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जिला में मत्स्य पालन के क्षेत्र में रोजगार की अपार संभावनाएं हैं, योजनाओं का लाभ पहुंचाना सुनिश्चित करें अधिकारी : उपायुक्त अजय सिंह तोमर

– उपायुक्त की अध्यक्षता में प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत अधिकारियों की बैठक का आयोजन, 3040.90 लाख रुपये की लागत की 242 यूनिट को किया गया अप्रूव


सिरसा, 30 मार्च।

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जिला स्तरीय समिति के चेयरमैन एवं उपायुक्त अजय सिंह तोमर ने कहा कि जिला में मत्स्य पालन के क्षेत्र में रोजगार की अपार संभावनाएं हैं, इसलिए अधिकारी प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के अंतर्गत निजी भूमि पर तालाब निर्माण के लिए अधिक से अधिक पात्र व्यक्तियों को ऋण की सुविधा प्रदान की जाए। योजना के तहत प्राप्त आवेदनों में यदि कोई त्रुटि है तो उसे दूर करने में आवेदक की सहायता की जाए और योजना का लाभ दिया जाए।


उपायुक्त बुधवार को उनके कार्यालय कक्ष में प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा के तहत योजना वर्ष 2022-23 की जिला स्तरीय समिति की बैठक को संबोधित कर रहे थे। बैठक में सीईओ जिला परिषद सुशील कुमार, उप निदेशक मत्स्य विभाग रमेश कुमार ढांगी, उप निदेशक कृषि डा. बाबूलाल, जिला मत्स्य अधिकारी जगदीश चंद्र सहित अन्य कर्मचारी मौजूद थे।


बैठक में प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत वर्ष 2022-23 में शुरू किए जाने वाले विभिन्न प्रोजेक्ट का अनुमोदन किया गया। बैठक में 3040.90 लाख रुपये की लागत की 242 यूनिट को अप्रूव किया गया जिनमें से 1215.36 लाख रुपये संबंधित बेनेफिशरी का शेयर होगा और 1824.54 लाख रुपये विभाग के माध्यम से अनुदान स्वरूप प्रदान किए जाने का प्रावधान रखा गया है। जिला स्तरीय कमेटी के द्वारा अप्रूव किए गए कंपोनेंट को राज्य स्तरीय कमेटी के समक्ष आगामी कार्रवाई के लिए भेजा जाएगा। जिला स्तरीय कमेटी के चेयरमैन उपायुक्त हैं तथा सीईओ जिला परिषद, उप निदेशक मत्स्य विभाग, उप निदेशक कृषि विभाग, एलडीएम पीएनबी, केवीके के एचओडी, प्रगतिशील मत्स्य किसान बतौर सदस्य व जिला मत्स्य अधिकारी कमेटी के सदस्य सचिव हैं।

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उपायुक्त ने कहा कि प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना सरकार की महत्वाकांक्षी योजना है, इसलिए किसान इस योजना का लाभ उठाकर अपनी आय में वृद्धि कर सकते हैं। सफेद झींगा एवं मत्स्य पालन करने की अपार संभावनाएं है। बहुत से प्रगतिशील किसानों ने इन चुनौतियों को अवसर में बदलकर मत्स्य पालन से अपनी आमदनी को बढ़ा रहे है। उपायुक्त ने कहा कि प्रशासन का प्रयास है कि मत्स्य पालन से जुड़ी तकनीकी सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाएंगी, ताकि मत्स्य पालकों को और अधिक मुनाफा हो सके। उन्होंने बताया कि खारा पानी व लवणीय भूमि में मत्स्य पालन की अपार संभावनाएं हैं। योजना के तहत सरकार द्वारा सामान्य श्रेणी के लिए इकाई लागत का अधिकतम 40 प्रतिशत अनुदान व अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति/महिला श्रेणी के लिए इकाई लागत का 60 प्रतिशत अनुदान का प्रावधान है।


बैठक में जिला मत्स्य अधिकारी जगदीश चंद्र ने प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत वर्ष 2022-23 में शुरू किए जाने वाले विभिन्न प्रोजेक्ट के संबंध में विस्तृत जानकारी दी।