अब तक मंडियों में 99356 मीट्रिक टन धान में से 94815 मीट्रिक टन धान का हुआ उठान

पराली को जलाने की बजाय आय का स्त्रोत बनाएं किसान : डीएस यादव

सिरसा 18 अगस्त।

कृषि अधिकारियों ने किसानों से पराली न जलाने का किया आह्वïान

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                  सहायक कृषि अभियंता (इंजीनियर) डीएस यादव ने कहा कि धान की पराली को जलाना बेहद गंभीर विषय है, इससे पर्यावरण दूषित होने के साथ-साथ भूमि की उपजाऊ शक्ति भी प्रभावित होती है। किसान पराली को जलाने की बजाय इसे अपनी आय का स्त्रोत भी बना सकते हैं। इसके अलावा पराली को पशु चारा के साथ-साथ इसे भूमि में मिला कर उपजाऊ शक्ति भी बढ़ा सकते हैं। उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा धान की कटाई के लिए किसानों को कृषि यंत्रों पर अच्छा अनुदान दिया जाता है। कस्टम हायरिंग सैंटर के माध्यम से किसानों को इन कृषि यंत्रों पर 80 फीसदी तक सब्सिडी दी जाएगी।

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                  सहायक कृषि अभियंता (इंजीनियर) डीएस यादव ने मंगलवार को स्थानीय लघु सचिवालय के सभागार में किसानों से पराली न जलाने का आह्वïान करते हुए कहा कि पराली को जलाने से भूमि के मित्र कीट भी नष्टï हो जाते हैं जिससे भूमि की उपजाऊ शक्ति कम हो जाती है। इसके अलावा पर्यावरण भी दूषित हो जाता है जिससे अस्थमा सहित कई बीमारियां फैलने का अंदेशा रहता है। उन्होंने किसानों से आह्वïान किया कि किसान आधुनिक कृषि यंत्रों के माध्यम से धान की कटाई करें और पराली का सही इस्तेमाल करें। इस अवसर पर एसडीएओ सिरसा सतवीर सिंह, एसडीएओ डबवाली जितेंद्र कुमार, सुभाष चंद्र मौजूद थे।


                  सहायक कृषि अभियंता (इंजीनियर) डीएस यादव ने बताया कि जिला में धान की पराली जलाने पर पूर्णत: रोक के लिए विशेष योजना के तहत कार्य किया जा रहा है। गत वर्ष हरसेक की रिपोर्ट के मुताबिक जिन गांवों में पराली जलाने की अधिक घटनाएं सामने आई थी, उस आधार पर जिला के 25 गांवों को रेड जोन तथा 51 गांवों को ओरेंज जोन में रखा गया है। इन गांवों को स्ट्रा मैनेजमेंट में इस्तेमाल होने वाले कृषि यंत्रों (सीएचसी) पर किसानों को अनुदान दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि जिला के 76 गांवों में 80 कस्टम हायरिंग सैंटर स्थापित किए जाएंगे। इन कस्टम हायरिंग सैंटर पर रैड जोन व ओरेंज जोन को प्राथमिकता दी जाएगी। कृषि यंत्रों के लिए 21 अगस्त तक आवेदन किए जा सकते हैं। उन्होंने बताया कि 10 सीएचसी अनुसूचित जाति के किसानों की सोसायटी को स्वीकृत होंगे जिससे उन्नत व महंगे कृषि उपकरणों का लाभ कम आय वाले किसान भी ले सकेंगे।


रेड जोन में शामिल गांव :


                  गांव अलिकां, बणी, चामल, दादू, दड़बा कलां, धोतड़, फरमाई, जीवन नगर, जोधकां, करीवाला, कासन खेड़ा, माधोसिंघाना, मत्तड़, नहरानावाली, नरेलखेड़ा, नटार, पनिहारी, रंगड़ीखेड़ा, रानियां, रोड़ी, शाहपुर बेगू, सिकंदरपुर, सुचान व तलवाड़ा खुर्द रेड जोन में शामिल है।

ओरेंज जोन में शामिल गांव :

                  गांव भादरा, बप्प, दौलतखेड़ा, लहंगेवाला, नागोकी, नेजाडेला कलां, पक्का रंगा, पन्नीवाला मोटा, फूलो, हिमायुखेड़ा, कुत्ताबढ़, मल्लेकां, ममेरां, ठोबरियां, केरांवाली, मोडियाखेड़ा, देसूजोधा, केवल, खुइयांमलकाना, तख्तमल, अभोली, बाहिया, धनूर, ढूडियांवाली, फिरोजाबाद, हरिपुरा, कुस्सर, मोहम्मदपुरिया, मोजदीन, ओटू, बाजेकां, भावदीन, दड़बी, हांडीखेड़ा, झोरड़ांवाली, कंगनपुर, केलनियां, मंगाला, मीरपुर, मोहम्मदपुर, नेजाडेला कलां, रसूलपुर, शहीदांवाली, शमशाबाद ओरेंज जोन में शामिल हैं।


कृषि यंत्र के आवेदन के लिए मेरी फसल-मेरा ब्यौरा पार्टल पर पंजीकरण करवाना अनिवार्य


                  कृषि यंत्र के लिए आवेदन करने से पहले किसान को मेरी फसल-मेरा ब्यौरा पोर्टल पर पंजीकरण करवाना अनिवार्य है। इसके अलावा सीआरएफ स्कीम तहत वहीं किसान अनुदान के लिए आवेदन कर सकता है जिसने कृषि विभाग से पिछले 2 साल के दौरान किसी भी स्कीम में इनसीटू कृषि यंत्र पर अनुदान का लाभ न लिया हो। सिरसा जिला में सीआरएफ 2020-21 के तहत एकल कृषि यंत्र/सीएचसी का लक्ष्य इस प्रकार है। सीएचसी सामान्य श्रेणी 70 तथा एससी श्रेणी 10, सुपर एसएमएस सामान्य श्रेणी 6 व एससी श्रेणी एक, हैप्पी सीडर सामान्य श्रेणी 6 एससी श्रेणी एक, पैडी स्ट्रा चौपर / शरेडर / मल्चर सामान्य श्रेणी 12 एससी श्रेणी 3, रोटरी स्लैशर /शर्ब मास्टर सामान्य श्रेणी 40 एससी श्रेणी 6, रिवरसीबल एमबी प्लाऊ सामान्य श्रेणी तीन एससी श्रेणी एक, सुपर सीडर सामान्य श्रेणी 6 एससी श्रेणी एक, जीरो ड्रिल सामान्य श्रेणी 50 एससी श्रेणी 9, स्ट्रा बेलर व रेक सामान्य 70 व एससी श्रेणी 10, क्रोप रीपर (शेल्फ व ट्रेक्टर चालित) रीपर बाइडर सामान्य श्रेणी 50 व एससी श्रेणी 9 का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।