जिला का लिंगानुपात बेहतर, इसी मनोबल को बनाए रखने के लिए लगातार करना होगा प्रयास : उपायुक्त प्रदीप कुमार
उपायुक्त प्रदीप कुमार ने कहा कि पूरे प्रदेश में सिरसा जिला लिंगानुपात में नंबर वन है, यह हमारे लिए बड़े गौरव की बात है। लिंगानुपात में सुधार जिला प्रशासन, पंच-सरपंच तथा समाजसेवी संस्थाओं के सामूहिक प्रयास का नतीजा है। लेकिन इस मनोबल को लगातार बनाए रखने के लिए हम सबको मिलकर समाज में बेटियों के प्रति सोच को बदलना होगा और इस कार्य में महिलाएं अग्रणीय भूमिका निभा सकती है। उन्होंने कहा कि अगर महिलाएं तथा मौजिज व्यक्ति बेटियों की शिक्षा व लिंगानुपात में सुधार पर गंभीरता से चर्चा करें तो निश्चित रुप से समाज में एक सकारात्मक संदेश जाएगा और अवश्य ही इसके सार्थक परिणाम मिलेंगे।
वे आज स्थानीय शहीद भगत सिंह स्टेडिमय में महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा आयोजित ‘लोहड़ी की शाम, बेटियों के नामÓ उत्सव में बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर एसडीएम जयवीर यादव, जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग डा. दर्शना सिंह सहित विभिन्न गांवों के सरपंच व महिला एवं बाल विकास विभाग की सीडीपीओ, सुपरवाइजर, आंगनवाड़ी वर्कर व अन्य कर्मचारी उपस्थित थे।
उपायुक्त प्रदीप कुमार ने कार्यक्रम में उपस्थित सरपंचों, महिलाओं व बच्चों को लोहड़ी पर्व की बधाई दी और कार्यक्रम का शुभारंभ किया। लोहड़ी पर्व पर महिलाओं व बेटियों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम, लोहड़ी के गीत, भंगड़ा, छल्ला तथा नुक्कड़ नाटक आदि प्रस्तुत कर कार्यक्रम को हर्षाेल्लास से मनाया गया। इस पावन पर्व पर 24 जनवरी को राष्टï्रीय बालिका दिवस पर जन्मी बेटियों से केक कटवाया और खिलौने व ड्रेस तथा उनकी माताओं को मुंगफली, तिल, रेवड़ी, गज्जक आदि वितरित किए गए। कार्यक्रम के दौरान उपायुक्त ने जिला में लिंगानुपात में अव्वल गांवों के सरपंचों व इस दिशा में बेहतर कार्य करने वाली आंगनवाड़ी वर्करों को सम्मानित किया और कहा कि भविष्य में भी वे इसी प्रकार लिंगानुपात में सुधार के लिए और तनमनयता से कार्य करें।
उपायुक्त प्रदीप कुमार ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2014 में बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान की शुरुआत की थी। प्रदेश सरकार द्वारा लिंगानुपात में सुधार का संकल्प के तहत कई कारगर योजनाएं व ठोस कदम उठाए गए, जिसके परिणाम स्वरुप आज पूरे प्रदेश में ही लिंगानुपात में सराहनीय सुधार हुआ है। जिला में महिला एवं बाल विकास विभाग व गांव स्तर पर किए गए सराहनीय प्रयासों से ही जिला सिरसा लिंगानुपात में अव्वल है। उन्होंने कहा कि जिन गांवों में लिंगानुपात में सुधार की जरुरत है, उन पर विशेष फोकस करते हुए जागरुकता कार्यक्रमों का आयोजन किया जाए। इस कार्य में सभी सरपंच-पंच व गांवों के अन्य मौजिज व्यक्ति अपना पूर्ण सहयोग व योगदान दें ताकि समाज में बेटियों के प्रति सकारात्मक संदेश जाए। इसके अलावा विभाग समय-समय पर ऐसे कार्यक्रमों का आयोजन करें जिनके माध्यम से आमजन बेटियों की शिक्षा के प्रति जागरुक हो और इन कार्यक्रमों में लिंगानुपात सुधार में सराहनीय भूमिका निभाने वाले पंचायतों तथा अन्य टीमों को भी सम्मानित करें।
उन्होंने कहा कि ‘लोहड़ी की शाम, बेटियों के नामÓ उत्सव मनाने का मुख्य उद्देश्य बेटा तथा बेटी में भेदभाव को मिटाना है। प्रशासन की ओर से विशेष तौर पर अभिभावकों को बेटियों की शिक्षा व उन्हें जीवन में आगे बढाने का संदेश देने के लिए महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा गोद भराई, कूआं पूजन, बच्चियों का जन्मदिन आदि कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है ताकि बेटियों के प्रति लोगों की सोच में सकारात्मक बदलाव हो सके। उन्होंने कहा कि हमें बेटा तथा बेटी में कोई अंतर नहीं करना चाहिए बल्कि बेटियों की परवरिश बेटों की तरह करनी चाहिए क्योंकि अगर बेटियों को सही प्रोत्साहन व उचित मार्गदर्शन मिले तो बेटियां भी शिक्षा व अन्य गतिविधियों में अपने क्षेत्र के साथ-साथ माता पिता का नाम रोशन कर सकती है।
इस मौके पर सीडीपीओ श्रीमती दर्शना सिंह ने मुख्य अतिथि व अन्य अतिथियों का स्वागत करते हुए विभाग द्वारा बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान के तहत किए जा रह कार्यों व योजनाओं की जानकारी दी।
इन ग्राम पंचायतों के सरपंच हुए सम्मानित :
उपायुक्त प्रदीप कुमार ने लोहड़ी उत्सव कार्यक्रम में गांव जगमालवाली, केहरवाला, फग्गु, रिसालियाखेड़ा, ढुकड़ा, जगमलेरा, पनिहारी, देसूजोधा, सूचान, जमाल, भूर्टवाला, कागदाना, गांव डबवाली, बणी, मल्लेकां, नाथूसरी कलां, पन्नीवाला मोटा, चोटाला, बेगू व देसूमलकाना गांवों के सरपंचों को लिंगानुपात में बेहतर कार्य करने पर प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया।