरकार द्वारा वहन की जाती है।
उपायुक्त ने बताया कि इसी प्रकार पशुधन क्रेडिट कार्ड योजना के तहत जिला में चालु वित्त वर्ष में 1441 पशुओं के स्वास्थ्य प्रमाण पत्र व बीमा पॉलिसी संबंधित बैंकों में जमा करवाई जा चुकी है। पशुधन किसान केडिट कार्ड योजना के तहत लाभार्थी को कम ब्याज दर पर एक मुश्त राशि दी जाती है। उन्होंने बताया कि योजना के तहत पशुपालक एक लाख 60 हजार रुपये तक का ऋण बिना गारंटी के संबंधित बैंक से ले सकते हैं। पशु किसान क्रेडिट कार्ड धारक द्वारा तीन लाख रुपये तक का ऋण 7 प्रतिशत सालाना साधारण ब्याज दर पर दिया जाता है। ब्याज दर समय पर भुगतान करते रहने पर भारत सरकार की ओर से तीन प्रतिशत ब्याज दर का अनुदान दिया जाता है।
उपायुक्त ने बताया कि रफ्तार योजना के तहत अनुसूचित जाति की 40 प्रतिशत आबादी वाले गांवों में पशुओं को पानी पीने के लिए 291 पानी की खेलें (होदी) बनाने का लक्ष्य रखा गया है जिनमें से अबतक 121 खेलें बनाई जा चुकी है। शेष खेलों का निर्माण कार्य जारी है।
पशुपालन विभाग के उप निदेशक डा. सुखविंद्र ने बताया कि योजना के तहत पशु के पालन पोषण के लिए पहले राशि किस्तों में मिलनी थी। अब सरकार ने पशुपालक की सुविधा के लिए एक मुश्त में कर दी है। जो किसान आर्थिक रूप से कमजोर हैं और अपने पशुओं का पालन पोषण करने में असमर्थ हैं। वह अपने दुधारू पशुओं को बेच देते हैं, ऐसे पशुपालकों के लिए सरकार ने उनको आर्थिक लाभ देने के लिए पशु किसान के्रडिट कार्ड योजना शुरू की है। उन्होंने बताया कि योजना के तहत एक गाय पर 40 हजार 783 रुपये, एक भैंस पर 60 हजार 249 रुपये, भेड़-बकरी 4063 रुपये, सूकर 16 हजार 337 रुपये, लेयर 720 रुपये व ब्रॉयलर 161 रुपये निर्धारित की गई है। उन्होंने बताया कि यह ऋण पशुओं के रख-रखाव के लिए दिया जाता है।