पराली जलाने की एक भी घटना न हो और तुरंत दर्ज करें एफआईआर : एसीएस गुप्ता
सिरसा, 12 नवंबर।
अतिरिक्त मुख्य सचिव टीसी गुप्ता ने कहा कि सिरसा जिला में भविष्य में पराली जलाने की एक भी घटना न हो, इसके लिए संबंधित अधिकारी गंभीरता व सजगता से ड्यूटी करें। पराली जलाने वालों के खिलाफ तुरंत एफआईआर दर्ज करवाएं और जुर्माना भी लगाए। इसके अलावा जिन किसानों पर एफआईआर दर्ज की गई है फास्ट ट्रेक के माध्यम से मुकदमों का निपटान करवाया जाएगा ताकि दोषी व्यक्ति को सजा मिले और दूसरों को सबक। पराल से प्रदूषण रोकने व पराली प्रबंधन की ड्यूटी में लगे नोडल अधिकारी व अन्य अधिकारी महज औपचारिकता न निभाएं और गंभीरता से अपनी ड्यूटी करें। ड्यूटी में लापरवाही व कोताही को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
वे आज स्थानीय लघु सचिवालय के बैठक कक्ष में जिला सिरसा में पराली जलाने की घटनाओं व पराली प्रबंधन के कार्यों की समीक्षा कर रहे थे। बैठक में उपायुक्त अशोक कुमार गर्ग, एसडीएम सिरसा जयवीर यादव, एसडीएम ऐलनाबाद संयम गर्ग, एसडीएम डबवाली डा. विनेश कुमार, उप निदेशक कृषि डा. बाबूलाल सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी मौजूद थे।
उन्होंने कहा कि पराली जलाने से बढ रहा प्रदूषण बेहद चिंता का विषय है और प्रदूषित जहरीली हवा के कारण मानव स्वास्थ्य के साथ-साथ पशुओं के लिए भी घातक है। पराली प्रबंधन के लिए किसानों को साधन मुहैया करवाना भी प्रशासन की जिम्मेवारी है। कृषि विभाग के अधिकारी व पराली प्रबंधन के नोडल अधिकारी गांवों में जाकर किसानों को पराली प्रबंधन के फायदे बताएं और मुकदमा दर्ज होने व जुर्माना होने वाली परेशानी के बारे में भी अवगत करवाएं। उन्होंने पंचायती राज विभाग को निर्देश दिये कि ग्राम पंचायतों से पराली काटने के लिए बड़े व छोटे स्ट्रा बेलर खरीदने के लिए प्रोत्साहित करें और प्रस्ताव पारित करवा कर जिला प्रशासन को भेजें। इससे ग्राम पंचायत की आमदनी बढ़ेगी और किसानों की समस्या का भी समाधान होगा। स्ट्रा बेलर खरीदने के लिए पंचायतों को पीआरआई के माध्यम से लोन भी उपलब्ध करवाया जाएगा। उन्होंने अधिकारियों को पराली के इस्तेमाल के और अधिक विकल्प तलाशने के संबंध में भी विशेष दिशा-निर्देश दिए।
उन्होंने गत वर्ष जिला में पराली से आगजनी की घटनाओं व एफआईआर पर हुई कार्रवाई की समीक्षा करते हुए कहा कि गांव मंगाला में पिछली बार 128 घटनाएं हुई थी लेकिन इस बार अबतक 40 प्रतिशत फसल कटाई के बावजूद एक भी फसल अवशेष जलाने की घटना नहीं हुई, जोकि बहुत ही सराहनीय है। इसके लिए उन्होंने ड्यूटी पर तैनात अधिकारियों व ग्रामीणों को बधाई दी। इसके अलावा जिन क्षेत्रों में आगजनी की घटनाएं बढ रही है, जो बेहद चिंतनीय है। अधिकारी इन विशेष क्षेत्रों को चिह्निïत करके गंभीरता से अपना कार्य करें और किसी किस्म की लापरवाही न बरतें। सरकार द्वारा लघु व सीमांत किसानों को गैर-बासमती धान पर 100 रुपये प्रति क्विंटल बोनस तथा उपकरणों के माध्यम से पराली प्रबंधन करने पर 1000 रुपये प्रति एकड़ की दर से आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी। सभी जिलों में स्ट्रा बेलर भिजवाए गए हैं जिनकी मदद से किसान अपने खेत में पराली प्रबंधन कर सकते हैं।
बैठक में उपायुक्त अशोक कुमार गर्ग ने जिला में पराली प्रबंधन की दिशा में किए जा रहे कार्यों की विस्तारपूर्वक जानकारी दी। उन्होंने बताया कि जिला में 5 नवम्बर तक एक लाख एक हजार मीट्रिक टन गैर बासमती धान की खरीद की जा चुकी है। जिला में पराली आगजनी की घटनाएं न हो इसके लिए अधिकारियों, कर्मचारियों, सरपंच व नंबरदार के माध्यम से कड़ी नजर रखी जा रही है। किसानों को समझाने व जागरूक करने के बावजूद जो किसान पराली में आग लगा रहे हैं उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की जा रही है और उन पर जुर्माना लगाया जा रहा है।
इस बैठक में सभी खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी, कृषि विभाग के अधिकारी व पराली प्रबंधन के लिए तैनात नोडल अधिकारी मौजूद थे।
गांव मंगाला में पिछली बार 128 घटनाएं हुई थी लेकिन इस बार अबतक 40 प्रतिशत फसल कटाई के बावजूद एक भी फसल अवशेष जलाने की घटना नहीं हुई, जोकि बहुत ही सराहनीय है। इसके लिए उन्होंने ड्यूटी पर तैनात अधिकारियों व ग्रामीणों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि ऐसे जागरूक गांवों व किसानों को सम्मानित करने के साथ-साथ अन्य गांवों में भी जागरूकता कार्यक्रम में ऐसे किसानों के माध्यम से दूसरे किसानों को भी जागरूक किया जाए।
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