जेट एयरवेज के पायलटों की संस्था नेशनल एविएटर्स गिल्ड ने उड़ान न भरने का अपना फैसला 15 अप्रैल तक के लिए टाल दिया
नई दिल्ली: आर्थिक संकट से जूझ रही निजी विमानन कंपनी जेट एयरवेज के पायलटों की संस्था नेशनल एविएटर्स गिल्ड ने उड़ान न भरने का अपना फैसला 15 अप्रैल तक के लिए टाल दिया है।
इससे पहले संस्था ने घोषणा की थी कि वह एक अप्रैल से हड़ताल पर चले जाएंगे।
वहीं, आज नई दिल्ली और मुंबई में हुई संस्था की खुली बैठक में इसे 15 अप्रैल तक आगे बढ़ाने का फैसला लिया गया।
वहीं नागरिक उड्डयन मंत्री सुरेश प्रभु ने जेट एयरवेज संकट के बीच कहा है कि बेहतर संचालन और वित्तीय प्रदर्शन एयरलाइनों की व्यक्तिगत जिम्मेदारियां हैं।
जेट एयरवेज के पायलटों ने यह फैसला वेतन न मिलने के चलते लिया था।
जेट एयरवेज का कहना है कि वह तत्काल अपने पायलटों का पूरा वेतन बकाया चुकाने में सक्षम नहीं है।
कंपनी का कहना है कि वह दिसंबर के वेतन का बचा हुआ 87.50 फीसद ही चुका सकती है।
कंपनी ने यह बयान तब दिया था जब पायलटों ने एक अप्रैल से हड़ताल पर जाने की घोषणा की थी।
जेट एयरवेज के मुख्य कार्यकारी अधिकारी विनय दुबे ने शनिवार को पायलटों को लिखे एक पत्र में कहा था कि कंपनी का निदेशक मंडल कर्जदाताओं के साथ मिलकर समाधान योजना को जितना जल्द संभव हो सके उतना जल्द लागू करने का प्रयास कर रहा है।
ताकि कंपनी के लिए अनिवार्य हो चुके परिचालन को स्थिर बनाया जा सके।
साथ ही कंपनी के भविष्य को सुनिश्चित किया जा सके। उन्होंने कहा था कि अभी हम केवल दिसंबर का बचा हुआ वेतन देने में ही सक्षम हैं।
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