न्यूमैटिक प्लांटर से बिजाई करने पर किसानों को कम लागत में होगा अधिक मुनाफा : उपायुक्त बिढ़ान
उपायुक्त रमेश चंद्र बिढ़ान ने कृषि बिजाई की आधुनिक मशीन न्यूमैटिक प्लांटर को दिखाई हरी झंडी–
उपायुक्त रमेश चंद्र बिढ़ान ने वीरवार को अपने कैंप कार्यालय से कृषि विभाग की बिजाई की आधुनिक मशीन न्यूमैटिक प्लांटर को हरी झंडी दिखा कर पतली डाबर गांव के प्रगतिशील किसान वसुधा बांसल के खेत के लिए रवाना किया। इस अवसर पर एसडीएम जयवीर यादव, उप निदेशक कृषि डा. बाबूलाल, सहायक कृषि अभियंता इंजीनियर डीएस यादव मौजूद रहे।
उपायुक्त बिढ़ान ने बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा भू-जल को बचाने के लिए मेरा पानी-मेरी विरासत योजना क्रियांवित की है। कृषि एवं किसान कल्याण विभाग द्वारा इस योजना के तहत किसानों को धान की फसल की जगह मक्का, कपास, बाजरा इत्यादि की बिजाई के लिए किसानों को जागरूक किया जा रहा है, जिससे पानी की बचत हो सके। उन्होंने कहा कि फसल विविधिकरण अपनाने और न्यूमैटिक प्लांटर के माध्यम से बिजाई करने से किसानों को ज्यादा मुनाफा होगा और भू-जल बचाने की मुहिम में यह मशीन कारगर सिद्ध होगी।
उन्होंने बताया कि जिले में एक आधुनिक बिजाई मशीन न्यूमैटिक प्लांटर कृषि विभाग की कृषि अभियांत्रिकी शाखा द्वारा उपलब्ध करवाई गई है। यह मशीन किसानों को बिजाई के लिए निशुल्क उपलब्ध करवाई जाएगी, लेकिन किसान को टै्रक्टर व डीजल का प्रबंध स्वयं करना होगा। उन्होंने बताया कि इस प्रकार मशीन से बिजाई करने पर बीज की खपत कम होने के साथ-साथ लागत भी कम आएगी तथा किसान की आमदनी भी बढेगी। उन्होंने बताया कि इस मशीन से विभिन्न फसलों जैसे मक्का, बाजरा, ग्वार, कपास, मटर इत्यादि की बिजाई की जा सकती है।
किसानों को पहले आओ-पहले पाओ के आधार पर दिया जाएगा न्यूमैटिक प्लांटर : डीएस यादवे
सहायक कृषि अभियंता इंजीनियर डीएस यादव ने बताया कि न्यूमैटिक प्लांटर जिले में एक मशीन है तथा इसकी कीमत चार लाख रुपये है। इस मशीन की खासियत यह है कि इससे फसल की बिजाई वैक्यूम के सिद्वांत से होती है। जबकी पारम्परिक बिजाई मशीनों में ऐसा नही होता। उन्होने बताया कि वैक्यूम पद्वति से बिजाई करने से बीज जमीन के अन्दर एक समान गहराई पर बीजा जाता है तथा पौधे से पौधे की दूरी भी एक समान रहती है। इसके अलावा पौधों के बीच की दूरी को कम या ज्यादा में एडजस्ट किया जा सकता है। इस मशीन की एक विषेशता ये भी है कि बिजाई के दौरान बीज टूटते नहीं है। उन्होने बताया कि यह मशीन पहले आओ-पहले पाओ के आधार पर किसानों को निशुल्क दी जाएगी।