धूमधाम से मनाया गया दशहरा उत्सव
विधान सभा अध्यक्ष ने शालीमार ग्राउंड और परेड ग्राउंड सेक्टर 5 में आयोजित दशहरा उत्सव में मुख्य अतिथि के रूप में की शिरकत
श्री गुप्ता ने आदर्श रामलीला एवं ड्रामेटिक क्लब पंचकूला और श्री कृष्ण कृपा परिवार पंचकूला ट्रस्ट को अपने स्वैच्छिक कोष से 5-5 लाख रुपये की राशि देने की करी घोषणा
पंचकूला, 24 अक्टूबरः हर वर्ष की भांति इस साल भी विजय दशमी के दिन रावण दहन का आयोजन प्रशासन और सामाजिक संस्थाओं के सहयोग से बड़े धूमधाम से किया गया।
हरियाणा विधान सभा अध्यक्ष श्री ज्ञान चंद गुप्ता ने आदर्श रामलीला एवं ड्रामेटिक क्लब पंचकूला द्वारा शालीमार ग्राउंड सेक्टर 5 और श्री कृष्ण कृपा परिवार पंचकूला ट्रस्ट द्वारा परेड ग्राउंड सेक्टर 5 में आयोजित दशहरा उत्सव में मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत करी और दोनों संस्थाओं को अपने स्वैच्छिक कोष से 5-5 लाख रुपये की राशि देने की घोषणा की। इस अवसर पर नगर निगम महापौर कुलभूषण गोयल भी उपस्थित थे । श्री कृष्ण कृपा परिवार पंचकूला ट्रस्ट द्वारा परेड ग्राउंड सेक्टर 5 में आयोजित दशहरा उत्सव में गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद जी महाराज भी विशेष रूप से उपस्थित रहे ।
श्री गुप्ता ने विजय दशमी के अवसर पर लोगों को बधाई एवं शुभकामनाएँ देते हुए कहा कि विजय दशमी का पर्व बुराई पर अच्छाई की जीत का पर्व है। पिछले चौदह दिनों में पंचकूला में अलग-अलग स्थानों पर राम लीला का मंचन किया गया । उन्होंने कहा कि भगवान श्री राम में अपने माता पिता की आज्ञा का पालन करते हुए 14 वर्ष का वनवास पूरा किया जो यह शिक्षा देता है की हमे हर प्रस्थिति में अपने माता पिता की आज्ञा की पालना करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि हम बाहर रावण को पुतला तो जलाकर यह बता तो देते है कि बुराई की हमेशा हार और अच्छाई की हमेशा जीत होती है। लेकिन हम अपने अंदर की बुराई को खत्म करने के बारे में नहीं सोचते। विजय दशमी बहुत ही शुभ और ऐतिहासिक पर्व है हम सबको इस दिन अपने अंदर के रावण का खत्म कर ख़ुशी के साथ यह पर्व मनाना चाहिए।
इस पावन अवसर पर रावण, कुम्भकर्ण और मेघनाथ के पुतलों का दहन के साथ सामाजिक बुराइयों को खत्म करने का संकल्प लिया गया।
अहंकार और अधर्म के प्रतीक रावण, मेघनाथ व कुंभकरण के पुतलों का दहन किया गया तो दशहरा मैदान श्रीराम के जयघोष से गूंज उठा। आतिशबाजी और पटाखों की तेज आवाज के साथ पुतलों का दहन किया गया।
रावण दहन से पहले भगवान राम, लक्ष्मण और हनुमान जी की मनमोहक झांकियों की शोभायात्रा निकाली गई। दोनों मैदानों में राम-रावण संवाद और राम रावण के बीच भीषण युद्ध के मंचन के बाद ही पुतलों को अग्नि दी गई। रावण के पुतले में आग लगते ही सिर धड़ हाथ पैर के अलग-अलग हिस्से धू-धू करके जलने लगे। लोग परंपरा के मुताबिक जलते हुए रावण की लकड़ियों को घर ले गए। सुरक्षा व्यवस्था के लिए पुलिस व्यवस्था पूरी तरह चाक चौबंद रही।
इस अवसर पर विभिन्न धार्मिक और सामाजिक संगठन के पदाधिकारी और गणमान्य व्यक्ति मौजूद थे।