दृढ इच्छाशक्ति व संकल्प से ही नशा मुक्त अभियान को मिलेगी सफलता : उपायुक्त रमेश चंद्र बिढ़ाण
नशा त्याग कर स्वस्थ व सभ्य समाज के निर्माण में अहम भूमिका निभाएं युवा : उपायुक्त
उपायुक्त रमेश चंद्र बिढ़ाण ने कहा कि आज जिला को नशे की समस्या से मुक्त करवाना हम सबकी नैतिक जिम्मेवारी है और दृढ इच्छाशक्ति व संकल्प से ही जिला से नशे का जड़मूल से खात्मा किया जा सकता है। नशा न केवल हमारी युवा पीढ़ी के भविष्य को अंधकारमय बनाता है बल्कि राष्टï्र के विकास में भी सबसे बड़ी बाधा है। नशा मुक्त व स्वस्थ युवा ही स्वस्थ व सभ्य समाज के निर्माण में अहम भूमिका निभा सकते हैं। नशा एक ऐसी बीमारी है, जिससे इंसान का अनमोल जीवन समय से पहले ही मौत का शिकार हो जाता है, इसलिए युवा नशे से दूर रहें और अपने जीवन का आनंद लें। नशीले पदार्थो के सेवन से व्यक्ति को शारीरिक, मानसिक और आर्थिक हानि पहुंचाने के साथ ही इससे सामाजिक वातावरण भी प्रदूषित होता है।
उन्होंने कहा कि आज नशा व्यक्तिगत समस्या नहीं है बल्कि यह सामाजिक व आर्थिक दृष्टि से पूरे समाज पर प्रभाव डालता है। इसलिए समाज के साथ-साथ हम सबको इस पर गहनता से विचार करना चाहिए और इस दिशा में सकारात्मक कदम उठाने चाहिए। उन्होंने युवाओं से खुद नशे से दूर रहने के अलावा अन्य लोगों को भी नशे के खिलाफ जागरूक करने तथा नशे के विरुद्ध अभियान में सक्रिय भागीदारी करने की भी अपील की। उन्होंने कहा नशा न केवल युवा पीढ़ी को शारीरिक व मानसिक रूप से कमजोर करता है बल्कि यह देश को कमजोर करने का प्रयास है। उन्होंने युवाओं से अपील की कि वे नशे से दूर रहे और खेलों तथा शिक्षा की तरफ अग्रसर होकर देश की मजबूती में अपना योगदान दें। उन्होंने कहा कि मुनष्य को नियमित रुप से योगा, दौड़ जैसी शारीरिक गतिविधियां करते रहना चाहिए ताकि स्वास्थ्य अच्छा बना रहे।
उपायुक्त रमेश चंद्र बिढ़ाण ने कहा कि जो व्यक्ति नशे में लिप्त पांच व्यक्तियों को नशे की गिरफ्त से निकालेगा उसे 15 अगस्त व 26 जनवरी राष्टï्रीय पर्व के अवसर पर जिला स्तरीय समारोह में 5100 रुपये की राशि देकर पुरस्कृत किया जाएगा। इसके अलावा जो पंचायत अपने गांव को पूर्णत: नशा मुक्त बनाएगी उसे न केवल सम्मानित किया जाएगा बल्कि विकास व अन्य कार्यों के लिए 10 लाख रुपये की राशि दी जाएगी। उन्होंने कहा कि नशा मुक्त भारत अभियान के दौरान नशा करने वाले लोगों की पहचान कर उन्हे उपचार और इसे छोडऩे के लिए प्रेरित किया जाएगा। साथ ही लोगों को इससे होने वाले नुकसान को लेकर जागरुक भी किया जाएगा।
नशा मुक्त भारत अभियान में सीडीएलयू निभाएगा विशेष भूमिका : वीसी प्रो. राजबीर सिंह सोलंकी
– अभियान की निगरानी के लिए विश्वविद्यालय के सभी 22 विभागों में नोडल अधिकारी किए जाएंगे नियुक्त
सीडीएलयू के उप कुलपति प्रो. राजबीर सिंह सोलंकी ने कहा कि आज जिला में बढ़ रहा नशा एक गंभीर चिंता का विषय है और इस बीमारी से छुटकारा पाने के लिए समाज के हर वर्ग को गहनता से मंथन करना होगा। सामूहिक प्रयास से ही हम अपनी युवा पीढ़ी को नशे के जाल से बचा सकते हैं। भारत सरकार द्वारा 15 अगस्त से 31 मार्च 2021 तक पूरे देश में नशा मुक्ति अभियान चलाया जा रहा है जिसके तहत देश के 272 जिलों का चयन किया गया है जिसमें सिरसा जिला भी शामिल है। प्रशासन के साथ-साथ सभी संस्थाओं व आमजन के योगदान से ही इस मुहिम को सफल बनाया जा सकता है।
उन्होंने बताया कि चौ. देवीलाल विश्वविद्यालय भी इस यज्ञ में अपनी पूर्ण आहुति देने के लिए कृतसंकल्प है। उन्होंने बताया कि अभियान के तहत सीडीएलयू से जुड़े सभी 200 महाविद्यालयों में एक-एक नोडल अधिकारी नियुक्त किया जाएगा, जो विद्यार्थियों को नशे के खिलाफ जागरुकता में अहम भूमिका निभाएंगे तथा अभियान को जन-जन तक पहुंचाने का काम करेंगे। इसी प्रकार विश्वविद्यालय के सभी 22 विभागों में नोडल अधिकारी की नियुक्त कर प्रोसेस चल रहा है जिसके तहत पहले फेज में यूथ व शिक्षण कार्य से जुड़े व्यक्तियों से नशा से दूर रहने व समाज में नशा दूर करने के लिए उनकी भूमिका पर चर्चा की जाएगी। विशेष रुप से इस अभियान के तहत गांवों को जोडऩे पर फोकस किया जाना चाहिए क्योंकि भोलेपन व कम पढ़ा लिखा होने के कारण लोग नशे के दुष्परिणामों को समझ नहीं पाते जो बाद में इस जहर के आदी हो जाते हैं। विशेषकर गांव की युवा शक्ति व पंचायतों को प्रेरित करते हुए इस अभियान को बल देने की जरुरत है। जिला को नशा मुक्त बनाना किसी एक विभाग का काम नहींं है बल्कि सभी विभागों व महाविद्यालयों की सामूहिक जिम्मेवारी है क्योंकि सामुहिक प्रयास व एकजुटता से ही नशे की इस चुनौती से पार पाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि युवा शक्ति नशे के दलदल में फंस कर अपने जीवन के सुनहरे अवसरों को खराब न करें बल्कि अपनी ऊर्जा सकारात्मक कार्यों के साथ-साथ समाज हित में लगाएं। उन्होंने कहा कि नशा करने वाला व्यक्ति सामाजिक तौर पर चेतना शुन्य हो जाता है तथा समाज में अपराध व घरेलू हिंसा जैसी गैर कानूनी हरकतों को भी बढ़ावा मिलता है। उन्होंने कहा कि नशीले पदार्थों के उपयोग से न सिर्फ व्यक्ति के मानसिक संतुलन पर प्रभाव पड़ता है बल्कि उसको भयंकर बीमारियों का भी सामना करना पड़ता है। उन्होंने कहा कि नशे से जन व धन की दोनों की हानी होती है।