अब तक मंडियों में 99356 मीट्रिक टन धान में से 94815 मीट्रिक टन धान का हुआ उठान

डीएसआर से धान की सीधी बिजाई से होती है पानी एवं समय की बचत

सिरसा, 19 मई।

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                  सहायक कृषि अभियंता (इंजीनियर) गोपी राम सांगवान ने बताया कि किसान धान की सीधी बिजाई करके अधिक उत्पादन कर सकते हैं और इससे समय, धन व पानी की बचत भी होती है। कृषि विशेषज्ञों के अनुसार धान बिजाई का उपयुक्त समय सात जून से 20 जून तक है। उन्होंने कहा कि धान उगाने के लिए किसान रोपाई को तवज्जो देते है, जिसमें पानी ज्यादा मात्रा में प्रयोग होता है और इससे भूजल स्तर घटता जा रहा है। ऐसी स्थिति में धान की सीधी बिजाई होने पर 30 फीसदी जल की बचत होगी। अगर किसान धान की रोपाई की जगह सीधी बिजाई करते है तो वे न केवल आगामी फसल की बेहतर उपज ले सकते है। इसके साथ-साथ भूमि की उपजाऊ शक्ति भी बनी रहती है। इतना ही नहीं कम पानी वाले क्षेत्रों में भी धान की सीधी बिजाई एक विकल्प हो सकती है।


बत्तर सीधी बिजाई में खरपतवार नियंत्रण:
                  इंजीनियर गोपी राम सांगवान ने बताया कि हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार द्वारा जारी सिफारिशों के अनुसार डीएसआर से सूखी एवं बत्तर आने पर बिजाई की जा सकती है। बत्तर आने पर डीएसआर से तीन से पांच सेंटीमीटर गहरी बिजाई करते है और सुहागा लगाते है। बत्तर अवस्था में सीधी बिजाई धान में पैडीमिथालिन (स्टॉम्प 30 प्रतिशत ईसी या टाटा पनीडा 30 प्रतिशत ईसी) का 1.3 लीटर (प्रोडेक्ट)/एकड़ की दर से 200 लीटर पानी में घोल बनाकर बिजाई के तुरंत बाद नम भूमि में छिड़काव करें। बिजाई के 15-25 दिन बाद (खरपतवार की दो से चार पत्ती वाली अवस्था) बिस्पाइरीबैक- सोडियम (नोमिनी गोल्ड 10 प्रतिशत एससी या तारक 10 प्रतिशत एससी) का 100 मि.ली./एकड़ की दर से 120 लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करें।

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सूखी सीधी बिजाई में खरपतवार नियंत्रण:


                  इंजीनियर गोपी राम सांगवान ने बताया कि सूखी सीधी बिजाई में खेत तैयार कर सुुहागा लगाने के बाद दो से तीन सेंटीमीटर गहराई पर  ड्रिल की मदद से बिजाई की जाती है। तीन दिन के अन्दर खरपतवार नाषक  पेडिमेथिलिन दवा का छिडकाव किया जाता है। बिजाई के 15-25 दिन बाद बिस्पाइरीबैक सोडियम नोमिनी-गोल्ड 10 प्रतिशत एससी या तारक 10 प्रतिशत एससी ) बिस्पाइरीबैक- सोडियम (नोमिनी गोल्ड 10 प्रतिशत एससी या तारक 10 प्रतिशत एससी) का 100 मिली/एकड़ की दर से 120 लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करें।

सीधी बिजाई के लिए किस्में:


                  हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार द्वारा जारी सिफारिशों के अनुसार सुगंधित/बासमती धान की सभी किस्में: तरावडी बासमती, बासमती, सीएसआर 30, पूसा बासमती एक, पूसा बासमती 1121, सीधी बिजाई हेतु उपयुक्त है।


बीज उपचार की मात्रा एवं उपचार:


                  इंजीनियर गोपी राम सांगवान ने बताया कि हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार द्वारा जारी सिफारिशों के मुताबिक बीज की मात्रा 8.0 किलो ग्राम/एकड़ उपयुक्त है बीज का उपचार सिफारिश शुदा दवाओं के घोल (10 कि.ग्रा बीज हेतु 10 ग्रा. बाविस्टिन प्लस एक ग्राम स्ट्रैप्टोसाइक्लिन या 2.5 ग्राम पौसामाइसिन का 10 लीटर पानी में घोल में 24 घंटे डुबोकर करें। इसके बाद बीज का एक से दो घंटे छाया में सुखाएं ताकि अतिरिक्त नमी उड़ जाए व बीज ड्रिल द्वारा बिजाई योग्य हो जाएं।


सीधी बिजाई के प्रयुक्त बीज व खाद का करें प्रयोग:
                  इंजीनियर गोपी राम सांगवान के अनुसार धान के अच्छे जमाव के लिए बेहतर होगा कि पहले जमीन का लेजर लेवलर मशीन की मदद से समतलीकरण हो। इससे बीज की गहराई भी एक समान होगी एवं सिंचाई के जल का वितरण भी एक तरह का होगा। जमीन में बेहतर तरीके से बीज डालने के लिए बीज वितरण प्रणाली मशीन जिसमें झुकी एवं खड़ी प्लेट का उपयोग अच्छा रहता है। किसान धान की बिजाई करते समय  उन बीज एवं खाद का ड्रिल का प्रयोग करें, जो सीधी बिजाई के लिए प्रयुक्त हो। इस वितरण प्रणाली मे सही बीज की सही मात्रा डालने के साथ बीज की टूट-फूट नहीं होगी है जो कि फलोटेड रोलर प्रणाली मे होती है।


अनुदान पर ले सकते है डीएसआर:
                 इंजीनियर गोपी राम सांगवान ने बताया कि इस समय किसान विभाग से अनुमोदित निर्माताओं से डीएसआर खरीदकर अनुदान भी ले सकते है। इसके लिए वे विभागीय वेबसाइट (डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू डॉट एग्रीहरियाणासीआरएम डॉट कॉम) पर मशीन खरीदकर अपना बिल अपलोड कर सकते है।