Centre for Human Rights and Duties, PU commemorated National Legal Services Day

न्यूक्लियर पावर, पेस्टिसाइड्स और विषैले पर्यावरण के इस युग में आयुर्वेद एक वरदान है : सर्बानन्द सोणोवाल

देश भर में अब तक 8000 से अधिक वेलनेस सेंटर्स का की स्थापना कराई गई है

आयुष ग्रिड प्रोजेक्ट के माध्यम से आयुष सेक्टर की सर्विस डिलवरी को और भी मजबूत किया जा रहा है

*आयुर्वेद दिवस के प्रति वर्ष आयोजन से आयुर्वेद ख्याति विश्व भर में हो रही है
दुनिया भर में आयुर्वेद चिकित्सा के प्रसार से औषधीय पौधों, उनकी खेती और व्यवसाय की आवश्यकता तेजी से बढ़ रही है*

आयुर्वेद दिवस के लिए बनाई गई माइक्रो वेबसाइट को दुनिया भर से लगभग 20 करोड़ लोगों का मिला सहयोग, 102 देशों तक डिजिटली पहुंचा अभियान, 80 देशों के मीडिया में कवरेज

आईआईटी, एम्स और सीएसआईआर जैसी संस्थाओं ने  आयुर्वेदिक औषधियों के मोलिक्युलर गुणों को समझने के लिए आयुष के साथ हाथ से हाथ मिलाया है

*इसरो के सहयोग से पूरे देश में औषधीय पौधों की कराई जा रही है मैपिंग
तीन वैद्यों को राष्ट्रीय धन्वंतरि आयुर्वेद पुरस्कार दिए गए*

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पंचकुला, 10 नवंबर : आठवें आयुर्वेद दिवस के आयोजन पर केन्द्रीय आयुष मंत्री श्री सर्बानन्द सोणोवाल ने कहा कि न्यूक्लियर पावर, पेस्टिसाइड्स और विषैले पर्यावरण के इस युग में आयुर्वेद एक वरदान के तरह है।  आयुष मंत्रालय ने लगातार प्रयास कर अब तक देश भर में लगबहग आठ हजार से अधिक वेलनेस सेंटर की स्थापना कराई है।

आयुष सेक्टर की सर्विस डिलवरी को और अधिक मजबूत करने के लिए आयुष ग्रिड प्रोजेक्ट लॉन्च किया गया और उसे मजबूत करने के व्यवस्था की गई। आयुर्वेद दिवस हर साल धन्वंतरि जयंती के दिन मनाया जाता है। हर साल आयोजन करने से आयुर्वेद दिवस की ख्याति विश्व भर में बढ़ी है। वैश्विक प्रसार  के कारण दुनिया भर में औषधीय पौधों की कृषि की आवश्यकता तेजी से बढ़ रही है। इस बार के आठवें आयुर्वेद दिवस के अवसर पर आयुर्वेद दिवस की माइक्रो वेबसाइट का निर्माण किया गया जिसे पूरी दुनिया से लगभग बीस करोड़ लोगों का सहयोग मिला।

अपने अध्यक्षीय संबोधन में श्री सोणोवाल ने कहा कि आयुर्वेद दिवस के वैश्विक अभियान का संदेश ‘आयुर्वेद फॉर वन हेल्थ’ और जी-20 बैठक की ग्लोबल थीम ‘वसुधैव कुटुंबकम’ ने एक ऐसी अमिट छाप छोड़ी है जिसे पूरी दुनिया देख रही है।

कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि हरयाणा के विधानसभा अध्यक्ष श्री ज्ञान चंद गुप्ता ने इस व्यापक पैमाने पर देश-दुनिया में आयुर्वेद दिवस मनाने के लिए आयुष मंत्रालय की सराहना की और आयुर्वेद के विकास के लिए हरयाणा सरकार की ओर से किये जा रहे प्रयासों को भी रेखांकित किया।

