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जिला में अब तक मिली 23 पराली जलने की घटनाएं, जलाने वालों पर 45 हजार रुपये का लगा जुर्माना

सिरसा, 20 अक्तूबर।


जिला में धान की कटाई शुरू हो गई है। जहां जागरूक किसान फसल कटाई के बाद बचे अवशेषों का सही प्रबंधन कर रहे हैं, वहींं कई किसान पराली का उचित निपटान करने की बजाए उन्हें जला रहे हैं। जिला में अब तक 23 पराली जलाने की घटनाएं मिल चुकी हैं। पराली जलाने को लेकर संबंधित के खिलाफ कार्रवाई करते हुए 45 हजार रुपये का जुर्माना किया जा चुका है।

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उपायुक्त रमेश चंद्र बिढाण ने बताया कि प्रशासन प्रदेश सरकार के जीरो बर्निंग लक्ष्य की प्राप्ति की दिशा में गंभीरता से कार्य कर रहा है। पराली जलाने की घटनाओं पर अंकुश के लिए हरसैक के माध्यम से कड़ी निगरानी की जा रही है। अब तक जिला में हरसैक की रिपोर्ट के आधार पर 23 घटनाएं पराली जलाने की मिली हैं। पराली जलाने वालों पर अब तक 45 हजार रुपये का जुर्माना किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि पराली जलाने की घटनाओं पर अंकुश के लिए गांव स्तर पर कमेटी गठित की हुई है। यह कमेटी हरसैक से मिली रिपोर्ट पर तुरंत मौके पर पहुंचकर आगामी कार्रवाई अमल में ला रही है।


उपायुक्त ने किसानों से अपील करते हुए कहा कि वे पराली को न जलाएं। पराली जलाने से पर्यावरण पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। प्रदूषित वातावरण जहां अनेकों बीमारियों को जन्म देता है, वहीं अस्थमा से ग्रस्त लोगों व बच्चों के लिए बड़ा ही घातक सिद्ध होता है। उन्होंने कहा कि किसान भाई पराली को जलाने की बजाए उसका प्रबंधन करके दो कार्य अपने व सर्वहित में कर सकते हैं। एक पराली का प्रबंधन करके किसान अपनी आय में बढोतरी कर सकते हैं, दूसरा पराली का उचित निपटान करके पर्यावरण सरंक्षण में सहयोगी बन सकते हैं।

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जीरो बर्निंग लक्ष्य को प्राप्त करने वाली पंचायतें होंगी सम्मानित :


उपायुक्त रमेश चंद्र बिढाण ने बताया कि प्रदेश सरकार कृषि विभाग के माध्यम से ऐसी पंचायतें जोकि सरकार के जीरो बर्निंग लक्ष्य की दिशा में बेहतर कार्य करेंगी, उन्हें सम्मानित किया जाएगा। इसलिए सरपंच गांव में लोगों को पराली न जलाने की लिए जागरूक करें। ग्रामीणों को पराली जलाने से होने वाले नुकसान के साथ-साथ उन्हें प्रशासन की ओर से पराली जलाने पर की जाने वाली कार्रवाई बारे भी अवगत करवाएं।