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पंचकूला में पेट एनिमल मेडिकल सेंटर में स्थापित होगी डायलिसिस यूनिट और पशु नेत्र चिकित्सा इकाई

अब डबल शिफ्ट में होगा पेट एनिमल का इलाज

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पंचकूला , 31 जुलाई-हरियाणा के मुख्य सचिव श्री टी.वी.एस.एन. प्रसाद, जो पेट एनिमल हेल्थ सोसाइटी (पी.ए.एच.एस.), पंचकूला के अध्यक्ष भी हैं, ने कहा कि पशु चिकित्सा सेवा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से पंचकूला में पेट एनिमल मेडिकल सेंटर (पी.ए.एम.सी.) में डायलिसिस यूनिट स्थापित की जाएगी। साथ ही, पेट एनिमल के बढ़ते मामलों को देखते हुए, वहां डबल शिफ्ट भी लागू की जाएगी।
   चंडीगढ़ में पी.ए.एच.एस. 7वीं गवर्निंग काउंसिल की बैठक के बाद, मुख्य सचिव ने कहा कि पी.ए.एम.सी. को इसकी व्यापक पशु चिकित्सा सेवाओं के लिए जाना जाता है। इस समय यहां हर महीने 10-15 किडनी फेलियर के मामले आते हैं। लेकिन ट्राइसिटी में पेट एनिमल के लिए कोई डायलिसिस सुविधा नहीं है। ऐसे में नई इकाई पशु चिकित्सा सेवा में इस कमी को पूरा करेगी। काउंसिल ने डायलिसिस यूनिट की स्थापना के लिए 12 लाख रुपये का बजट स्वीकृत किया है।
पेट एनिमल के बढ़ते मामलों को देखते हुए, गवर्निंग काउंसिल ने पी.ए.एम.सी. में डबल शिफ्ट भी लागू की है। मेडिकल सेंटर अब सुबह 8.00 बजे से दोपहर 2.00 बजे तक और दोपहर 2.00 बजे से शाम 8.00 बजे तक खुला रहेगा। रविवार और सरकारी अवकाश के दिनों में सेंटर सुबह 10.00 बजे से दोपहर 1.00 बजे तक खुलेगा।
   पी.ए.एच.एस. ने पेट एनिमल मेडिकल सेंटर के भूतल पर एक प्री-ऑपरेटिव यूनिट के निर्माण को भी मंजूरी दी है। यहां पर प्री-एनेस्थेटिक जांच, दवा और त्वचा की तैयारी की सुविधा होगी। साथ ही, आॅप्रेशन के बाद देखभाल हेतु पेट एनिमल के मालिकों को परामर्श देने के लिए उपयुक्त वातावरण भी मिलेगा। यूनिट में पानी और एयर कंडीशनिंग के साथ एक सर्जिकल स्क्रब एरिया समेत कई तरह की आवश्यक सुविधाएँ होंगी। इनहेलेशन एनेस्थीसिया स्थापित करने के लिए, गवर्निंग काउंसिल ने सरकार से 10 लाख रुपये की विशेष अनुदान सहायता का भी अनुरोध किया है।
रिकॉर्ड कायम रखने और संचार व्यवस्था को बढ़ाने के लिए, पी.ए.एम.सी. ने अपने सॉफ्टवेयर सिस्टम को अपग्रेड करने की भी योजना बनाई है। नई प्रणाली से कैम्प नोटिफिकेशन, टीकाकरण रिमाइंडर और नैदानिक रिपोर्ट तक ऑनलाइन पहुँच सहित व्यापक रोगी डेटा प्रबंधन की सुविधा मिलेगी। यह नुस्खे और दवा प्रक्रियाओं को भी सुव्यवस्थित करेगी। इसके अलावा, पी.ए.एम.सी. ने पेट एनिमल के मालिकों को शिक्षित करने के लिए सूचनात्मक पेट फोल्डर भी पेश किए हैं, जिन्हें अच्छी प्रतिक्रिया मिली है।
अपनी स्थापना के बाद से, पी.ए.एम.सी. इस क्षेत्र में जटिल सर्जरी और विशेष सेवाओं के लिए एक अग्रणी रेफरल सेंटर के रूप में उभरा है। अप्रैल से जून, 2024 तक इस सेंटर ने 6738 ओपीडी मामलों के उपचार, 87 सर्जरी और 1259 प्रयोगशाला परीक्षणों समेत कई महत्वपूर्ण उपलब्धियाँ हासिल की हैं। इसके अतिरिक्त, 540 एक्स-रे और अल्ट्रासाउंड जांच की गईं। डॉग हॉस्टल में 37 पेट एनिमल को रखा गया।
बैठक के दौरान यह भी बताया गया कि लाला लाजपत राय पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय(लुवास), हिसार के सहयोग से पी.ए.एम.सी. में एक पशु नेत्र चिकित्सा इकाई की स्थापना की जाएगी। ऑपरेशन थियेटर की मरम्मत और नवीनीकरण का काम पूरा हो चुका है, जिसमें नेत्र चिकित्सा इकाई होगी। नेत्र चिकित्सा उपकरणों की खरीद और स्थापना जल्द ही की जाएगी। इसके अतिरिक्त, पशु चिकित्सकों को लुवास, हिसार और जी.ए.डी.वी.ए.एस.यू, लुधियाना में आंखों की समस्याओं के लिए बुनियादी और उन्नत निदान और चिकित्सा में प्रशिक्षण भी दिलवाया गया है।
बैठक में वित्त विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री अनुराग रस्तोगी, पशु पालन एवं डेयरी विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव डाॅ. राजा शेखर वुंडरू, पशु पालन एवं डेयरी विभाग के महानिदेशक डाॅ. एल.सी. रंगा, राजस्व सचिव श्री रवि प्रकाश और लुवास के पशु चिकित्सा विज्ञान महाविद्यालय के डीन डाॅ. गुलशन नारंग समेत अन्य अधिकारी मौजूद रहे।

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