अब तक मंडियों में 99356 मीट्रिक टन धान में से 94815 मीट्रिक टन धान का हुआ उठान

जिला में सार्वजनिक स्थलों पर लगाए जाएंगे हर्बल व ओर्नामेंट के पौधों : संगीता तेतरवाल

सिरसा, 16 अक्तूबर।


              नगर आयुक्त डा. संगीता तेतरवाल बताया कि जिला को हरा भरा व प्रदर्षण मुक्त बनाने के उद्देश्य से ब्यूटीफुल सिरसा-कलरफुल सिरसा मिशन के तहत सार्वजनिक स्थ्लों पर 16 प्रकार के वृक्षों के बीज लगाए जाएंगे जिसमे कलरफुल, हर्बल और ओर्नामेंट पौधे शामिल है। इसके अलावा आमजन को विभिन्न किस्मों के फूल, हर्बल व ओर्नामेंट के पौधों को लगाने के लिए भी जागरूक किया जाएगा।

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              उन्होंने कहा कि पांरपरिक पौधों के साथ-साथ फूलों वाले, हर्बल व ओर्नामेंटल पौधे भी लगाने चाहिए ताकि पर्यावरण शुद्व होने के साथ-साथ स्वास्थ्य के लिए लाभकारी भी हो। उन्होंने बताया कि प्रकृति ने जो हमें सभी पेड़-पौधों का खजाना दिया है, उनके गुणों का अधिक से अधिक लाभ उठाना चाहिए। उन्होंने बताया कि आने वाले समय में सभी प्रकार के बीजों से तैयार की गई पौध वितरित की जाएंगी। उन्होंने कहा कि मनुष्य के जीवन के लिए पेड़ पौधों का अस्तित्व होना भी आवश्यक है और इसे बरकरार रखने के लिए अधिक से अधिक पौधे लगाए जाएं। पेड़ पौधों से हमें प्राणवायु मिलने के साथ स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी है। उन्होंने कहा कि औषधीय पौधे हमें केवल शुद्ध ऑक्सिजन ही नहीं देते बल्कि इन पेड़-पौधों से आयुर्वेदिक दवाइयां भी तैयार की जाती है, जो अनेक रोगों के उपचार में बेहद कारगर साबित होती है। उन्होंने कहा कि संसार में पाए जाने वाले हर एक पेड़-पौधे में कोई न कोई औषधीय गुण जरूर होता है। हमारी प्राचीन सभ्यता व वेदों में भी औषधीय पौधों के महत्व का वर्णन है, इसलिए हमें परंपरागत पौधों के साथ-साथ अपने घरों में भी तुलसी, एलोविरा जैसे औषधीय पौधे लगाने चाहिए और अपनी दिनचर्या में इनका उपयोग भी करना चाहिए।


              मिशन के तहत बुधवार को रानियां मेंं स्थित कृपा रोज नर्सरी, गोबिंदपुरा में नगर आयुक्त, डा. संगीता तेतरवाल व भाई कन्हैया आश्रम के सचांलक गुरविंद्र सिंह ने नर्सरी के सचांलक हरमेश लाल व उनकी पत्नी कैलाश रानी को 16 अलग अलग प्रकार के ( फूलों वाले, हर्बल व ओर्नामेंट) वृक्षों के बीज पौधे तैयार करने के लिए दिए। नर्सरी से तैयार पौधे जिले के सभी सार्वजनिक स्थलों पर लगाए जाएंगे और लोगों को भी वितरित किए जाएंगे।

जिला को स्वच्छ व सुंदर बनाने का संकल्प लेकर सहयोग करें नागरिक : संगीता तेतरवाल


              नगर आयुक्त संगीता तेतरवाल ने कहा कि जिला में 2 अक्तूबर से 17 अक्तूबर तक स्वच्छता पखवाड़ा मनाया जा रहा है। जिसके तहत प्रतिदिन विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से लोगों में स्वच्छता के प्रति जागरुकता लाने के साथ-साथ सफाई अभियान भी चलाया जा रहा है। शहरी क्षेत्र में वार्ड वाइज योजनाबद्ध तरीके से स्वच्छता अभियान चलाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि शहर को स्वच्छ व सुंदर बनाना सबकी सामूहिक जिम्मेवारी है। स्वच्छता अभियान के साथ जुड़कर नागरिक शहर को साफ-सुथरा बनाने में सहयोग करें। यदि शहरवासी संकल्प के साथ इस अभियान के साथ जुड़ेगे, तो इस कार्य में सफलता अवश्य मिलेगी। उन्होंने कहा कि सिरसा को साफ सुथरा व प्रदूषण मुक्त बनाना हम सबका सामाजिक दायित्व है और सभी नागरिकों के सहयोग से ही यह अभियान सफल बनाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि लोग अपने घरों में डस्टबिन का प्रयोग करें तथा गीला व सूखा कूड़ा अलग-अलग एकत्रित करें। इसके अलावा दुकानदार भी बाजारों में खुले में कूड़ा कर्कट न फैंके, डस्टबिन के माध्यम से ही नगर परिषद की गाड़ी में बने अलग-अलग भागों में गीला व सूखा कचरा डालें। उन्होंने कहा कि साफ सुथरा होने से न केवल शहर का सौंदर्यकरण बढ़ता है बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी स्वच्छता बेहद जरुरी है। दूषित वातावरण होने से अनेक प्रकार की बीमारियां फैलने की संभावना रहती है, इसलिए अपने आस पास गंदगी न फैलने दें और पॉलिथीन का प्रयोग न करें। उन्होंने कहा कि प्लास्टिक या पॉलिथीन स्वास्थ्य के लिए तो घातक है ही, पॉलिथीन सीवरेज व्यवस्था को भी ठप्प करता है।

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              नगर आयुक्त ने शहर वासियों से आह्वïान किया कि वे स्वच्छता अभियान में सहयोग करें और अपने शहर की स्वच्छता बनाने में हर संभव योगदान दें। इसके अलावा प्लास्टिक व पॉलिथीन का बढ़ता प्रयोग भी शहर की स्वच्छता को प्रभावित करता है। इसलिए नागरिक पॉलिथीन सिंगल यूज प्लास्टिक के थैलों के बजाय कपड़े व जूट से बने थैलों का प्रयोग करें। उन्होने कहा कि कपड़े के बने थैले मजबूत होते हैं और लंबे समय तक चलते हैं। सफाई का सबसे बड़ा दुश्मन पॉलिथीन है इसका प्रयोग न करे। छोटे-छोटे बच्चों को कचरा इधर-उधर न फैंकने दे उन्हें बताए कि कचरा डस्टबिन में ही फैंके। इससे बच्चों में अच्छे संस्कार पैदा होंगे और स्वच्छता के प्रति जागृति आएगी।