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पराली में आगजनी की घटनाओं पर सैटेलाईट के माध्यम से रखी जा रही पैनी नजर

पराली जलाने की घटनाओं को लेकर जिला प्रशासन सख्त

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पंचकूला, 16 अप्रैल उपायुक्त श्रीमती मोनिका गुप्ता ने फसल अवशेष प्रबंधन पर अधिकारियों को निर्देश दिए कि आगजनी की घटनाओं पर सैटेलाईट के माध्यम से सीधी निगरानी रखी जा रही है। यदि कोई किसान अपने खेतों में पराली में आग लगाता है तो तुरंत इसकी सूचना सैटेलाईट के माध्यम से अधिकारियों के पास पहुंच जाती है। जिस पर अधिकारी खेतों में पहुंच कर कार्रवाई कर रहे हैं।

उन्होंने बताया कि नियुक्त किए गए अधिकारियों को कार्रवाई के लिए सख्त दिशा-निर्देश दिए गए है ताकि पर्यावरण दूषित होने से बच सके। किसानों की भूमि की उपजाऊ शक्ति नष्ट न हो, मित्र कीटों को नुकसान न पहुंचे, राजमार्गों पर होने वाली दुर्घटनाओं से बचा जा सके तथा भविष्य में बच्चों व आमजन के स्वास्थ्य पर प्रभाव ना पहुंचे इसके लिए एनजीटी ने दिशा निर्देष जारी कर पराली में आग ना लगाने बारे आदेश जारी किए गए हैं।
श्रीमती मोनिका गुप्ता ने कहा कि किसानों को जागरूक करने एवं आगजनी की घटनाओं की मॉनिटरिंग हेतु सम्बन्धित उप मण्डल अधिकारी (नागरिक) की अध्यक्षता में उप मण्डल वाईज टीम गठित की गई है. जिसमें तहसीलदार, खण्ड विकास एवं पंचायत अधिकारी, उप मण्डल अधिकारी (पंचायती राज), सम्बन्धित थाना प्रभारी एवं कृषि विभाग के अधिकारी शामिल है। सभी खण्ड स्तरों पर 4 सदस्यीय अधिकारियों की टीमों का गठन कर दिया गया है, जिसमें कृषि विभाग, पुलिस, पंचायत विभाग एवं कृषि विज्ञान केन्द्र के अधिकारी शामिल किए गए हैं।

उपायुक्त ने बताया कि यदि कोई किसान अपने खेतों में पराली में आग लगाता है तो उसकी सूचना सीधे राजस्व विभाग के माध्यम से पटवारियों को भेजकर उनके फॉर्म रिकॉर्ड में रैड एंट्री दर्ज करने के साथ साथ मण्डी में दो सीजन अपनी पर्दैवार नहीं बेच सकेगा। भविष्य में भी यदि किसी किसान ने पराली में आग लगाने की कोशिश की तो उसके खिलाफ जुर्माना कम से कम 5000 रुपए लगाने के साथ-साथ अन्य कानूनी कारवाई की जाएगी। उन्होंने बताया कि कोई भी किसान पराली में आगजनी की सूचना पुलिस हैल्पलाईन नं. 112 पर भी दे सकता है ताकि मामले में स्वतरित कारवाई की जा सकें।

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