*Prime land freed from encroachments in Manimajra by MC Chandigarh*

पद, नाम और विभाग के स्टीकर न लगाने के अदालती आदेश से पत्रकारों के वाहनों को बाहर रखा जाए: आईएमसी

प्रेस स्टिकर एम्बुलेंस की तरह अनिवार्य किया जाए :डुडेजा

वाहनों पर पद, विभाग यह दूसरी तरह की पहचान वाला स्टीकर न लगाए जाने के अदालत के फैसले का स्वागत किया है। साथ ही प्रेस स्टिकर को एम्बुलेंस की तरह ही अनिवार्य किये जाने की इंडियन मीडिया सेंटर ने मांग रखी है।

आईएमसी के प्रदेश उपाध्यक्ष राजकुमार डुडेजा व जिला संयोजक राजेंद्र चौहान ने कहा कि देश से वीआईपी कल्चर समाप्त करने का आदालत का यह ऐतिहासिक फैसला है। उन्होंने कहा कि इससे जाली स्टीकर लगाने वालों पर लगाम लगेगी। लेकिन पत्रकारों को इस निर्णय के दायरे से बाहर रखा जाना चाहिए। उन्होने कहा कि पत्रकारिता के साधन और संसाधन हालांकि विकसित हो गए हैं।

लेकिन इसके बावजूद भी पत्रकारिता एक मिशन है। अभी भी पत्रकारिता को लाभ का व्यवसाय नहीं माना जाता है। दूसरी ओर पत्रकारों को रिपोर्टिंग के लिए फिल्ड में जाना पड़ता है। समाचार संकल्र के लिए घटना स्थल तक पहुंचने के लिए पत्रकारों को नाहक में न रोका जाए, इसके लिए आवश्यक है कि उनके वाहनों पर प्रैस वाले स्टीकर उनके अखबार और चैनल के नाम के साथ लगाने की छूट दी जाए। उन्होने कहा कि किसी जन प्रतिनिधि और वीआईपी के साथ सुरक्षाकर्मी होते हैं, जो उनकी पहचान बता सकते हैं। परन्तु पत्रकारों की पहचान बताने के लिए ऐसा कुछ नहीं होता। उसकी पहचान तो वाहन के स्टीकर से ही होता है। पत्रकारों का रिपोर्टिंग का काम प्रभावित न हो, इसके लिए पत्रकारों के वाहन को अदालत अपने निर्णय के दायरे से बाहर रखे।

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