आयुर्वेद दिवस के आयोजन पर्व पर मौजूद केन्द्रीय आयुष राज्य मंत्री श्री मुंजपरा महेंद्रभाई ने कहा कि आईआइटी, एम्स और सीएसआईआर जैसी संस्थाओं आयुर्वेदिक औषधियों के मोलिक्युलर गुणों को समझने के लिए आयुष के साथ हाथ से हाथ मिलाया है। इसरो (इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गनाइज़ेशन) के सहयोग से देश भर में मौजूद औषधीय पौधों की मैपिंग कराई जा रही है। श्री मुंजपरा ने बताया कि आयुर्वेद सिर्फ मानव स्वास्थ्य तक ही सीमित नहीं है बल्कि इससे जुड़ी अन्य धाराएँ जैसे वृक्षायुर्वेद, पशु आयुर्वेद भी हैं और ये सभी मिलकर एक स्वस्थ आयुर्वेद पर्यावरण का निर्माण करती हैं। एफएसएसएआई द्वारा आयुर्वेद आहार का रेग्युलेशन नोटिफ़ाई होना आयुष के लिए एक बड़ी सफलता है । डब्ल्यूएचओ (वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइज़ेशन) ने आयुष के इन प्रयासों को महत्व दिया है और यही कारण है कि गुजरात के जामनगर में देश का पहला ट्रेडिशनल सेंटर फॉर ग्लोबल मेडिसिन  खोल गया है। आज के मुख्य कार्यक्रम से पहले भगवान धन्वंतरी की पूजा भी मुख्य समारोह स्थल पर हुई।

आयुष मंत्रालय के सचिव वैद्य राजेश कोटेचा ने कहा कि आठवें आयुर्वेद दिवस आयोजन के लिए विशेष तौर पर बनाई गयी माइक्रोसाइट में दर्ज हुए आंकड़े बताते हैं कि माह भर चले अभियान में दुनिया भर से करीब 20 करोड़ लोगों ने सहयोग किया, कुल 20 हजार गतिविधियों में 17 लाख के करीब लोगों ने भाग लिया। माइक्रोसाइट की पहुंच 102 देशों तक हुई और 424 स्थानों पर “रन फॉर आयुर्वेद” का आयोजन हुआ। करीब 80 देशों के क्षेत्रीय और राष्ट्रीय मीडिया में इन आयोजनों की खबरें प्रकाशित हुईँ।

कार्यक्रम में हरियाणा की अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ जी अनुपमा, अखिल भारतीय आयुर्वेद महासम्मेलन के अध्यक्ष पद्म भूषण वैद्य त्रिगुणा जी आयुष मंत्रालय के आयुर्वेद सलाहकार वैद्य मनोज नेसरी ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया। कार्यक्रम में केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय और आयुष मंत्रालय के वित्तीय सलाहकार एवं अतिरिक्त सचिव जयदीप मिश्रा, आयुष मंत्रालय की संयुक्त सचिव कविता गर्ग, नेशनल काउंसिल फॉर इंडियन सिस्टम ऑफ मेडिसिन के अध्यक्ष वैद्य जयंत देवपुजारी और सेंट्रल काउंसिल फॉर रिसर्च इन आयुर्वेदिक साइन्सेज के महानिदेशक  प्रोफेसर रबी नारायण आचार्य और अनेक आयुर्वेद विश्वविद्यालयों के कुलपति भी मौजूद थे।
उल्लेखनीय है कि नेशनल धन्वंतरि आयुर्वेद अवार्ड्स कार्यक्रम में आयुर्वेद के क्षेत्र में विशिष्ट् सेवा के लिए राष्ट्रीय धन्वंतरि आयुर्वेद अवार्ड्स की घोषणा की गई। वैद्य आर एम अवहद, वैद्य पी वी दमानिया, वैद्य एल महादेवन सरमा को ये विशिस्ट सम्मान दिए गए।
आयुर्वेद दिवस का दो दिवसीय कार्यक्रम इस संदेश के साथ समाप्त हुआ कि आयुर्वेद के जन संदेश को हमें जन-भागीदारी के माध्यम से एक जन आंदोलन में बदल देना है और वैश्विक मंच पर आयुर्वेद को एक स्थापित करना है।

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