पंचकूला महिला एवं बाल विकास विभाग की महिलाएं मास्क बनाते एवं मास्क बांटते हुए
पंचकूला 26 अप्रैल- कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए लाॅकडाउन के चलते हर कोई किसी न किसी रूप से जरूरतमंद लोगों की मदद करने के लिए अपने हाथ आगे बढा रहा है। सरकारी कर्मचारियों ने जहां एक दिन का वेतन देकर मुख्यमंत्री कोरोना राहत कोष में अपना योगदान दिया है। वही कई विभागों के सरकारी कर्मचारी वेतन के साथ साथ दूसरे कार्यो में भी मदद देकर कोरोना की जंग में सहयोगी बन रहे है। इसके लिए महिला एवं बाल विकास विभाग का नाम भी बड़ी सक्रियता में आ रहा है।
विभाग की आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने शैल्टर होम में रहने वाली महिलाओं एवं बच्चों के स्वास्थ्य जांच में बड़ा ही सक्रिय योगदान दिया। इसके अलावा अपने स्तर पर ही जब से सरकार की ओर से मास्क पहनना अनिवार्य किया गया है तब से कपड़े के मास्क बनाकर निशुल्क देने का कार्य शुरू कर दिया। अधिकांश कार्यकर्ता अपने स्तर पर मास्क बनाकर ग्रामीण क्षेत्रों के साथ शहरी क्षेत्रों में बांटने का कार्य कर रही है। इसके साथ विभाग ने स्वास्थ्य विभाग से कपड़ा लेकर भी 21000 मास्क बनाने का कार्य अपने स्तर पर किया।
महिला एवं बाल विकास विभाग ने शैल्टर होम में क्वारंटीन की गई महिलाओं एवं अल्पायु के बच्चों के लिए निरंतर प्रयास कर हर सम्भव सहयता उपलब्ध करवाई। छोटे बच्चों के लिए दूध की उपलब्धता ने उन्हें न केवल भूख से बिलखने दिया बल्कि उन्हें प्रोटीन युक्त दूध देकर सच्ची मानवता का परिचय दिया। इसके लिए विभाग की महिलाएं लाॅकडाउन के चलते आंगनबाड़ी केन्द्रों के माध्यम से भी लगातार छोटे बच्चों को पोष्टिक आहार उपलब्ध करवाने में लगी हुई है। इस प्रकार विभाग अपने नाम के अनुसार बच्चों एवं महिलाओं के विकास को चरितार्थ कर रहा है।
जिला कार्यक्रम अधिकारी आरू वशिष्ठ का कहना है कि उन्होंने पिंजौर खण्ड में अपने स्तर पर 14000 से अधिक मास्क बनाकर लोगों को उपलब्ध करवाए है। इसके अलावा जिला प्रशासन को मास्क बनाने आश्वासन देकर उन्होंने जिला के हर खण्ड में 500-500 मास्क बनाने का बीड़ा उठाया है। पंचकूला खण्ड में विभागीय महिलाओं के सहयोग यह संख्या 800-900 तक पहंुच गई है। इस कार्य में जिला की लगभग 253 आंगनबाडी कार्यकर्ता निरंतर लगी हुई है और उन्हें अब तक 30 हजार से अधिक मास्क बनाकर प्रदान किए गए है। प्रत्येक केन्द्र को पूरी तरह से सेनीटाईज करके ही मास्क बनाने का कार्य किया जा रहा है तथा सोशल डिस्टेंस का भी अच्छे ढंग से पालन किया जा रहा है। विशेषकर मास्क बांटते व बनाते समय हाथों व मशीनों को पूर्ण रूप से सेनीटाईज करके ही कार्य किया जा रहा है।
उपायुक्त मुकेश कुमार आहूजा ने कहा कि महिला एवं बाल विकास विभाग के कपड़े से बने हुए मास्क अच्छी किस्म के है और सबसे अच्छा कार्य यह है कि इन्होंने निशुल्क बनाने का कार्य किया है। इसके लिए महिला एवं बाल विकास की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं महिलाएं बधाई की पात्र है।
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