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जिला को नशा, गंदगी व बेसहारा पशु मुक्त बनाने में सामाजिक संस्थाएं व प्रबुद्ध व्यक्ति दें योगदान : उपायुक्त रमेश चंद्र बिढाण

सिरसा, 27 सितंबर।

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              उपायुक्त रमेश चंद्र बिढाण ने कहा कि जिला को नशा, गंदगी बेसहारा पशु मुक्त बनाने के लिए हमें अपनी सोच को बदलना होगा। सकारात्मक सोच के साथ किया गया कार्य हमेशा सफल होता है। प्रशासन द्वारा जिला को अग्रणी बनाने की मुहिम में सामाजिक संस्थाएं व प्रबुद्ध लोग जुड़कर अपना योगदान दें।


              उपायुक्त रविवार को स्थानीय अनाज मंडी स्थित गांधी पार्क के सामने यंग इंडिया ऑरगेनाइजेशन द्वारा आयोजित डस्टबीन वितरण समारोह में मुख्यअतिथि के रूप में उपस्थितजन को संबोधित कर रहे थे। उपायुक्त ने चाय दुकानदार, रेहड़ी चालक व सब्जी विक्रेताओं को डस्टबीन देकर स्वच्छता का संदेश दिया। इस अवसर पर संस्था के संरक्षक नरेंद्र ढिंगरा, नगर परिषद सचिव ऋषिकेश, संस्था के चेयरमैन मोहित सोनी, डा. तुषार, हर्ष मारोडिया, संदीप, विष्णु, हेमंत कक्कड आदि मौजूद थे।


                  उपायुक्त ने कहा कि आज के समय जिला की तीन मुख्य समस्याएं हैं, जिनमें नशा, गंदगी व सड़कों पर घुमते बेसहारा पशु है। इन समस्याओं के समाधान के लिए जिला प्रशासन गंभीरता से कार्य कर रहा है। नगर परिषद द्वारा सामाजिक संस्थाओं के साथ मिलकर बेसहारा पशुओं को नंदीशाला भेजा जा रहा है। इसके साथ ही लोगों को अपने दुधारू पशुओं को खुला न छोडऩे के लिए जागरूक भी किया जा रहा है। लेकिन इस मुहिम में अभी बहुत कुछ करने की जरूरत है, इसके लिए सभी संस्थाओं व समाजसेवी लोगों का सहयोग जरूरी है।

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                  उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन व पुलिस द्वारा नशा के खिलाफ प्रभावी मुहिम चलाई गई थी, जिससे नशा रोकने की दिशा में बेहतर परिणाम भी सामने आए। कोरोना के मद्देनजर सोशल डिस्टेसिंग के कारण मुहिम धीमी पड़ गई थी। अब फिर दोबारा से इस दिशा में प्रभावी प्रयास शुरू कर दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि नशा मुक्त अभियान में सामूहिक प्रयास की अहम भूमिका होती है। नशा एक ऐसी बीमारी है, जिससे पैसा और व्यक्ति दोनों बर्बाद हो जाते हैं। नशा किसी व्यक्ति विशेष को  नहीं बल्कि पूरे समाज को प्रभावित करता है।


                  उन्होंने कहा कि हमें आंख मंूदकर नहीं बैठना है, क्योंकि आज यह किसी दूसरे के बच्चे को बर्बाद कर रहा है, तो कल को तुम्हारे बच्चे को भी बर्बाद कर सकता है। इसलिए हर व्यक्ति को नशा मुक्ति अभियान की मुहिम के साथ जुड़कर जिला से इसे जड़मूल से खत्म करने में अपना सहयोग देना चाहिए। उन्होंने कहा कि कोई भी व्यक्ति बेझिझकर होकर नशा बेचने वाले की सूचना प्रशासन द्वारा दिए टोल फ्री नम्बर दें। सूचना देने वाले का नाम गुप्त रखा जाता है और प्रशासन द्वारा पांच व्यक्तियों को नशा छुड़वाने वाले को विशेष रूप से सम्मानित भी किया जाएगा।

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                  उपायुक्त ने कहा कि स्वस्थता के लिए स्वच्छता बहुत जरूरी है। जहां स्वच्छ वातावरण होगा, वहां बीमारी नहीं होगी। वातावरण को सबसे अधिक प्रदूषित करने में पोलिथीन व प्लास्टिक की अधिक भूमिका है। पोलिथीन एक ऐसी वस्तु है, जोकि थल व जल दोनों को प्रदूषित करता है। यह गलता नहीं है और बारिश के पानी को धरती में नीचे जाने में अवरूद्ध पैदा करता है। इसलिए लोग पोलिथीन का प्रयोग न करें। कपड़े या जूट के बनें पोलिथीन का ही प्रयोग करें। दूसरी ओर सड़कों पर कूड़ा करकट डालने के के कारण अस्वच्छता फैलती है। यदि सड़क पर कूड़ा-करकट न हो तो पूरा शहर स्वच्छता के मामले में अग्रणी होगा। लोग कूड़ा-करकट के लिए विशेषक दुकानदार व रेहड़ी चालक अपने पास डस्टबीन रखें।


रेहड़ी चालक व दुकानदार कूड़ा-करकट के लिए रखें दो डस्टबीन :


                  उपायुक्त रमेश चंद्र बिढाण कहा कि प्राय: देखने में आया है कि दुकानदार, रेहड़ी चालक कूड़ा-करकट को सड़क पर फैंक देते हैं, जिससे गंदगी फैलती है। उन्होंने कहा कि दुकानदार अपने पास दो डस्टबीन रखें, जिनमें गिला व सूख कचरा अलग-अलग करके डालें। उन्होंने कहा कि मौके पर उपस्थित नगर परिषद सचिव को निर्देश देते हुए कहा कि अगले सप्ताह से कमर्शियल एरिया में भी दुकानों व रेहडिय़ों से भी कूड़ा-करकट उठाया जाए। इसके साथ-साथ इन्हें गीला व सूखा कचरा अलग-अलग एकत्रित करने के लिए प्रेरित किया जाए।