डीसी ने ली प्रिंटिंग प्रैस मालिकों की बैठक
सिरसा 24 सितंबर।

जिला निर्वाचन अधिकारी एवं उपायुक्त अशोक कुमार गर्ग ने आज स्थानीय लघु सचिवालय के बैठक कक्ष में प्रिंटिंग प्रैस के मालिकों की बैठक ली। उन्होंने कहा कि चुनावी पंपलेटस व पोस्टर आदि छपवाने के संबंध मेें अपराध प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 के तहत निषेधज्ञा लागू की गई है। जनप्रतिनिधि अधिनियम 1951 की धारा 127-ए के प्रावधानों के अनुसार प्रकाशक व मुद्रक के नाम व पता के बिना कोई भी प्रचार सामग्री न छापें।
उन्होंने कहा कि प्रकाशक को न केवल अपनी पहचान देनी होगी बल्कि हस्ताक्षर के साथ उन दो लोगों से सत्यापन भी कराना होगा जो उसे व्यक्तिगत रूप से जानते हो। अगर पम्पलेट अथवा पोस्टर राज्य की राजधानी में छापा जाता है तो मुद्रक को एक तर्क संगत समय में छापे गए कागजात की प्रति मुख्य चुनाव अधिकारी को भेजनी होगी। यदि जिला में छपाई की जाती है तो उस स्थिति में कागजात की प्रति जिला मजिस्ट्रेट को प्रेषित करनी होगी। इसी प्रकार से अगर प्रकाशित किए गए पोस्टर अथवा पम्पलेट की फोटो प्रतियां की जाती है तो उसे छपाई की श्रेणी में ही शामिल किया जायेगा। बशर्ते वह हाथ से न लिखी गई हो।
उन्होंने कहा कि चुनाव पम्पलेट व पोस्टर का अर्थ वह प्रकाशित पम्पलेट, हैंडबिल या अन्य कागजात है, जो प्रत्याशी अथवा प्रत्याशियों के समूह को प्रोत्साहित करने के लिए वितरित किया जाता है। लेकिन इसमें चुनाव की बैठक की तिथि, समय, स्थान व अन्य विवरण या चुनाव एजेंटों को दिये जाने वाले निर्देशों के लिए तैयार किए गए प्ले गार्ड अथवा पोस्टर को शामिल नहीं किया जायेगा। प्रिंटिंग प्रैस द्वारा इन आदेशों की उल्लंघना करने पर आईपीसी की धारा 188 के तहत कार्रवाई की जाएगी।
प्रिंटिंग प्रैस मालिकों को दी हिदायतें :
जिला निर्वाचन अधिकारी एवं उपायुक्त अशोक कुमार गर्ग ने जिला में स्थापित सभी प्रिंटिंग प्रैस व प्रिंटरज मालिकों से कहा कि चुनाव प्रचार के दौरान सभी राजनीतिक दल व चुनाव लडऩे वाले उम्मीदवार या उनके समर्थक भारी मात्रा में पोस्टर, पंपलेट, हैंड बिल बैनर इत्यादि छपवा कर जारी करेंगे। किंतु जन प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 127-क के अनुसार कोई भी प्रकाशक / प्रिंटर या प्रिंटिंग प्रैस का मालिक किसी भी प्रकार की गैर कानूनी सामग्री नहीं छाप सकता।
उन्होंने कहा कि ऐसे छपाई के कोई दस्तावेज किसी के धर्म, जाति, समाज, भाषा या चरित्र हनन का प्रकाशन हो वह गैर कानूनी होगा। दोषी पाए जाने पर प्रकाशन व छपवाई करवाकर ऐसी सामग्री जारी करने वाले के विरुद्घ जन प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 127ए के अनुसार 6 माह का कारावास या दो हजार रुपये जुर्माना अथवा दोनों प्रावधान के तहत कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने प्रिंटिंग प्रैस मालिकों से कहा कि प्रिंटिंग प्रैस में किसी भी प्रकार का राजनैतिक पंपलेट, फोल्डर आदि की छपवाई करते हैं तो उसकी चार प्रतियां उपायुक्त कार्यालय में जमा करवाएं। उन्होंने कहा कि प्रिंटिंग प्रैस में कोई भी सामग्री जैसे फोल्डर, पर्चे छपते हैं तो उसके एक स्थान पर फोल्डरों की कुल संख्या जरुर प्रकाशित करें।
इस अवसर पर एडीसी मनदीप कौर, सीटीएम कुलभूषण बंसल, तहसीलदार चुनाव राम निवास व जिले के सभी प्रिंटिंग प्रैस के मालिक मौजूद थे।
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